CM गहलोत राजनेता नहीं, राजनीति के हैं प्राणी, वे सिर्फ युवराज की चिंता करते हैं, युवाओं कि नहीं- राठौड़

मुख्यमंत्री गहलोत तो उस पार्टी से संबंध रखते हैं जिस पार्टी के अंदर उस व्यक्ति का स्वागत करा गया, जिस व्यक्ति ने भारतीय सेना को कहा था बलात्कारी, इनकी यही पीढ़ी नहीं इनकी जो पिछली पीढ़ियां है कांग्रेस के अंदर जो इस खास परिवार की पीढियां उन्होंने लगातार किया है भारतीय सेना का अपमान, नेहरू जी ने यहां तक कह दिया था कि भारत को भारतीय सेना की नहीं है जरूरत- राठौड़

राठौड़ के निशाने पर गहलोत
राठौड़ के निशाने पर गहलोत

Politalks.News/Rajasthan. एक तरफ जहां देश के युवा बेरोजगार अग्निपथ योजना के विरोध में सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं, तो सियासी दल अपनी अपनी रोटियां सेकने में जुट गए हैं. हालांकि सभी दल अपने अपने तरीके से बेरोजगार युवाओं से उग्र प्रदर्शन नहीं करने की अपील तो कर रहे हैं साथ ही उनके इस प्रदर्शन को लेकर एक दूसरे को दोषी करार दे रहे हैं. यहीं नजारा राजस्थान का भी है. शनिवार को जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के निवास पर हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में अग्निपथ योजना को केंद्र सरकार द्वारा वापस लेने का प्रस्ताव पारित किया गया. तो वहीं प्रदेश सरकार के इस फैसले पर बीजेपी ने निशाना साधा. भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा कि, ‘सीएम अशोक गहलोत ने हमेश राजनीति को राष्ट्रनीति से ऊपर रखा है. इसीलिए उन्होंने मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाकर ये प्रस्ताव पारित किया है.’

दरअसल, केंद्र सरकार की सेना भर्ती योजना के खिलाफ देशभर में भड़की आग से राजस्थान भी अछूता नहीं है. राजस्थान में भी अब केंद्र की इस योजना के खिलाफ युवाओं का आक्रोश फुट रहा है और उनका प्रदर्शन भी उग्र होने लगा है. ऐसे में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को अपने आवास पर मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाकर एक प्रस्ताव पारित किया. सीएम गहलोत ने बताया कि, ‘केन्द्र सरकार को ऐसी कोई भी योजना लाने से पहले सभी हितधारकों के साथ व्यापक चर्चा करनी चाहिए थी लेकिन उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया, जिसका परिणाम पूरा देश देख रहा है. अतः राज्य मंत्रिपरिषद् सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पास करती है कि व्यापक जनहित एवं युवाओं की भावना को ध्यान में रखते हुए अग्निपथ योजना को वापस लिया जाए.’ इसके साथ ही मंत्री परिषद् की बैठक में सीएम गहलोत ने बताया कि ‘मंत्री परिषद् की बैठक में राज्य मंत्रिपरिषद ने युवाओं से संयम रखते हुए अपनी बात शांतिपूर्ण, अहिंसक एवं लोकतांत्रिक तरीके से रखने की अपील है.’

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राज्यसरकार द्वारा मंत्री परिषद् की बैठक में पास किये गए इस प्रस्ताव पर बीजेपी ने निशाना साधा है. भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने प्रदेश भाजपा कार्यालय पर पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि, ‘राजस्थान को और देश को जागरूक करने के लिए बड़े दुःख की बात है कि आज भारत के एक जिम्मेदार प्रदेश ने भारतीय सेना के अंदर हमेशा अपना योगदान दिया है, उसमें राज्य में मौजूदा सरकार ने एक कैबिनेट मीटिंग बुलाके एक प्रस्ताव पारित किया है. अफसोस है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हमेशा राजनीति को राष्ट्रनीति से ऊपर रखा. अफसोस इस बात का है कि जो व्यक्ति राजस्थान के अंदर अपने कलम की ताकत से वैट कम नहीं कर सकता, जो व्यक्ति अपने गृह क्षेत्र में हिंसा को नहीं रोक सकता. रोकना तो दूर सीएम गहलोत ने जिस तरीके के बयान दिये वो सामाजिक सोहार्द को बिगाड़ने वाले थे वो कुछ नहीं कर सकता.’

सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए राठौड़ ने आगे कहा कि, ‘सीएम गहलोत देशहित और प्रदेशहित से उपर अपनी राजनीति को रखते हैं. यह राजनेता नहीं है, यह एक राजनीति के प्राणी हैं. आज हुई गहलोत मंत्रिपरिषद की बैठक में अगर प्रस्ताव आता राजस्थान के बेरोजगारों के लिए, जल जीवन मिशन, महिलाओं की सुरक्षा, दलितों के लिए प्रस्ताव आता तो हम उसका स्वागत करते. यह युवाओं की चिंता नहीं करते, बल्कि इन्हें तो केवल अपने युवराज की चिंता है.’ प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘बेरोजगारी भत्ते के उपर इन्होंने यूटर्न लिया है. किसानों के लिए जो वादा करा था उसमें इन्होंने यूटर्न लिया है. सीएम गहलोत तो उस पार्टी से अपना कनेक्शन रखते हैं, जिस पार्टी ने भारत की सेना के प्रमुख को गली का गुंडा कहा था.

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पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए राज्यवर्धन राठौड़ ने कहा कि, ‘मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तो यह उस पार्टी से संबंध रखते हैं जिस पार्टी के अंदर उस व्यक्ति का स्वागत करा गया, जिस व्यक्ति ने भारतीय सेना को बलात्कारी कहा. यह बार बार सबूत मांगते है, एयर स्ट्राईक हो, सर्जिकल स्ट्राईक हो. यह हमेशा से भारतीय सेना का अपमान करते आए हैं. इनकी यही पीढ़ी नहीं इनकी जो पिछली पीढ़ियां है कांग्रेस के अंदर जो इस खास परिवार की पीढियां, उन्होंने लगातार यह बात कही है, जहां भारतीय सेना का अपमान हुआ है. नेहरू जी ने यहां तक कह दिया था कि भारत को भारतीय सेना की जरूरत ही नहीं है, ऐसे मुख्यमंत्री से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती.’

राठौड़ ने आगे कहा कि, ‘आज भारतीय सेना के निर्णय के खिलाफ राजस्थान सरकार की कैबिनेट है उन्होंने प्रस्ताव पारित किया. कांग्रेस के जितने भी लीडर्स है सब जानते है कि कैबिनेट कमेटी ऑफ सिक्योरिटी के ऊपर भारत की सुरक्षा का जिम्मा है और उनका हथियार और उनके औजार हैं, भारतीय आर्म्स फोर्सेस, वायुसेना, यह उनकी तलवारें हैं उनकी ढाल है. जब देश की सुरक्षा की बात होती है तो हमेशा निर्णय प्रदेश की राजनीति या देश की राजनीति से उपर राष्ट्रनीति पर होना चाहिए और आज राजस्थान की सरकार इस हद तक गिर गई कि उन्होेंने राजनीति को उपर कर दिया. इन्होंने अपने प्रस्ताव के अंदर कहीं नहीं लिखा कि हिंसा गलत है, जो पूरे देश के अंदर हिंसा हो रही है ऐसा कहीं नहीं लिखा, एक बार फिर कांग्रेस पार्टी ने भारतीय सेना आर्म्स फोर्सेस के उपर एक प्रशन चिन्ह खडा कर दिया है उनका फिर से अपमान कर दिया है.

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