Politalks.News/SachinPilot/Rajasthan. महाराष्ट्र में जारी सत्ता के संग्राम के बीच अगर सियासत को लेकर किसी राज्य की बात हो रही है तो वो है राजस्थान. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के धैर्य की तारीफ करना शायद पार्टी के कुछ दिग्गज नेताओं को रास नहीं आया. ऐसे में जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पायलट पर मोदी के मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के साथ मिलकर सत्ता गिराने जैसा गम्भीर आरोप लगाया तो पायलट गुट भी इशारों इशारों में दम भरने लगा. ऐसे में पायलट समर्थक एवं कांग्रेस के दिग्गज नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने एक बार फिर सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की पैरवी की है. यही नहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए एक बार फिर गहलोत खेमे पर भी निशाना साधा है. आचार्य कृष्णम ने कहा कि, ‘सचिन पायलट की ‘तारीफ़’ हज़्म नहीं हुई अचानक ‘फ़ूड पोईजिनिंग’ शुरू हो गयी. अब वक्त आ गया है, जब बुजुर्ग नेताओं को नौजवानों को सत्ता देनी चाहिए.’
दरअसल, बीते गुरूवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने AICC के दफ्तर में कांग्रेस के सत्याग्रह में अपने सम्बोधन के दौरान ED द्वारा पूछे गए सवालों का जिक्र करते हुए कहा था कि, ‘कांग्रेस में सबके पास धैर्य है, देखो सचिन पायलट बैठे हुए हैं, सब बैठे हैं और मैं भी बैठा हुआ हूं.‘ राहुल गांधी के इस बयान के बाद से प्रदेश के सियासी गलियारों में चर्चा है कि राहुल के इस बयान से सीएम गहलोत बहुत आहत हुए और बीते शनिवार को पत्रकारों से बात करते हुए सीएम गहलोत ने सचिन पायलट पर हॉर्स ट्रेडिंग का सीधे सीधे आरोप मढ़ दिया. बात यहीं नहीं रुकी सीएम गहलोत के बाद उनके खेमे के कई नेताओं ने इसके समर्थन में खुलकर बयानबाज़ी की. तो वहीं दूसरी तरफ राहुल गांधी के इसी बयान को आधार बनाकर कांग्रेस के दिग्गज नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए गहलोत खेमे पर निशाना साधा.
प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए लिखा, कि ‘सचिन पायलट की ‘तारीफ़’ हज़्म नहीं हुई अचानक “फ़ूड पोईजिनिंग” शुरू हो गयी.’ यही नहीं जिस दिन सीएम गहलोत ने सचिन पायलट पर आरोप लगाया था उस दिन भी आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि, ‘विष पान करने वाले “नील कंठ” का अभिषेक “श्रावण” मास में किया जाता है, हर हर महादेव.’ वहीं मंगलवार को पत्रकारों से बात करते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, ‘राजस्थान की जनता यह मानती है कि 2018 में सचिन पायलट को मुख्यमंत्री होना चाहिए था, लेकिन कांग्रेस नेतृत्व और बड़े नेताओं ने आपसी सलाह से फैसला लिया कि परिवार के सीनियर अशोक गहलोत जी को मुखिया बनाया जाएगा. अब वक्त आ गया है, जब बुजुर्ग नेताओं को नौजवानों को सत्ता देनी चाहिए. राजनीति में उथल-पुथल स्वाभाविक है.’
यही नहीं आचार्य प्रमोद कृष्णम ने आगे कहा कि, ‘परिवर्तन तो सृष्टि का नियम है. युवाओं को सत्ता देना, युवाओं को नेतृत्व देना यह तो हमेशा कांग्रेस की आइडियोलॉजी में शामिल रहा है. खुद अशोक गहलोत ने कहा था कि युवाओं को मौका मिलना चाहिए. मेरा मानना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस की बहुत सेवाएं की हैं और वे पार्टी के बहुत ही वरिष्ठ नेता हैं. मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. पूरे देश में उनका सम्मान है और अब उन्हें राष्ट्रीय भूमिका निभानी चाहिए. हमारी जो फाइट है 2024 की वो पूरे देश को बचाने की है. 2024 की इस लड़ाई में गहलोत जी को राष्ट्रीय स्तर पर आना चाहिए और पूरे देश को मोबलाइज करना चाहिए.’
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वहीं सचिन पायलट द्वारा सोमवार को टोंक में दिए गए बयान के बारे में जब आचार्य प्रमोद कृष्णम से सवाल पुछा गया तो आचार्य ने कहा कि, सचिन पायलट बहुत संयमित व्यक्ति हैं, उन्हें कोई गाली भी देता है तो आशीर्वाद समझकर स्वीकार करते हैं. पायलट बहुत होनहार व्यक्ति हैं, उनका भविष्य उज्जवल है. जहां तक गुटों की बात है, समर्थकों की बात है तो कांग्रेस का नेतृत्व जो फैसला लेगा उसके बाद पार्टी का एक-एक विधायक एक-एक कार्यकर्ता उस फैसले का सम्मान करेगा. आज के समय में कांग्रेस का मजबूत होना बेहद जरूरी है, वरना देश खतरे में है. कांग्रेस कैसे मजबूत हो, कांग्रेस तब मजबूत होगी जब हम युवाओं को आगे लाएंगे, कांग्रेस तब मजबूत होगी जब सचिन पायलट जैसे युवा का सम्मान होगा.
आपको बता दें कि सोमवार को सचिन पायलट ने अपने टोंक दौरे के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कहा था कि, ‘आज से पहले भी मुख्यमंत्री ने मेरे बारे में नाकारा, निकम्मा जैसी बातें कही थीं, अब अशोक गहलोत जी बुजुर्ग हैं, अनुभवी और पिता तुल्य हैं ऐसे में मैं उनकी बातों को अन्यथा नहीं लेता हूं. पूर्ववर्ती वसुंधरा जी की सरकार ने जो कुछ करना था हमारे साथ वो किया, उनकी लाठी भी हमने खाईं, संघर्ष भी किया और खूब रगड़ाई करने के बाद खूब रगड़ाई करने के बाद हम सत्ता में वापस आए.