उत्तराखंड के कांग्रेसी दिग्गजों की शुरू हुई दिल्ली दौड़, कुर्सी पाने और बचाने के लिए होगी सियासी जोड़तोड़

उत्तराखंडी कांग्रेसियों की दिल्ली दौड़, सियासी गलियारों में चर्चा- दिल्ली दौड़ की असली वजह- 'कुर्सी की लड़ाई', रावत और प्रीमत सिंह में सीएम फेस की रेस, दूसरी तरफ पिछली बार की गलतियों से लिया सबक, तोड़फोड़ की कोशिश की आशंका के चलते प्रत्याशियों की हो सकती है बाड़ाबंदी, मतगणना में सतर्क रहने के निर्देश

कांग्रेसी दिग्गजों की शुरू हुई दिल्ली दौड़
कांग्रेसी दिग्गजों की शुरू हुई दिल्ली दौड़

Politlaks.News/UttrakhnadChunav. उत्तराखंड (Uttrakhand Assembly Election 2022) सहित पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों की मतगणना 10 मार्च को होनी है. इसी बीच उत्तराखंड (Uttrakhand Politics) में कांग्रेस (Congress) अपनी जीत सुनिश्चित मान कर बैठी है और शायद यही कारण है कि कांग्रेस के बड़े नेता एक बार फिर दिल्ली दौड़ लगा रहे हैं. नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह बीते रोज शुक्रवार को दिल्ली जा चुके हैं. प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल सात मार्च को दिल्ली जाएंगे. गोदियाल के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत(Harish Rawat) का भी दिल्ली में शीर्ष नेताओं से मुलाकात का कार्यक्रम है. ऐसे में कांग्रेसी हलकों में चर्चा गर्म है कि पार्टी आलाकमान चुनाव परिणाम से पहले और उसके बाद की स्थितियों के आधार पर अपनी रणनीति बना रहा है. बता दें, पंजाब, गोवा और उत्तराखंड में कांग्रेस सत्ता प्राप्ति की पूरी आस लगाए बैठी है. जिसके चलते जोड़-तोड़ और तोड़-फोड़ की राजनीति से बचाव के लिए कांग्रेस ऐसा कवच तैयार करने की जुगत में है कि जिसे भेदना भाजपा के लिए दुष्कर हो जाए. इन मुलाकातों के दौरान अपने प्रत्याशियों और जीत के बाद विधायकों को राजस्थान और छत्तीसगढ़ भेजे जाने की योजना पर भी मंथन हो रहा है.

भविष्य के हालातों को लेकर बन रही है रणनीति!
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के 8 मार्च तक दिल्ली जाने की संभावना है. कांग्रेस नेताओं का 10 दिन के भीतर यह दूसरा दिल्ली दौरा होगा. पार्टी शीर्ष नेताओं से मेल मुलाकातों के इस सिलसिले को भविष्य की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. खासकर पूर्व सीएम रावत कैंप और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम कैंप में इन मुलाकातों को लेकर काफी सक्रियता है.

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कुर्सी की लड़ाई भी है अहम!

सियासी जानकारों का कहना है कि प्रदेश में कांग्रेस के सरकार बनाने की स्थिति में दोनों नेता सीएम की कुर्सी के प्रबल दावेदार हैं. दूसरी तरफ, प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि, ‘मतगणना को लेकर शीर्ष नेताओं के साथ चर्चा के लिए वो दिल्ली जा रहे हैं. अभी खाली समय भी है, इसलिए सभी से मुलाकात करना आसान होगा. दिल्ली के दौरों को सियासी नजरिए से नहीं देखा जाना चाहिए’.

मतगणना की रणनीति पर हो रही है चर्चा- रावत

दूसरी तरफ, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने दौरे को सामान्य दौरा बताया. रावत ने कहा कि, ‘शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात नियमित रूप से होती रहती हैं. चूंकि मतगणना करीब है, इसलिए शीर्ष नेताओं को मतगणना की रणनीति पर भी चर्चा की जाएगी’.

अबकी बार गलने वाली नहीं है भाजपा की दाल- गोदियाल

मतगणना के बाद दलबदल की आशंका को कांग्रेस ने पूरी तरह से खारिज कर दिया. कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोदियाल ने कहा कि, ‘अब भाजपा की दाल गलने वाली नहीं है. कांग्रेस के सभी प्रत्याशी मजबूत हैं. कोई भी भाजपा के झांसे में आने वाला नहीं है. साल 2016 में जरूर भाजपा ने दलबदल करने में कामयाबी पा ली थी, पर अब भाजपा की असलियत सबके सामने आ चुकी है’.

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‘मतगणना के दौरान सतर्क रहने के निर्देश’

प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने कहा कि, ‘सभी प्रत्याशियों और जिला-महानगर पदाधिकारियों को मतगणना को लेकर गाइड लाइन जारी की जा रही है. पोस्टल बैलेट व सर्विस वोटर को लेकर अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी’. गोदियाल ने कहा कि, ‘भाजपा द्वारा सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतें आने लगीं हैं इसलिए एहतियात बरतना जरूरी है’.

राजस्थान या छत्तीसगढ़ भेजे जा सकते हैं प्रत्याशी

कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष चाहे जो कहें उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का नतीजा आने से पहले कांग्रेसी दिग्गजों का मंथन कुछ और ही कहानी बयान कर रहा है. कांटे का मुकाबला होने की वजह से उनके दिल भी धक-धक कर रहे हैं. इस बीच सियासी हलकों में अटकलें तेज हैं कि कांग्रेस अपने जिताऊ माने जाने वाले प्रत्याशियों को राजस्थान या छत्तीसगढ़ भेज सकती है.

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