Politalks.News/Delhi. तीन साल के लम्बे इंतजार के बाद हो रहे कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव का रोमांच अपने चरम पर पहुंच चूका है. पार्टी की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी साफ़ कह चुकी हैं कि गांधी परिवार से कोई भी सदस्य चुनाव नहीं लड़ेगा. इसके बाद बुधवार को पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि, ‘राहुल गांधी नामांकन के दौरान भारत जोड़ो यात्रा पर रहेंगे और वे दिल्ली नहीं जाएंगे.’ इसी बीच लोकसभा सांसद शशि थरूर चुनाव में ताल ठोकने के लिए कमर कस चुके हैं. इधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी अब मान लिया है कि एक कोशिश राहुल गांधी को मानने की करूंगा (जो कि संभव होती प्रतीत नहीं होती) नहीं तो मैं चुनाव के लिए नामांकन भरूंगा. लेकिन इसके साथ ही सीएम गहलोत ने साफ़ साफ यह संकेत भी दे दिया है कि वे अगर अध्यक्ष बनते हैं तो भी वे मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे. तो वहीं कोच्चि पहुंचे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने राष्ट्रीय मीडिया से बात करते हुए साफ़ कहा कि, ‘कांग्रेस में कोई भी व्यक्ति दो पदों पर नहीं रह सकता है.’ ऐसे में अब हर किसी की निगाह कांग्रेस आलाकमान के फाइनल निर्णय पर टिक गई है.
आपको बता दें, कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर दिल्ली में हलचलें तेज हो गई हैं. इसी सिलसिले में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज दिल्ली पहुंच सोनिया गांधी से मुलाकात की. यहीं से देर शाम सीएम गहलोत मुंबई के लिए रवाना होंगे और कल कोच्चि में राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होंगे. इससे पहले दिल्ली पहुंचे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘पार्टी आलाकमान मुझे जो भी जिम्मेदारी सौंपेगा, मैं उसे पूरी तरह निभाउंगा. लेकिन इससे पहले मैं कोच्चि जाकर राहुल गांधी से मुलाकात करूंगा और अध्यक्ष पद संभालने के लिए उन्हें मनाने का आखिरी प्रयास करूंगा. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद ही मैं तय करूंगा की आगे क्या करना है और क्या नहीं.’
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मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि, ‘मुझे कांग्रेस की सेवा करनी है फिर चाहे जहां भी मेरा उपयोग हो. मैं वहां तैयार रहूंगा…अगर पार्टी को लगता है कि मेरी मुख्यमंत्री के रूप में जरूरत है या अध्यक्ष के रूप में ज्यादा जरूरत है तो मैं मना नहीं कर पाऊंगा.’ इस दौरान सीएम गहलोत ने मुख्यमंत्री के साथ अध्यक्ष पद पर बने रहने का फॉर्मूला भी पत्रकारों के साथ शेयर किया. सीएम गहलोत ने कहा कि, ‘एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत वहां लागू होता है जहां आलाकमान किसी व्यक्ति को दो पदों पर नोमिनेट करता है. जबकि यह तो एक ओपन चुनाव और इसे कोई भी लड़ सकता है. अब फिर चाहे वो कोई मंत्री हो, सांसद हो या विधायक, राज्य का कोई मंत्री चुनाव जीतकर अध्यक्ष बनता है तो वह मंत्री भी रह सकता है. अगर मेरा बस चले तो मैं किसी पद पर नहीं रहूं. मैं राहुल गांधी के साथ सड़क पर उतरूं और फासीवादी लोगों के खिलाफ मोर्चा खोलूं.’
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, ‘मुझे पार्टी ने सब कुछ दिया है, आज अगर पार्टी संकट में है तो भाजपा के कारनामों के कारण है, इसमें हमारी कोई गलती नहीं है. आज जो स्थिति है उसमें कांग्रेस का मजबूत होना जरूरी है. कांग्रेस की मजबूती के लिए जहां जरूरत होगी, वहां मैं खड़ा रहूंगा.’ इस दौरान सीएम गहलोत ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘राहुल गांधी कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ करेंगे तो पार्टी के लिए एक अलग माहौल बनेगा.’ वहीं शशि थरूर के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से जुड़ा सवाल जब सीएम गहलोत से पुछा गया तो उन्होंने कहा कि, ‘मुकाबला होना चाहिए ताकि लोगों को मालूम पड़े कि पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र है. क्या भाजपा में पता चलता है कि राजनाथ सिंह कैसे अध्यक्ष बन गए और जे पी नड्डा कैसे अध्यक्ष बन गए?’ बता दें सांसद शशि थरूर सुबह कांग्रेस मुख्यालय पहुंचे और सेंट्रल इलेक्शन ऑथोरिटी से मुलाकात की.
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वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए मंगलवार को कोच्चि पहुंचे सचिन पायलट ने बुधवार को राष्ट्रीय मीडिया में बड़ा बयान दिया. सचिन पायलट ने उदयपुर चिंतन शिविर में पास हुए एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत का जिक्र करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस में कोई भी व्यक्ति दो पदों पर नहीं रह सकता है. 24 सितंबर से नामांकन की प्रक्रिया शुरू होने वाली है और जल्द ही स्थिति साफ़ हो जाएगी.’ सचिन पायलट के इस बयान को सीएम गहलोत के अध्यक्ष के साथ साथ मुख्यमंत्री पर बने रहने वाले फॉर्मूले से जोड़कर देखा जा रहा है. सियासी जानकारों की मानें तो सीएम गहलोत अपने फॉर्मूले से आगे बढ़ते हैं तो पार्टी में बगावत हो सकती है. क्योंकि राजस्थान में कई मंत्रियों को एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत के चलते मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा था और साथ ही मध्यप्रदेश में भी पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ना पड़ा था. बता दें, फिलहाल कमलनाथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हैं.