गरीबों को मुफ्त बिजली देने को राजी नहीं थे कैप्टन, इसलिए हटाए गए पद से- चुनाव से पहले राहुल का खुलासा

पंजाब में प्रचार का अंतिम दौर, मतदान से ऐन पहले राहुल ने कैप्टन को सीएम पद से हटाने का बताया कारण, बोले- कैप्टन ने पंजाब के गरिबों को मुफ्त बिजली देने से किया था इनकार,बिजली कंपनियों से सांठगांठ की बताई बात, कुछ दिन पहले प्रियंका बोलीं थी- कैप्टन काम कर रहे थे दिल्ली बैठे भाजपा नेताओं के डायरेक्शन में, सियासी गलियारों में खुलासे की टाइमिंग को लेकर चर्चा, कैप्टन के रिप्लाई का सभी को इंतजार

चुनाव से पहले राहुल का खुलासा
चुनाव से पहले राहुल का खुलासा

Politalks.News/PunjabElection. पंजाब में चुनावी घमासान (Punjab Assembly Election 2022) अपने अंतिम चरम पर है. शुक्रवार यानी आज शाम 5 बजे चुनाव प्रचार के थमने के बाद 20 फरवरी को पूरे प्रदेश में एक चरण में मतदान होना है. कांग्रेस, भाजपा, आप, अकाली दल समेत सभी पार्टियां अपनी पूरी ताकत झोंककर प्रचार में जुटी रही हैं. आखिरी दौर के इस प्रचार में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi In Punjab) ने पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain amrinder singh) को मुख्यमंत्री पद से हटाने का कारण भी बता ही दिया. पंजाब के फतेहगढ़ साहिब पहुंचे राहुल ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए बताया कि, ‘कैप्टन ने बिजली आपूर्ति कंपनियों के साथ अपने कॉन्ट्रैक्ट का हवाला देते हुए राज्य के गरीब लोगों को मुफ्त बिजली देने से इनकार कर दिया था‘(Captain was not ready to give free electricity to the poor). राहुल गांधी के खुलासे के बाद सियासी गलियारों में चर्चा है कि, मतदान से ठीक पहले राहुल द्वारा यह खुलासा करने का क्या है कारण?


कैप्टन का बिजली कंपनियों से अनुबंध- राहुल

फतेहगढ़ साहिब की जनसभा में राहुल गांधी ने कहा कि, ‘मैं आपको बताऊंगा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पंजाब के मुख्यमंत्री के पद से क्यों हटाया गया. इसका कारण यह है कि वह गरीब लोगों को मुफ्त बिजली देने के लिए राजी नहीं हुए बल्कि कैप्टन ने कहा कि मेरा बिजली आपूर्ति कंपनियों के साथ अनुबंध है’.

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पिछले सप्ताह प्रियंका गांधी ने बताई थी ये वजह

इससे पहले 13 फरवरी को, कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया था कि, ‘अमरिंदर सिंह के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार को बदलना पड़ा क्योंकि इसे दिल्ली से भाजपा चला रही थी’. कोटकपूरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने पूर्व मुख्यमंत्री का नाम लिए बिना कहा था कि, ‘यह सच है कि यहां पांच साल हमारी सरकार थी, यह भी सच है कि उस सरकार में कुछ कमियां थीं. हम कहीं रास्ता भटक गए थे’. प्रियंका ने कहा था कि, ‘उस सरकार ने पंजाब से चलना बंद कर दिया. वह सरकार दिल्ली से चलने लगी. दिल्ली में भी, कांग्रेस द्वारा नहीं, बल्कि भाजपा और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा चलाई जा रही थी. वह छिपा हुआ गठजोड़ सामने आ गया है. इसलिए हमें उस सरकार को बदलना पड़ा’.

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क्या है मामला

आपको याद दिला दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को पिछले साल सितंबर में कांग्रेस द्वारा पार्टी विधायक नवजोत सिंह सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ने के लिए कहा गया था. सिद्धू को राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया था. अमरिंदर सिंह की जगह पर चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब की गद्दी पर बैठाया गया था. पार्टी के मजबूत क्षेत्रीय नेताओं में गिने जाने वाले अमरिंदर सिंह ने कहा था कि उन्होंने कभी भी कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री के रूप में इस तरह के हस्तक्षेप का अनुभव नहीं किया था.

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