Politalks.News/RajasthanPolitics. ‘कुछ लोग हमारे नेता कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं, कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए, ये तो एक जुमला हो गया है, अरे, कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान आपने कभी किया है क्या, जानते भी हो क्या कि मान-सम्मान क्या होता है?…’ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का यह बयान कांग्रेस के उस दावे की एक बार फिर पोल खोल रहा है कि जिसमें कहा जाता है कि राजस्थान कांग्रेस में अब सब ठीक है और सब एक साथ मिलकर 2023 की तैयारियों में जुटे हैं. सीएम गहलोत का यह बयान सीधे-सीधे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट पर किया गया जोरदार कटाक्ष है. बता दें, पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट राजस्थान में आए सियासी संकट से पहले और उसके बाद भी लगातार 2018 में कांग्रेस को सत्ता में लाने वाले कार्यकर्ताओं को उचित सम्मान देने की मांग करते रहे हैं.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारों इशारों में सचिन पायलट को लेकर दिए गए आज के इस बयान के बाद प्रदेश में सियासी सुगबुगाहट तेज हो गई है, क्योंकि राजनीति के जादूगर माने जाने वाले गहलोत अकारण कभी कोई बयान नहीं देते है बल्कि इस तरह के लिए बयानों में सीएम गहलोत का कोई सियासी संकेत छुपा होता है. वहीं अब गहलोत के इस बयान पर सचिन पायलट की प्रतिक्रिया पर सभी की निगाहें टिक गईं हैं. हालांकि जबरदस्त धैर्यशक्ति धारण किए सचिन पायलट पहले भी बोल चुके हैं कि सीएम गहलोत मेरे पिता तुल्य हैं और मैं उनकी बात का बुरा नहीं मानता. ऐसे में जालोर में स्कूल संचालक की पिटाई से हुई दलित छात्र की मौत पर मंगलवार को परिजनों को सांत्वना देने जालोर जा रहे सचिन पायलट के मीडिया में दिए जाने वाले बयान का हो रहा है इंतजार.
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आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के पावन मौके पर शहीद स्मारक पर पीसीसी की तरफ से आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायलट का बिना नाम लिए हुए जोरदार कटाक्ष किया. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘मैं जानता हूं कि कार्यकर्ताओं की अपेक्षाएं भी होती हैं कि बोर्ड में आ जाऊं, कॉरपोरेट बन जाऊं, या कुछ और बन जाऊं. कांग्रेस में कभी-कभी कोई ऐसा सिस्टम भी बन जाता है जो भले ही वह पार्टी के हित के लिए लिया गया हो लेकिन उसके चलते काम समय पर नहीं हो पाता, लेकिन वो सिस्टम बनता है अच्छे के लिए है. जिसके बाद महामंत्री फैसला करते हैं कि बोर्ड में कौन-कौन आएगा. मुख्यमंत्री या प्रदेश अध्यक्ष एकतरफा फैसला कर सकता है. तो कार्यकर्ताओं को न्याय नहीं मिल पाता. असली कार्यकर्ता कौन है, वो रिपोर्ट हमारे पास आए फिर हम बनाएंगे. लेकिन कुछ लोग हमारे नेता कार्यकर्ताओं को भड़काते हैं कि कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान होना चाहिए, ये तो जुमला हो गया है. अरे, कार्यकर्ताओं का मान-सम्मान आपने कभी किया है क्या, जानते भी हो क्या कि मान-सम्मान क्या होता है? हम तो मान-सम्मान पाते-पाते ही कार्यकर्ता से नेता बने हैं.’
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वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में 2020 में गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट से पहले और बाद में सचिन पायलट लगातार कांग्रेस कार्यकर्ताओं को सम्मान दिलाने की बात करते आ रहे हैं. हाल ही में अपने टोंक दौरे के दौरान भी पायलट ने कहा था कि, ‘जिन कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनाने के लिए सड़कों पर सघर्ष किया है उन्हें उचित सम्मान मिलना चाहिए.’ वहीं सियासी गलियारों में ये भी चर्चा है कि राजस्थान में जल्द ही कुछ बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है. ऐसे में सीएम गहलोत के बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं, लेकिन वास्तविक तस्वीर तो आने वाले दिनों में ही क्लियर दिखाई देगी.