जयपुर ग्रामीण का सियासी रण
राजस्थान लोकसभा चुनावों की रणभेरी बज चुकी है. प्रदेश की 25 सीटों पर दो चरणों में चुनाव संपन्न होंगे. जयपुर ग्रामीण एक हॉट सीट है जहां पर पहले चरण में 19 अप्रैल को चुनाव होने हैं. इस सीट पर जितने राजनीतिक दांव पेंच चले जा रहे हैं, उससे कहीं ज्यादा जातीय समीकरणों पर ध्यान दिया जा रहा है. जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी ने राव राजेंद्र सिंह को मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने युवा नेता अनिल चोपड़ा पर दांव खेला है. माना जा रहा है कि बीजेपी का गढ़ रही जयपुर ग्रामीण संसदीय क्षेत्र में अनिल चोपड़ा सेंध लगा सकते हैं. यहां उन्हें मजबूत दावेदार माना जा रहा है.
2008 में हुए परिसीमन के बाद जयपुर ग्रामीण लोकसभा सीट बनी. इस सीट पर हमेशा बीजेपी का दबदबा रहा है. बीजेपी के खिताबी उम्मीदवार राव राजेंद्र सिंह ने इस सीट से केवल एक बार चुनाव लड़ा है और उन्हें हार मिली थी. विधानसभा उपाध्यक्ष रह चुके राव राजेंद्र सिह वसुंधरा गुट के बड़े समर्थक माने जाते हैं. इसके बावजूद बीजेपी ने उन्हें सुरक्षित सीट से मैदान में उतारा है. राव राजेंद्र मोदी की केंद्र सरकार की योजनाओं के दम पर आम जनता के बीच जाकर वोट अपील कर रहे हैं. हालांकि ये इलाका राजपूत और जाट समुदाय से घिरा हुआ है. फिर भी दो बार राज्यवर्धन सिंह राठौड़ के चलते यह सीट एक सुरक्षित सीट मानी जा रही है जहां सेंध लगाना थोड़ा मुश्किल है.
यह भी पढ़ें: नागौर में दो पुराने प्रतिद्वंद्वी आमने-सामने, किसकी जलेगी ‘ज्योति’ तो कौन बनेगा ‘हनुमान’?
बताया जा रहा है कि सीएम भजनलाल शर्मा और प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने उनके पक्ष में पैरवी की. साफ छवि होने से राव राजेन्द्र का विरोध सीईसी के स्तर पर किसी ने किया भी नहीं और अंतत: उन्हें टिकट मिल गया. साल 2009 में राव राजेन्द्र सिंह को बीजेपी ने जयपुर ग्रामीण क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया था. हालांकि राव कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार लालचंद कटारिया से चुनाव हार गए थे. राव 2003, 2008 व 2013 में लगातार विधायक रहे लेकिन 2018 में शाहपुरा से चुनाव हार गए.
2023 के विधानसभा चुनाव में उन्हें टिकट नहीं दिया गया. हालांकि लोकसभा चुनाव में टिकट देकर इसकी भरपायी कर दी गयी है. अब राव का काम इस सीट पर हैट्रिक जमाने की है. इस सीट पर लगातार दो बार कर्नल राज्यवर्धन सिंह सांसद रहे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी के कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को 820132 वोट मिले थे. यहां उन्होंने कांग्रेस की कृष्णा पूनिया को 393171 मतों से हराया था. राज्यवर्धन सिंह ने 2014 में कांग्रेस के सीपी जोशी को 3 लाख से अधिक वोटों से हराया था. फिलहाल राज्यवर्धन सिंह राज्य कैबिनेट में मंत्री हैं.
यह भी पढ़ें: सीपी जोशी को भीलवाड़ा से उतारने के पीछे क्या है कांग्रेस की सोच?
दूसरी तरफ जयपुर ग्रामीण से कांग्रेस के युवा उम्मीदवार अनिल चोपड़ा राजस्थान विश्वविद्यालय के छात्रसंघ अध्यक्ष रहे चुके हैं. चोपड़ा एनएसयूआई के राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं. वे फिलहाल राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य भी हैं. युवा नेता होने का फायदा चोपड़ा को मिल सकता है.
2019 में इतने थे मतदाता
साल 2019 में जयपुर ग्रामीण लोकसभा क्षेत्र में कुल 1952542 मतदाता थे जिनमें से पुरुष 1031244 और महिला 921293 वोटर थे. इस सीट पर यादव समुदाय का वर्चस्व है लेकिन सबसे ज्यादा गुर्जर मतदाता हैं. वहीं, सामान्य वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी वर्ग भी बड़ी संख्या में हैं. मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक भूमिका में हैं. यादव या अहीर समुदाय की कोटपूतली, शाहपुरा, बानसूर, झोटवाड़ा, विराटनगर, आमेर में सबसे अधिक आबादी है और 3 लाख से अधिक आबादी के साथ फुलेरा और जमवा रामगढ़ में महत्वपूर्ण है जो जयपुर ग्रामीण लोकसभा चुनाव का पलड़ा राव राजेंदर के पक्ष में पलट सकते है.