पहले पार्टी अब बंगले से हाथ धोने वाले चिराग की भाजपा से दूरियां बढ़ना तय, तेजस्वी बनेंगे नए साथी!

क्या पासवान और भाजपा की और बढ़ेंगी दूरियां? चिराग के हाथ से पहले निकली पार्टी अब बंगला, चिराग खुद को बता चुके हैं पीएम मोदी के हनुमान, बंगले के लिए पीएम मोदी से लगाई थी गुहार, लेकिन सरकार ने टीम भेजकर चिराग पासवान से खाली कराया बंगला, सियासी चर्चाओं ने पकड़ा जोर

तेजस्वी के सारथी बनेंगे मोदी के 'हनुमान'
तेजस्वी के सारथी बनेंगे मोदी के 'हनुमान'

Politalks.News/ChiragPaswan. भारत की राजनीति के ‘सदा मंत्री‘ दिवंगत रामविलास पासवान (Ram Vilas Paswan) को आवंटित बंगला खाली करवा लिया (Get the allotted bungalow vacated) गया है. मोदी सरकार (Modi government) नव एक टीम भेजकर लोकसभा सांसद चिराग पासवान (Lok Sabha MP Chirag Paswan) से उनके दिवंगत पिता रामविलास पासवान को आवंटित बंगले को खाली करा लिया गया है. 1989 से केन्द्र की सभी सरकारों में मंत्री रहे पासवान तभी से इस बंगले में रह रहे थे. हाल फिलहाल में इस बंगले का उपयोग पार्टी की संगठनात्मक बैठकों और अन्य संबंधित कार्यक्रमों के आयोजन के लिए नियमित रूप से किया जाता था. एक तरह से यह लोजपा का दिल्ली में आधिकारिक पता था.

अब गुरुवार को हुई इस घटना के बाद से सियासी गलियारों में चर्चा है कि क्या भाजपा और चिराग का संबंध खत्म होगा? बंगला खाली करवाए जाने के बाद भाजपा से चिराग की दूरी बढ़ना और तेजस्वी यादव से नजदीकी बढ़ना तय है. RJD सुप्रीमो लालू यादव भी कई बार कह चुके हैं कि चिराग और तेजस्वी को साथ आना चाहिए. ऐसे में अब चिराग पासवान के अगले कदम पर सभी की नजरे टिकीं हुई हैं.

आपको याद दिला दें कि लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने पिछले बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था लेकिन चिराग ने भाजपा का विरोध नहीं किया था. जबकि चिराग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारे थे और जदयू की हार सुनिश्चित करने की कोशिश की थी. हालांकि भाजपा इस बात से इनकार करती है लेकिन जदयू के नेता मानते हैं कि भाजपा के कहने पर ही चिराग ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार खड़े दिए थे. अब कारण चाहे जो हो लेकिन चुनाव हारने के बाद नीतीश कुमार ने भी संकल्प करके चिराग को एनडीए से दूर रखा और उनकी पार्टी तोड़ कर पांच सांसदों का एक अलग गुट बनव दिया.

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वहीं दूसरी तरफ लोजपा में मचे घमासान के बीच चिराग पासवान ने भाजपा से अच्छे संबंध बनाए रखे. बिहार चुनाव के दौरान चिराग ने खुद को पीएम का हनुमान बताते हुए कहा था कि, ‘मुझे प्रधानमंत्री के तस्वीर के इस्तेमाल की जरूरत ही नहीं है. मैं उनका हनुमान हूं, मेरे दिल में उनकी तस्वीर बसती है, किसी दिन होगा तो छाती चीरकर भी दिखा दूंगा कि मेरे दिल में प्रधानमंत्री मोदी बसते हैं. हां तस्वीर लगाने की जरूरत मुख्यमंत्री जी को जरूर है क्योंकि वह निरंतर पीएम का विरोध करते रहे हैं’.

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लेकिन अब बंगला खाली करवाए जाने के बाद चर्चा है कि वह संबंध भी खत्म होगा. कुछ जानकार तो यहां तक कहते हैं कि अभी तक चिराग और भाजपा का संबंध 12, जनपथ के बंगले की वजह से जुड़ा हुआ था. उनकी पार्टी का चुनाव चिन्ह भी बंगला ही था, जो कि पार्टी विभाजन के बाद चिराग के हाथ से चला गया और अब पिता स्वर्गीय रामविलास पासवान के नाम आवंटित रहा 12, जनपथ का बंगला भी छीन गया है. माना जा रहा है कि बंगला जाने के बाद भाजपा और चिराग में दूरी बढ़ेगी और तेजस्वी यादव के साथ चिराग की करीबी बढ़ना तय है.

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