लोकसभा चुनाव के सात चरणों के मतदान की समाप्ति के बाद हर किसी को नतीजों का इंतजार है. इसी बीच विभिन्न न्यूज चैनल्स व सर्वे कंपनी के एग्जिट पोल ने सियासी सरगर्मियां बढ़ा दी है. एग्जिट पोल के हिसाब से देश में फिर एक बार एनडीए सरकार बनाने जा रही है. इसी बीच एनडीए के साथ-साथ यूपीए भी ताल ठोक रहा है. यूपीए अपने दलों की धड़ाबंदी में जुट गया है. टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में विपक्ष के दिग्गज नेताओं से मुलाकात की थी लेकिन बसपा सुप्रीमो मायावती का रूख कुछ बदला-बदला दिख रहा है. इसी बीच सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव आज उनके आवास पहुंचे और कुछ चर्चा के बाद वापस निकल गए.

यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी द्वारा मायावती को इस बार के चुनाव में ज्यादा तव्वजो दी जा रही है लेकिन खुद मायावती यूपीए से किनारा करती नजर आ रही है. माना जा रहा था कि 23 मई को दिल्ली में होने वाली यूपीए की बैठक में मायावती हिस्सा लेने वाली हैं और वे इस दौरान सोनिया गांधी से मुलाकात कर आगे की रणनीति तय कर सकती है लेकिन खुद बसपा नेता इस बात से साफ इंकार कर दिया है. बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में साफ किया है कि मायावती का ऐसी किसी मीटिंग के लिए कोई कार्यक्रम तय नहीं है. सतीश चंद्र के इस बयान के कई सियासी मायने बताए जा रहे हैं.

लोकसभा के सातवें व आखिरी चरण के मतदान संपन्न होने के साथ ही सियासी गलियारों ने इस बात का जोर पकड़ रखा था कि अबकी बार किसकी सरकार, लेकिन इसके बाद आए एग्जिट पोल ने इस ओर इशारा कर दिया है कि एनडीए एक बार फिर से केंद्र में सरकार बनाने जा रही है. हांलाकि यह सिर्फ एक अनुमान मात्र है. असली नतीजों के लिए तो 23 मई तक का इंतजार करना ही होगा. लेकिन एग्जिट पोल सामने आने के बाद उत्साहित एनडीए के साथ-साथ राजनीतिक दलों ने सरकार बनाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है.

अधिकतर एजेंसियों के एग्जिट पोल में एनडीए की सरकार बनने का दावा किया है और एनडीए ने नई सरकार बनाने को लेकर कवायद शुरू कर दी है. सूत्रों का कहना है कि कल 21 मई को दिल्ली में एनडीए के सभी सियासी दलों की बैठक रखी गई है. बैठक में इस संबध में चर्चा की जाने वाली है कि अगर एग्जिट पोल नतीजों में तब्दील होते हैं तो केंद्र में सरकार बनाने की रणनीति तय की जाए. हांलाकि इस संबध में कोई आधिकारिक घोषणा तो अभी तक नहीं हुई है. वहीं आज पीएम नरेंद्र मोदी की आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से होने वाली भेंट को भी अहम माना जा रहा है. कार्यक्रम के अनुसार पीएम मोदी नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में भागवत से सरकार गठन पर चर्चा करने वाले हैं.

वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों से पहले यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने दिल्ली में विपक्ष की मीटिंग आयोजित की है. भले ही एग्जिट पोल ने यूपीए को बढ़त की बात से इनकार किया हो लेकिन विपक्ष अंतिम नतीजों पर ही पूरा भरोसा रखे हुए है. विपक्ष इस एग्जिट पोल को सिरे से खारिज कर इस आसरे है कि कहीं न कहीं उनके हाथ मौका लग सकता है. सोनिया गांधी ने यूपीए के सहयोगी दलों के अलावा एनडीए के विरोधी दलों से संपर्क साधने व नतीजों के बाद आगे की रणनीति के लिए दिल्ली में बैठक बुलाई है. इसके लिए सोनिया गांधी ने इन दलों को बैठक में शामिल करने की विशेष जिम्मेदारी एमपी के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के अलावा अन्य वरिष्ठ नेताओं को सौंपी है.

हांलाकि यूपीए को एकजुट करने की कवायद आखिरी चरण के मतदान व एग्जिट पोल से पहले ही शुरू हो गई थी. पिछले काफी समय से टीडीपी चीफ व आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू भी इसी कवायद में जुटे हैं. नायडू हाल ही में विभिन्न पार्टियों के दिग्गज नेताओं से संपर्क कर गहन चर्चा कर चुके हैं. जिसमें वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव, बसपा सुप्रीमो मायावती, सीपीएम नेता सीताराम येचुरी, आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल सहित कईयों से विशेष मुलाकात कर चुके हैं.

बता दें कि लंबे समय से एक-दूसरे के धुर-विरोधी रही सपा व बसपा ने यूपी में लोकसभा चुनाव गंठबंधन में लड़ा है. चुनाव प्रचार में एक लंबे अरसे बाद बसपा सुप्रीमो मायावती व सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने मंच साझा किया था. इस गठबंधन राष्ट्रीय लोक दल भी शामिल रहा. यूपी में गठबंधन को पूरा भरोसा है कि यहां की जनता ने उनपर विश्वास जताया है. हांलाकि एग्जिट पोल की कुछ एजेंसियां यूपी में गठबंधन को बढ़त से इनकार कर रही है तो कुछ इस बात पर मुहर लगा रहे है कि यूपी को सपा-बसपा गठबंधन भा गया है. खैर, 23 मई को पूरी तस्वीर साफ हो ही जाएगी.

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