Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान में गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल का पुनर्गठन हो चुका है. लेकिन नए-नवेले मंत्रियों की बदजुबानी ने रंग में भंग डाल रखा है. आपको याद दिला दे कि हाल फिलहाल में राजस्थान भाजपा के नेताओं की बदजुबानी की खबर को पॉलिटॉक्स ने प्रमुखता से चलाया था अब कांग्रेस दिग्गजों की महिलाओं और शराब को लेकर की बयानबाजी की गई है. नए मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा और सलाहकार ने बॉलीवुड स्टार कंगना और कैटरिना कैफ पर तो आबकारी मंत्री परसादी ने लोगों को सरकारी शराब पीने की सलाह दी है. इन नेताओं के बयान के बाद सोशल मीडिया पर मिक्स रिएक्शन आ रहे हैं. वहीं बता दें कि, ‘महिलाओं को लेकर अपशब्द कहना, मजाक उड़ाना सभी धारा 354 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है’. आइए आपको बताते हैं क्या कुछ कहा है इन तीनों नेताओं ने.
सड़कें बननी चाहिए कैटरीना कैफ के गाल जैसी…: राजेन्द्र गुढ़ा
गहलोत मंत्रिमंडल पुनर्गठन में नए-नए मंत्री बनाए गए राजेन्द्र गुढ़ा ने एक सभा में चीफ इंजीनियर से कहा कि, ‘मेरे गांव में हेमा मालिनी के गाल जैसी सड़कें बननी चाहिए.’ फिर बोले कि, ‘हेमा बूढ़ी हो गई है’ फिर जनता से पूछा कि, ‘आजकल कौन सी एक्ट्रेस है. लोगों ने कैटरीना कहा, मंत्री बोले- ‘हां कैटरीना के गालों जैसी बननी चाहिए’. आपको बता दें कि, ‘माननीय’ गुढ़ा पहले भी एक बार कह चुके हैं कि, ‘आरोपी की बहन-बेटियों को उनके घर से उठाकर ले जाएंगे’.
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पीएम ने नाचने वाली कंगना समेत 15 सलाहकार हैं रखे- राजकुमार शर्मा
मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा के बाद नंबर आता है सीएम गहलोत के नए नए सलाहकार राजकुमार शर्मा का. जब सलाहकार साहब से पूछा गया कि सलाहकार की जरुरत क्या है? तो नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा ने कहा कि, ‘पीएम ने कंगना रनौत जैसी नाचने वाली समेत 15 सलाहकार रखे हैं. क्या पीएम इतने कमजोर हैं कि 15 सलाहकारों की जरूरत है? हालांकि बाद में सफाई देते हुए राजकुमार ने कहा कि, ‘कंगना ने किसानों को आतंकी बताया. आजादी को भीख में मिली हुई बताया था. इसी संदर्भ में मैंने कहा. राजकुमार शर्मा को राजस्थान की राजनीति में संजीदा विधायकों में गिना जाता है. उनके द्वारा कंगना पर की गई टिप्पणी किस गुस्सें में की गई ये समझ से परे है.
आबकरी मंंत्री ने दी सरकार शराब पीने की सलाह
गहलोत सरकार के नए आबकारी मंत्री परसादी लाल मीणा ने तो जनता को सरकारी शराब पीने की सलाह दे डाली. बुधवार को जब मंत्री परसादी लाल मीणा से पूछा गया कि मंत्री के रूप में वे दवा और दारू में से किसे प्राथमिकता देंगे तो परसादी बोले कि, ‘आपको पता है कि पटना में शराबबंदी है, वहां लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं. मरने से तो अच्छा है सरकारी सिस्टम से शराब लेकर पी लें. पीनी है तो पीयो और नहीं पीनी है तो मत पीओ’. परसादी मीणा का यह बयान अब सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है.
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दिग्गजों की बदजुबानी पर चर्चाओं का दौर
भाजपा नेताओं के बाद अब कांग्रेसी दिग्गजों की इस बदजुबानी की श्रृंखला ने साबित कर दिया है कि नेता लोग सुधरने वाले नहीं. एक तथ्य यह भी है कि नेताओं की बदजुबानी सुर्खियां जरूर बनती है. इस बात का लोभ भी शायद इस ओर नेताओं को बढ़ाता है. कांग्रेस, वह पार्टी है जो अपनी अध्यक्षा सोनिया गांधी के असली इतालवी नाम एंटोनियो माइनो का जिक्र होने पर भड़क उठती है, इसी पार्टी के सरकार के मंत्री महिलाओं के लिए जो अमर्यादित टिप्पणी कर रहे हैं उन पर क्या कांग्रेस की अनुशासन समिति संज्ञान लेगी? बात करें राजस्थान में विपक्ष की तो उन्हें तो अपने झगड़ों से फुर्सत नहीं है. उन्हें महिला सम्मान की कोई चिंता है भी या नहीं. अब तक इन तीनों कांग्रेस दिग्गजों के बयान पर उनकी ओर से कोई भी टिप्पणी या बयान नहीं आया है.