Karnataka Assembly Election 2023 Special: कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के लिए चुनावी रैलियों का ये अंतिम चरण चल रहा है. कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस चुनावी रैलियों एवं जनसभाओं में जमकर पसीना बहा रही हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद कर्नाटक विस चुनाव की बागड़ौर अपने हाथ में ली हुई है और पिछले तीन दिनों से हर दिन जनसभाएं कर रहे हैं. इधर पूर्व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी अपने निशाने सत्ताधारी सरकार पर तेज करते हुए एक दिन में तीन तीन रैलियों को अंजाम दिया है ताकि कर्नाटक में सत्ता वापसी हो सके. गौर करने वाली बात ये है कि जहां पीएम नरेंद्र मोदी कर्नाटक में विकास का मुद्दा बताते हुए केवल केंद्र सरकार की राष्ट्रीय राजनीति एवं उपलब्धियों को प्रदेश की जनता के समक्ष रख रहे हैं, वहीं दूसरी ओर राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी स्थानीय मुद्दों को तरजीह देकर शुरूआती लीड हासिल करने में लगे हैं.
इसमें कोई दोराय नहीं है कि कर्नाटक में कांग्रेस के साथ जो हुआ, वो सही नहीं था. पिछले विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस की मिली जुली सरकार बनी थी लेकिन कुछ विधायकों के इस्तीफे देकर बीजेपी में मिल जाने की वजह से सरकार गिर गई. जनता ने इसे देखा और कहीं न कहीं जनता की सहानुभूति कांग्रेस के साथ है. कांग्रेस इस सहानुभूति को भुनाने का प्रयास भी कर रही है लेकिन कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने चुनावी माहौल में ‘जहरीला सांप’ छोड़कर पार्टी को बैकफुट पर ला दिया है.
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काबिलेगौर है कि कर्नाटक में जाना पहचाना चेहरा येदुरप्पा को बीजेपी अब केवल एक पोस्टर बाॅय की तरह इस्तेमाल कर रही है. वैसे उनकी भूमिका अब केवल एक सलाहकार से अधिक नहीं है. वहीं कर्नाटक के वर्तमान मुख्यमंत्री बोम्मई की प्रसिद्धि और उपलब्धियां अंगुलियों पर गिनने लायक भी नहीं हैं. ऐसे में उनकी नैया केवल मोदी नाम की पतवार पर ही टिकी हुई है. इधर, डीके शिवकुमार और पूर्व सीएम सिद्धारमैया के नेतृत्व में कांग्रेस पिछले तीन सालों से साईलेंट प्रचार कर जनता के मन में बसने का अथक प्रयास कर रही है. लेकिन चुनावी समर के बीच खरगे ने पीएम मोदी को जहरीला सांप कह दिया. हालांकि विवादों में आते ही उन्होंने माफी मांग ली लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी है.
पीएम मोदी खुद अपनी चुनावी सभाओं में कई बार इस बात का जिक्र कर चुके हैं. यहां तक कि पिछले 9 सालों में कांग्रेस के नेताओं ने जितनी भी बार उन्हें गालियां दी या टिप्पणी की, उसका पूरा लेखा जोखा उन्होंने निकलवा लिया है. मोदी जी इन दिनों हर चुनावी रैली में कह रहे हैं कि कांग्रेसियों ने मुझे 91 बार गालियां दी है. खरगे के बयान से जो लीड कांग्रेस पास थी, वो अब खिसकती हुई बीजेपी के पाले में जाती दिख रही है.
कर्नाटक में राहुल गांधी भी एकदम नए अवतार में नजर आ रहे हें. राहुल गांधी केंद्र की राजनीति या पीएम मोदी पर हमला करने की जगह कर्नाटक के स्थानीय मुद्दों एवं समस्याओं पर जनता का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं. गोवा, महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच पानी का मसला, राज्य में शिक्षा- स्वास्थ्य एवं बेरोजगारी आदि समस्याओं पर आवाज उठा रहे हैं. वहीं युवाओं को भत्ता, महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा, आंगनवाडी महिलाओं को वेतन बढ़ाने और दूध पर सब्सिडी बढ़ाने जैसी योजनाओं का लालच भी दिया जा रहा है.
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कांग्रेस जिस तरह से चुनाव लड़ रही है या स्थानीय मुद्दों को उठा रही है, वो देखा जाए तो पिछले कुछ चुनावों में केंद्रीय राजनीति स्थानीय मुद्दों पर भारी रही है लेकिन कर्नाटक की राजनीति थोड़ी अलग है. यहां स्थानीय मुद्दे एवं समस्याएं उठाने का फायदा कांग्रेस को मिल सकता है. बशर्ते कांग्रेसी नेता पीएम मोदी पर निशाना साधना बंद कर दें.
देखा जाए तो लगातार विवादित बयान देकर कांग्रेस खुद के पैरों पर ही कुल्हाड़ी मार रही है. मल्लिकार्जुन खड़गे के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना जहरीले सांप से करने के बाद अब उनके बेटे प्रियांक खड़गे ने भी विवादित बयान दे दिया. प्रियांक ने कहा कि डरो मत. दिल्ली में बंजारा समाज का एक बेटा बैठा है. जब बेटा नालायक है तो घर कैसे चलेगा. ऐसा करके प्रियांक ने कांग्रेस को फिर से एक कदम पीछे धकेल दिया है.
वैसे बता दें कि 224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में चुनाव 10 मई को हैं. तीन दिन बाद यानि 13 मई को चुनाव का परिणाम घोषित किया जाएगा. मुख्य टक्कर हमेशा की तरह बीजेपी और कांग्रेस में है लेकिन जेडीएस के मुकाबले में होने से दोनों तरह के वोट कटना निश्चित है. हालांकि जेडीएस हमेशा से थर्ड पार्टी के तौर पर किंगमेकर की सियासत बिछाने पर काम कर रही है.