Politalks.News/Goa. गोवा में विधानसभा चुनाव (Goa Assembly Election 2022) का घमासान तेज हो चला है. इसके साथ ही इतिहास को देखते हुए भविष्य की चिंता भी पार्टियों को सताने लगी है. इसके लिए वर्तमान में सच्चे झूठे इंतजाम किए जा रहे हैं. गोवा विधानसभा चुनाव से जुड़े इतिहास को ध्यान रखते हुए राजनीतिक पार्टियों को दल-बदल का डर सताने लगा है. एक दिन पहले बुधवार को आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों ने चुनाव जीतने के बाद दल नहीं बदलने की शपथ ली. ये शपथ आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की मौजूदगी में ली गई. अब कांग्रेस पार्टी (Congress) के उम्मीदवार भी शुक्रवार को वफादारी की शपथ लेंगे. उम्मीदवारों का यह ‘शपथ ग्रहण’ कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मौजूदगी में होना तय माना जा रहा है.
दरअसल, राहुल गांधी शुक्रवार को अपने एक दिवसीय दौरे के लिए गोवा जा रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि पिछले चुनावों में गोवा में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, पार्टी ने 40 में से 17 सीटें जीतीं थी लेकिन सरकार बीजेपी ने बनाई. यही नहीं पांच साल पूरे होने तक एक एक कर 15 कांग्रेसी विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया. इससे सबक लेते हुए पार्टी ने यह कदम उठाने की तैयारी की है. सियासी चर्चा तो यह है कि ये कसमें वादे तो धरे रह जाते हैं…..
यह भी पढ़ें- असम के नेताओं के सामने कुत्तों को बिस्किट खिलाने वाले नहीं करें शालीनता की बात- बिस्वा का हमला
राहुल गांधी की मौजूदगी में दिलाई जाएगी शपथ- ‘नहीं छोड़ेंगे पार्टी’
गोवा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसी) के प्रवक्ता ने कहा कि, ‘शुक्रवार को गोवा पहुंचने पर राहुल गांधी सबसे पहले यहां के डोना पाउला में इंटरनेशनल सेंटर में पार्टी नेताओं के साथ बैठक करेंगे. पार्टी ने दोपहार 1 बजे प्लेज ऑफ लॉयल्टी नामक एक कार्यक्रम की योजना बनाई है जिसमें चुनाव उम्मीदवार और अन्य नेता गांधी की उपस्थिति में पार्टी के प्रति वफादारी की शपथ लेंगे’. पार्टी पदाधिकारी ने बताया कि, ‘दोपहार तीन बजे राहुल गांधी राज्य के विभिन्न हितधारकों के सात बातचीत करेंगे और शाम पांच बजे वह सांखलिम में एक जनसभा को संबोधित करेंगे’.
14 फरवरी को डाले जाएंगे वोट
गोवा विधानसभा चुनाव के कांग्रेस ने गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के साथ करार किया है. ‘ग्रैंड ओल्ड’ कांग्रेस पार्टी ने जहां 37 उम्मीदवार खड़े किए हैं, वहीं जीएफपी तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है. आपको बता दें कि, गोवा की सभी 40 विधानसभा सीटों पर 14 फरवरी को चुनाव होंगे और नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे.
केजरीवाल ने भी प्रत्याशियों की दिलाई कसमें
आपको बता दें कि आम आदमी पार्टी प्रमुख एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी गोवा में विधानसभा चुनाव के लिए एक शपथ पत्र सामने लाए. यह शपथ पत्र उनकी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए था, जिस पर उन्होंने प्रत्याशियों से हस्ताक्षर करवाए. इस शपथ पत्र में कहा गया कि, ‘चुनाव जीतने के बाद कोई विधायक दूसरी पार्टी में नहीं जाएगा’. इस दौरान केजरीवाल ने कहा कि, ‘किसी भी पार्टी के टिकट से नेता चुनाव लड़ते हैं और फिर जीतने के बाद पार्टी बदल लेते हैं. ये मतदाताओं के साथ धोखा होता है, इसलिए हम आज इस शपथ पत्र साइन कर रहे हैं’. केजरीवाल ने कहा कि, ‘इस शपथ पत्र की कॉपी जनता तक भी पहुंचाई जाएगी. इसमें ये भी लिखा होगा कि अगर जीतने के बाद हम अपनी पार्टी बदलें और काम न करें तो आप हम पर एफआईआर कर सकते हैं’.
यह भी पढ़ें- डबल इंजन सरकार के विकास के दावों को छोड़ यूपी में BJP ने उठाए ‘परंपरागत’ चुनावी ‘हथियार’!
कांग्रेस के 17 विधायक जीते थे, एक-एक कर 15 ने छोड़ा पार्टी का साथ
आपको बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव से अब तक पार्टी के टिकट पर निर्वाचित अधिकतर विधायकों ने पार्टी का साथ छोड़ दिया था. कांग्रेस को वर्ष 2017 में राज्य की 40 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 17 सीटों पर जीत मिली थी और वह सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी गोवा में बीते पांच साल के अंदर कांग्रेस के सदन में सिर्फ दो विधायक बचे. 2019 में कांग्रेस के 10 विधायक सत्तारूढ़ भाजपा में शामिल हो गए थे.