अपनी सरकार के कामकाज और समय पूर्व बजट का बयान देकर सीएम गहलोत ने दिया बड़ा सियासी संदेश

नए मुख्यमंत्री को लेकर जारी सियासी घमासान का जल्द होने वाला है पटाक्षेप, सोनिया गांधी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए पहुंची कर्नाटक, माना जा रहा है कि यहां राहुल गांधी के साथ वह राजस्थान के मुद्दे पर कर सकती हैं मंथन, जिसके बाद आगामी 6 से 8 के बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री परिवर्तन की सभी संभावनाओं पर लग जाएगा विराम

सियासी घमासान का जल्द होगा पटाक्षेप!
सियासी घमासान का जल्द होगा पटाक्षेप!

Politalks.News/Rajasthan/Gehlot. राजस्थान में जारी सियासी घमासान के बीच प्रदेश का मुख्यमंत्री बदले जाने की तेज होती अटकलों को धता बताते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पूरे एक्टिव मोड़ में नजर आ रहे हैं. दिल्ली से लौटने पर पहले ग्रामीण ओलंपिक खेलों के समापन कार्यक्रम में सम्भाग स्तरीय दौरे के बाद लगातार बैठकों में व्यस्त रहते हुए सीएम गहलोत अपने विरोधियों के साथ-साथ आलाकमान को भी सन्देश देने की कोशिश कर रहे हैं. लम्बे समय बाद मंगलवार को शासन सचिवालय पहुंचे मुख्यमंत्री गहलोत लगभग 4 घण्टे रुके और कामकाज निपटाया. सीएम गहलोत ने बजट की तैयारियों से सम्बंधित अधिकारियों के साथ एक बैठक भी की, जिसके बाद समय से पूर्व बजट लाने के संकेत देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि समय पर अगर बजट आता है तो उसका क्रियान्वयन भी होता है. उसका लाभ भी आमजनता तक समय पर पहुंचता है. इसके साथ पक्ष-विपक्ष को अपनी बात कहने का भी मौका मिलता है. ऐसे में माना जा रहा है कि प्रदेश में इस बार 2023-24 का बजट जनवरी माह में आ सकता है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार की जमकर तारीफ की और कहा कि उनके पास जो भी विधायक आते हैं, उनके पास कोई शिकायत नहीं होती है. वे कहते हैं कि पहली बार कोई सरकार इतना काम कर रही है. सीएम गहलोत ने कहा कि उन्होंने 4 बजट पेश किए हैं, जिनमें 89% स्वीकृतियां निकल गईं हैं और 74% काम इम्प्लीमेंट हो गए. सीएम गहलोत ने कहा कि आज मेरे पास में आते हैं एमएलए, तो एमएलए कहते हैं कि साहब पहली बार ऐसा हो रहा है क्योंकि आपने खाली घोषणाएं ही नहीं की हैं, बल्कि स्वीकृतियां निकल रही हैं, काम शुरू हो गए हमारे क्षेत्रों के अंदर, सेंक्शन निकल रही है, सड़कें बन रही हैं, कॉलेज खुल रही हैं, बिल्डिंग बन रही हैं. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने सरकार के कामकाज के लिए ब्यूरोक्रेसी की भी तारीफ की और यह भी कहा कि अगला बजट युवाओं के नाम होगा.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने समय से पूर्व बजट लाने के संकेत देते हुए कहा कि अगर बजट समय पर आ जाता है तो उसका लाभ आम जनता को भी मिलता है. इस बार क्योंकि चुनाव होने हैं, ऐसे में बजट 1 महीने पहले लाया जा सकता है. बजट समय पर आएगा तो उसे धरातल पर उतारने के लिए भी समय मिलेगा. बजट क्रियान्वयन पर पक्ष और विपक्ष को अपनी बात कहने का भी मौका मिलता है. सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी कोशिश है कि आम जनता को जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिले और उन्हीं को धरातल पर उतारने के लिए लगातार हम काम कर रहे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि 89 प्रतिशत घोषणाएं पूरी हुई हैं. हमारी कोशिश है कि सोशल सिक्योरिटी पर इससे काम किया जाए. हम पहले ही बोल चुके हैं कि इस बार का जो बजट होगा वह युवाओं पर केंद्रित होगा. सीएम गहलोत ने कहा कि जैसे हमने किसानों के लिए अलग बजट पेश किया था इस बार, एक मैसेज गया और किसानों को भी अच्छा लगा, हमने उनके लिए बजट अलोकेशन डबल कर दिए, उसी प्रकार हम चाहते हैं क्योंकि आने वाला कल युवाओं का है, उनके लिए मैं क्या कर सकता हूं, उस दिशा में हम लोग लगे हुए हैं. इसके लिए लगातार सुझाव दिए जा रहे हैं. इसके साथ गहलोत ने कहा कि हम अनुरोध कर रहे हैं कि प्रदेश की जनता हमें एक बार फिर मौका दे, ताकि योजनाओं को धरातल पर उतारा जा सके.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा कि बीजेपी सरकार आते ही हमारी योजनाओं को बंद कर देती है. इसके लिए रिफाइनरी का उदाहरण ही काफी है. सीएम गहलोत ने नए जिलों के गठन के सवाल पर जवाब देते हुए कहा कि सब कुछ संभव है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री गहलोत ने बैठक में अधिकारियों को दीपावली तक सड़कों के पेच वर्क का कार्य पूर्ण करने के लिए निर्देश भी दिए.

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दूसरी तरफ विशेष सूत्रों की मानें तो प्रदेश में नए मुख्यमंत्री को लेकर जारी सियासी घमासान का जल्द ही पटाक्षेप होने वाला है. सोनिया गांधी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए कर्नाटक पहुंची हैं और माना जा रहा है कि यहां राहुल गांधी के साथ वह राजस्थान के मुद्दे पर मंथन कर सकती हैं जिसके बाद आगामी 6 से 8 के बीच राजस्थान में मुख्यमंत्री परिवर्तन की सभी संभावनाओं पर विराम लग जाएगा. ऐसे में माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी ही सरकार की तारीफ करके हाईकमान को संदेश देने की कोशिश की है कि विधायकों का समर्थन उनके साथ है. इसके साथ ही आगामी बजट की बात करके वह यह बताने की कोशिश कर रहे हैं कि वे अपना यह कार्यकाल पूरा करेंगे. हालांकि सूत्रों की मानें तो पार्टी नेतृत्व अशोक गहलोत की जगह अब सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने का निर्णय कर चुका है.

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