Politalks.News/Rajasthan. करौली में हुई सांप्रदायिक हिंसा को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. शहर में शनिवार को जब हिन्दू संगठनों द्वारा नवसंवत्सर पर आयोजित एक बाइक रैली समुदाय विशेष बहुल इलाके से गुजर रही थी, तभी कुछ शरारती तत्वों ने पथराव किया. इसके बाद हिंसा भड़क गई और उपद्रवियों ने कुछ दुकानों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. इस पूरी घटना के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए कर्फ्यू लगा दिया. इस पुरे मामले में पुलिस ने 46 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पूरी घटना को लेकर बीजेपी पर जमकर निशाना साधा तो वहीं बीजेपी ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार किया है. विपक्ष का कहना है कि, ‘अपनी विफलता छिपाने के लिए मुख्यमंत्री ने ध्रुवीकरण का एक बयान रट लिया है.’
शनिवार को राजस्थान के करौली नवसंवत्सर पर आयोजित बाइक रैली पर कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा किये गये पथराव के बाद भड़की हिंसा ने कुछ दुकानों और मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया. घटना में कई दुकानें, वाहन और अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गये. जिसके बाद पुलिस ने करौली में कर्फ्यू लगा दिया और 46 लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया. अब इस पूरे मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को बाड़मेर सर्किट हाउस में हुई एक पत्रकार वार्ता के दौरान बीजेपी को इस घटना के लिए दोषी करार दिया. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘ये जो ध्रुवीकरण हो रहा है ये उचित नहीं है धर्म के नाम पर, जाति के नाम पर, ये देशहित में नहीं है, उसी कारण से जगह-जगह पर तनाव पैदा होता है.’
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सीएम गहलोत ने पत्रकार वार्ता के दौरान कहा कि, ‘मुझे चिंता लगी हुई है जबसे मैंने सुना है कि करौली के अंदर जिस प्रकार से घटना हुई है, मैंने अभी सुबह भी बात की डीजी से, उनको मैंने कहा कि जिन्होंने हरकत की है, जिन्होंने ये दंगे भड़काने का प्रयास किया है, इसके पीछे कौन-कौनसी ताकतें थीं, उन सबके खिलाफ आप कड़ी से कड़ी कार्रवाई करो, चाहे कोई कौम हो, कोई धर्म के लोग हों, उनमें एक मैसेज जाना चाहिए कि राजस्थान में कानून का राज ही स्थापित रहेगा, ये मेरा मानना है.’
सीएम गहलोत के बयान पर अब बीजेपी नेताओं ने भी पलटवार शुरू कर दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘जाति, धर्म के नाम पर तुष्टिकरण की राजनीति कांग्रेस की देन है, जो उसने देश की सत्ता में रहते हुये 50-55 वर्षों तक की, आज भी कांग्रेस यह राजस्थान में कर रही है. कांग्रेस सरकार राजस्थान में इस कदर तुष्टिकरण कर रही है, जिसमें बहुसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार बढ़ते जा रहे हैं, और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दंगा, उपद्रव होने के बाद खुद की सरकार की विफलताओं को छिपाने, कांग्रेस की जाति-धर्म की राजनीति से ध्यान भटकाने के लिये प्रेस कांफ्रेंस करते हैं, जिसमें वह झूठ का पुलिंदा परोसते हैं, भाजपा व केन्द्र सरकार पर झूठे आरोप लगाकर इतिश्री कर लेते हैं, जो उनकी आदत बन चुकी है.’
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पूनियां ने आगे कहा कि, ‘करौली में नव संवत्सर (हिन्दू नववर्ष) पर हिन्दुओं की रैली पर समाज कंटकों ने पूर्व नियोजित हमला किया, इससे पहले बारां जिले के छबड़ा में भी दुकानों को जला दिया गया, जिसमें करोड़ों रुपयों का नुकसान हुआ, आज तक मुआवजा नहीं दिया, अपराधियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. प्रदेश में जब हिन्दुओं पर हमले, अत्याचार होते हैं तो बतौर मुख्यमंत्री व गृहमंत्री अशोक गहलोत विफल नजर आते हैं, पुलिस का इकबाल पूरी तरह खत्म हो चुका है, अशोक गहलोत ना तो हिन्दुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर पा रहे हैं और उपद्रव होने बाद दोषियों को बचा लिया जाता है, पीड़ित न्याय के लिये भटकते रहते हैं.पूनियां ने कहा कि, कांग्रेस आलाकमान गांधी परिवार को प्रसन्न रखने व उनकी नजरों मे अपने नंबर बढ़ाने के लिये अशोक गहलोत तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं, सिलेक्टिव राजनीति करते हैं, जिसमें राजस्थान के पीड़ित हिन्दू परिवार आज भी न्याय के लिये दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं.
वहीं विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘आज राजस्थान की जनता सब जानती है. जिस प्रकार एनसीआरबी के आंकड़े चीख-चीख कर प्रदेश में बढ़ते अपराध और अपराधियों के हौसले की कहानी बयां कर रहे हैं. वो सबके सामने हैं. मुख्यमंत्री पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें और फिर बीजेपी पर आरोप लगाएं. राजस्थान के इतिहास में अब तक के सबसे विफल गृहमंत्री के रूप में गहलोत की गिनती होगी. देश में सांप्रदायिक तनाव बिगड़ने की यह पहली घटना नहीं बल्कि पहले भी कई घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन मुख्यमंत्री इन घटनाओं को रोकने में असफल साबित हुए और हमेशा भाजपा पर ध्रुवीकरण का आरोप लगाते रहे. अब एक बार फिर से करौली की शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है.