अंगुली पकड़कर नेता बनाया गहलोत ने, आज उन्ही के खिलाफ बयान दे रहे हैं चौधरी, ये गलत बात- जाखड़

बीते गुरुवार हरीश चौधरी ने बेनीवाल की RLP को बताया था सीएम अशोक गहलोत की प्रायोजित पार्टी, इस पर अब बद्रीराम जाखड़ ने चौधरी को दी इस तरह के बयान न देने की नसीहत तो वहीं अपनी राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी दिव्या मदेरणा पर साधा निशाना

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Badriram Jakhar Advised to Harish Chowdhary. हाल ही में बीते गुरुवार को कभी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी रहे पूर्व कैबिनेट मंत्री और पंजाब प्रदेश कांग्रेस प्रभारी हरीश चौधरी ने बड़ा बयान देते हुए सीएम गहलोत पर बड़ा आरोप लगाया. चौधरी ने अपने सियासी शत्रु नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल और उनकी पार्टी का नाम लिए बिना राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को अशोक गहलोत की प्रायोजित पार्टी होने का आरोप लगाया. इस पर अब सीएम गहलोत के ही बेहद करीबी नेताओं ने शुमार और पाली के पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने बायतु के विधायक हरीश चौधरी को सियासी नसीहत दी है. जाखड़ ने कहा कि हरीश चौधरी को ऐसे बयानों से बचना चाहिए. यही नहीं बद्री जाखड़ ने यह भी कहा कि सीएम अशोक गहलोत ने ही हरीश चौधरी को अंगुली पकड़कर नेता बनाया और आज वो उनके ही खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जो शोभा नहीं देता है.

यहां आपको बता दें कि बीते गुरुवार को बाड़मेर के चौहटन में एक सामाजिक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बायतु विधायक हरीश चौधरी ने कहा था कि, बीजेपी और कांग्रेस के अलावा तीसरी पार्टी जो राजस्थान में है, वो पूरी तरीके से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की प्रायोजित पार्टी है. यही नहीं हरीश चौधरी ने अपने बयान के समर्थन में जोर देकर कहा कि, ‘मैं बड़ी जिम्मेदारी और ईमानदारी से कह रहा हूं कि तीसरी जो पार्टी है, वह पूरी तरीके से हमारे सम्मानीय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पार्टी है, पार्टी है और पार्टी है.’ चौधरी ने आगे कहा कि अगर कोई इसका लेखा-जोखा करना चाहता है तो विरात्रा माता के मंदिर या खेमा बाबा के मंदिर जाकर कर सकता है. मैंने तो लोगों से कहा कि अशोक गहलोत हैं हमारे पार्टी के, अगर उनकी मदद करनी है तो सीधी हमारी और कांग्रेस पार्टी की मदद करो, तीसरी जगह गड्डे में डालकर क्या करना है.’ हरीश चौधरी के इस दावे के बाद राहुल गांधी की यात्रा के कारण शांत पड़ी प्रदेश कांग्रेस की अंदरूनी सियासत में एक बार फिर से उबाल आ गया.

अब हरीश चौधरी के बयान पर पाली के पूर्व कांग्रेस सांसद बद्रीराम जाखड़ ने चौधरी को ऐसे बयानों से बचने की नसीहत दी है. बद्री जाखड़ ने कहा कि कभी सीएम अशोक गहलोत ने ही हरीश चौधरी को अंगुली पकड़कर नेता बनाया और आज वो उनके ही खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जो शोभा नहीं देता है. जाखड़ ने आगे कहा कि एक वक्त था, जब चौधरी खुद कहा करते थे कि अशोक गहलोत जैसा कोई दूसरा है ही नहीं, लेकिन आज उनके सुर में तब्दीली आ गई है. लेकिन हकीकत यह है कि अशोक गहलोत केवल कांग्रेस के लिए काम करते थे और आज भी करते हैं. पूर्व सांसद जाखड़ ने कहा कि वो हरीश चौधरी के बयान से खासा दुखी हैं, उन्हें ऐसा नहीं कहना चाहिए था.

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कांग्रेस नेता बद्रीराम जाखड़ ने कहा कि हरीश चौधरी को कांग्रेस ने क्या नहीं दिया. उन्हें पंजाब का प्रभारी बनाया गया. उससे पहले चौधरी राजस्थान में कैबिनेट मंत्री रहे. वहीं, पूर्व सांसद बजाखड़ से जब पूछा गया कि क्या हरीश चौधरी के बगावत करने से जाट कांग्रेस से दूर हो जाएंगे तो उन्होंने कहा कि जाट कांग्रेस पार्टी के पीछे हैं, न कि किसी व्यक्ति के पीछे. इसके साथ ही बद्रीराम जाखड़ ने कहा कि कभी महिपाल मदेरणा भी यही कहा करते थे, लेकिन सभी जाट कांग्रेस के साथ रहे और आज भी सभी सीएम अशोक गहलोत के साथ ही हैं. इस दौरान पूर्व सांसद बद्रीराम जाखड़ ने ओसियां विधायक दिव्या मदेरणा पर भी हमला बोला.

बद्रीराम जाखड़ ने कहा कि दिव्या भी हमेशा सीएम गहलोत के खिलाफ ही बोलती हैं. जाखड़ ने कहा कि दिव्या मदेरणा बोल रही है कि अशोक गहलोत ने राष्ट्रीय अध्यक्ष का कहना नहीं माना. उसको क्या पता जब पिछली बार जोधपुर में जिला प्रमुख का वोट हुआ था तो उनकी माताजी ने कहां वोट दिया था. जब अशोक गहलोत पहली बार सीएम बने तो परसराम मदेरणा साहब कहां थे? उस समय परसराम मदेरणा ने कहा था कि यह सरकार 3 महीने से ज्यादा नहीं चलेगी. जाखड़ ने कहा कि दिव्या हमेशा हमारा विरोध करती हैं. लोकसभा चुनाव में भी वो हमारा विरोध करती हैं. वो कौन सा दूध की धुली हुई हैं. सब अपने स्वार्थ के लिए बोलते हैं. जाखड़ ने कहा कि जब दिव्या की मां को जिला प्रमुख बनाया गया तो अशोक गहलोत अच्छे हो गए थे और जब उनको मंत्री नहीं बनाया गया तो अब खराब हो गए.

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यहां आपको बता दें कि बद्रीराम जाखड़ और मदेरणा परिवार आपस में राजनीतिक प्रतिद्वंदी बने हुए हैं. इस बार भी जिला प्रमुख चुनाव के दौरान जाखड़ की बेटी को टिकट मिलना था, लेकिन दबाव के चलते गहलोत सरकार को दिव्या की मां लीला मदेरणा को टिकट देना पड़ा. जिसकी पीड़ा भी जाखड़ कई बार जता चुके हैं. इतना ही नहीं बद्रीराम जाखड़ ने पाली लोकसभा से चुनाव लड़ा था. एक बार चुनाव जीते थे और दूसरी बार हार गए. ओसियां विधानसभा क्षेत्र और भोपालगढ़ दोनों पाली लोकसभा में आते हैं. ऐसे में जाखड़ ने दिव्या पर उन्हें हराने के भी आरोप लगाए थे.

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