Himachal Assembly Election. 12 नवंबर को हिमाचल की 68 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान के बाद से अब सभी सियासी दलों के साथ साथ आम जनता को 8 दिसंबर का इंतजार है. चुनाव आयोग के अनुसार इस बार के विधानसभा चुनाव में हिमाचल की जनता ने 1967 से लेकर अब तक के सभी रिकॉर्ड तोड़ डाले. हिमाचल में इस बार 75.6 फीसदी मतदान हुआ है. सियासी जानकारों का मानना है कि अगर किसी भी चुनाव में वोटिंग पर्सेंटेज बढ़ता है तो वो सत्ताधारी दल के लिए नुक्सान दायक होता है. लेकिन इन दावों पर मुहर लगता हिमाचल के कार्यवाहक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का एक बयान सामने आया है. न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए अपने वक्तव्य में जयराम ठाकुर ने कहा कि, ‘इस विधानसभा चुनाव में ये कहना जल्दबाजी होगी कि बीजेपी की जीत होगी या कांग्रेस की. दोनों ही दलों के बीच इस बार कड़ा मुकाबला है.’ एक तरफ जहां जयराम ठाकुर इस तरह के बयान दे रहे हैं तो वहीं पार्टी आलाकमान अब भी दम भर रहे हैं कि हिमाचल में एक बार फिर बीजेपी की सरकार बनने वाली है.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस के लिए भी काफी अहम रहने वाला है. लेकिन इस बार सबसे बड़ा सवाल एक है कि क्या बीजेपी 37 सालों से चले आ रहे हैं एक बार कांग्रेस एक बार भाजपा के रिवाज को तोड़ते हुए एक बार फिर प्रदेश की सत्ता पर काबिज होगी या फिर प्रदेश की जनता एक बार फिर परिवर्तन चाहती है. बावजूद इसके चुनाव के बाद भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता प्रदेश में पूर्ण बहुमत एवं रिकॉर्ड तोड़ते हुए सत्ता में वापसी का दम भर रही हो. लेकिन प्रदेश की 68 विधानसभा सीटों पर हुए मतदान का पर्सेंटेज और सूबे के कार्यवाहक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का बयान कुछ और ही बयां कर रहा है. प्रदेश में इस बार जनता ने सभी रिकॉर्ड तोड़ते हुए 75.6 फीसदी मतदान किया है. तो वहीं सियासी जानकारों का मानना है कि मतदान फीसदी के आंकड़ों में आगे और भी वृद्धि हो सकती है.
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इसी कड़ी में जहां कांग्रेस जीत का दम भारत हुए प्रदेश में सत्ता वापसी का सपना संजोये बैठी है तो वहीं सूबे कार्यवाहक मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के बयान से ये अंदेशा लगाया जा सकता है कि हिमाचल में अब भी पेंच फंसा हुआ है. न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए अपने एक वक्तव्य में जयराम ठाकुर ने कहा कि, ‘सर्वे के आधार पर तरह-तरह के अनुमान लगाए जा रहे हैं और मैं इस पर कोई कॉमेंट नहीं करना चाहता. इस बार भाजपा और कांग्रेस में कांटे की टक्कर है. भाजपा और कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला होगा. ना हम इस स्थिति में है कि एकतरफा जीत की बात कहें और ना कांग्रेस. कांग्रेस बेवजह कह रही है कि वो 40 से 50 सीटों पर जीत दर्ज कर रही है. एक चीज साफ है कि कांग्रेस के बड़े नेता हारने जा रहे हैं. मुझे लगता है कि हमें नतीजों का इंतजार करना चाहिए और इस पर अधिक कुछ कहने की जरूरत नहीं है.’
वहीं वोटिंग में महिलाओं के अधिक मतदान को लेकर ठाकुर इ कहा कि, ‘इससे भाजपा को फायदा हो सकता है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को महिलाओं का समर्थन हासिल है. महिलाओं की पहली पसंद यह है कि यदि उन्हें किसी नेता के लिए वोट देना है तो वह नरेंद्र मोदी हैं. वह पहली पसंद हैं. मोदी जी को महिलाओं का समर्थन मिला है.’ अब जयराम ठाकुर के इस तरह के बयानों से प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. सियासी जानकारों का मानना है कि जयराम ठाकुर का ये बयान कई मायनों में हार के संकेत के रूप में देखा जा सकता है. खैर अब 24 महिलाओं सहित 412 उम्मीदवारों का भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है.
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भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस ने जहां प्रदेश की सभी सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे, तो वहीं हिमाचल में अपनी सियासी जमीन तलाश रही आम आदमी पार्टी ने 67 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए. अन्य दलों की अगर बात की जाए तो मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 11, बहुजन समाज पार्टी 13, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी 1 और अन्य 45 उम्मीदवार अन्य सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं.