गहलोत ने धनखड़ से पूछा जादूगरी का राज, उपराष्ट्रपति ने गुरु को किया नमन, दिए मजेदार जवाब

जादूगर का जादू तो आप जानें, लेकिन कई सालों पहले चूरू में चुनाव के दौरान मैं राजेंद्र राठौड़ की एक सभा को करने गया था संबोधित, उसके बाद से लेकर अब तक राजेंद्र राठौड़ कभी नहीं हारे हैं चुनाव, मेरा और वसुंधरा राजे का संसदीय जीवन एक साथ शुरू हुआ और उनसे मेरे रहे है व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध- जगदीप धनखड़

'बाबोसा' को याद कर भावुक हुए धनखड़
'बाबोसा' को याद कर भावुक हुए धनखड़

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान की राजनीति से निकलकर लोकतंत्र के संवैधानिक शिखर पर पहुंचे माटी के लाल जगदीप धनखड़ आज राजधानी जयपुर पहुंचे. एयरपोर्ट पर राज्यपाल कलराज मिश्र एवं कैबिनेट मंत्री शकुंतला रावत ने जगदीप धनखड़ का स्वागत किया. इसके बाद विधानसभा में उपराष्ट्रपति के सम्मान में आयोजित अभिनंदन कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे उपराष्ट्रपति जयदीप धनखड़ का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया सहित दिग्गजों ने स्वागत किया. अभिनंदन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि, ‘उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैं दूसरी बार राजस्थान आया हूं और आज में इस विधानसभा में खड़ा हूं जो कि मेरे लिए एक भावुक पल है.’ वहीं समारोह के दौरान मंच पर मौजूद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने अंदाज में जगदीप धनखड़ से पुछा कि, ‘जादूगर तो मैं हूं लेकिन आपने बंगाल की मुख्यमंत्री पर ऐसा कौन सा जादू कर दिया कि उपराष्ट्रपति के चुनाव में उनके दल ने भाग ही नहीं लिया?’

आपको बता दें कि उपराष्ट्रपति बनने के बाद जगदीप धनखड़ का राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को अभिनंदन समारोह रखा गया. इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने ही मजाकिया अंदाज में जगदीप धनखड़ की चुटकी ली. सीएम गहलोत ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘धनखड़ साहब से मेरे 50 साल पुराने रिश्ते हैं, जब मैं एनएसयूआई का अध्यक्ष हुआ करता था.’ सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, ‘आप 3 साल तक पश्चिम बंगाल के गवर्नर रहे और 1 दिन भी ऐसा नहीं गया जब गवर्नर के रूप में आपकी भूमिका और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की भूमिका चर्चा में नहीं रही हो. आप प्यार-मोहब्बत की बातें करते थे और कोई कमी नहीं रखते थे, सारी हदें पार कर के आप के ममता बनर्जी के साथ अच्छे संबंध रहे. आपने ऐसा कौन सा जादू कर दिया भाई कि ममता बनर्जी ने कहा कि हम तो अब्सेंट रहेंगे और आराम से जगदीप धनखड़ साहब उपराष्ट्रपति चुने गए, यह राज बता दीजिए, क्यों कि जादूगर तो मैं हूं.’

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस सवाल का जवाब देते हुए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि, ‘वह कौन सा जादू था जिसकी वजह से यह हुआ, क्योंकि मैं राजनीति से परे हूं. राजनीति में निर्णय क्यों लिए जाते हैं, यह तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या वसुंधरा जी अच्छी तरह जानती होंगी. लेकिन मैंने ममता जी से कहा था कि अब मैं आपके राज्य का राज्यपाल नहीं हूं, आप दिल पर हाथ रख कर यह बताएं कि क्या मैंने कभी कोई काम कानून के दायरे से बाहर किया है या कभी मैंने कोई मर्यादा तोड़ी.’ जगदीप धनखड़ ने कहा कि, ‘मेरा जीवन खुली किताब है और गवर्नर के रूप में भी मैंने इसी तरह काम किया. आज मैं कार्यक्रम में ममता बनर्जी के इस कदम के लिए उनका आभार जताता हूं.’ वहीं धनखड़ ने अपने द्वारा किए गए जादू का भी अपने संबोधन में जिक्र किया.

जगदीप धनखड़ ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘उपराष्ट्रपति बनने के बाद मैं दूसरी बार राजस्थान आया हूं और आज में इस विधानसभा में खड़ा हूं जो कि मेरे लिए एक भावुक पल है. जादूगर का जादू तो आप जानें, लेकिन कई सालों पहले चूरू में चुनाव के दौरान मैं राजेंद्र राठौड़ की एक सभा को संबोधित करने गया था. उसके बाद से लेकर अब तक राजेंद्र राठौड़ कभी चुनाव नहीं हारे हैं ये मेरा जादू है.’ इस दौरान जगदीप धनखड़ ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से अपने राजनीतिक और पारिवारिक रिश्तों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि, ‘हम दोनों का संसदीय जीवन एक साथ शुरू हुआ और वसुंधरा जी से मेरे व्यक्तिगत और पारिवारिक संबंध रहे. जब मैं पश्चिम बंगाल का राज्यपाल बनाया गया, तब मैंने उनसे मदद भी मांगी और कहा कि मेरी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हैं, मुझे कोई ना कोई जादूगरी या टोना बताएं.’

जगदीप धनखड़ ने आगे कहा कि, ‘मेरे लिए ये बहुत ही भावुक पल हैं जो मैं यहां खड़ा हूं. ये दूसरी बार मुझे विधानसभा आने का मौका मिला हैं और इसके लिए मैं सीपी जोशी का आभारी हूं. राजनीति में आने से पहले मैं सभी के द्वारा सफल वकील के रूप में जाना जाता था लेकिन दो महापुरुषों ने मेरे जीवन को मोड़ दिया. मैंने सियासी जीवन में सफलता के श्रेय ताऊ देवीलाल और भैरोसिंह शेखावत को हैं. मैंने उन दोनों से ही राजनीति के गुर सीखे है और उन्होंने मुझे कहा था कि ये ट्रेड सीक्रेट है. आज सदन में दोनों महानुभाव नहीं हैं तो मैं ट्रेड सीक्रेट नहीं बता सकता. वर्ना मैंने गहलोतजी की बात कभी टाली नहीं है.’ धनखड़ ने उपराष्ट्रपति चुने जाने पर कहा कि, ‘ये मेरे जीवन का अल्टीमेट संतोष हैं जहां माननीय भैरोंसिंह शेखावत जो मुझे राजनीति में लाए वो विराजमान रहे वहां मैं हूं.

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जगदीप धनखड़ ने कहा कि, ‘संसदीय लोकतंत्र आज बहुत बड़ी चुनौती है. बेहद कठिन समय आ गया है. प्रजातांत्रिक मूल्यों पर क्रूर प्रहार हो रहे हैं. जनप्रतिनिधियों की कार्यशैली जनता के अनुकूल होनी चाहिए. हम आज ऐसे युग में है जहां कोई सीक्रेट नहीं है. जनता खुद बोलती है. लेकिन जनता का आकलन बड़ा भयावह है. पानी सिर से निकल रहा है. जिनकों लोकतंत्र को बचाना है वो ही लोकतंत्र के लिए चुनौती बन जाएंगे तो क्या हाल होंगे. सर्वसम्मति का दृष्टिकोण दिखाने की जरूरत है. सांसद एवं विधायक को ध्यान देना चाहिए कि वे जो कहेंगे उसके दूरगामी असर होंगे.’ विधानसभा में आयोजित कार्यक्रम के बाद जगदीप धाखड़ सीएम आवास पहुंचे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जगदीप धनखड़ के उपराष्ट्रपति चुने जाने पर रात्रि भोज का कार्यक्रम रखा था. सीएम आवास पहुंच जगदीप धनखड़ ने पार्टी नेताओं से मुलाकात की.

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