West Bengal Politics. राजनीति के लिए अक्सर कहा जाता है कि, ‘राजनीति में जो दिखता है वो होता नहीं है और जो होता है वो दिखता नहीं है.’ इस कथन के हाल ही में कई उदाहरण देश की जनता ने देखे भी हैं. ठीक इसी तर्ज पर पश्चिम बंगाल में भी सियासत जारी है. एक तरफ तो कभी भारतीय जनता पार्टी के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के खिलाफ हूंकार भरने वाले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी शांत दिखाई दे रही है. यही नहीं कल ही ममता बनर्जी ने उनके धुर विरोधी भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात की थी. दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे की मुलाकात के बाद सियासी गलियारों में चर्चा थी कि, ‘जल्द ही अधिकारी TMC के साथ आने वाले हैं.’ लेकिन इसके उलट 24 घंटे भी नहीं बीते कि उन्होंने अपनी कथित बहन ममता बनर्जी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. सुवेंदु अधकारी ने कहा कि, ‘बंगाल में ममता बनर्जी का समय खत्म हो गया है. वह जल्द ही पश्चिम बंगाल की पूर्व मुख्यमंत्री होंगी.’
दरअसल शुक्रवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी से मुलाकात कर सबको चौंका दिया. ममता बनर्जी ने इसे साधारण ‘चाय पर चर्चा’ बताया है. इधर, सुवेंदु अधिकारी ने इसे ‘शिष्टाचार मुलाकात’ कहा. मुख्यमंत्री के बुलावे पर सुवेंदु अपने साथ तीन अन्य भाजपा विधायकों के साथ पहली बार विधानसभा में सीएम के चेंबर में उनसे मुलाकात के लिए पहुंचे. ममता ने विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी को अचानक चाय पर बुलाया था. इसके बाद सुवेंदु भाजपा विधायक अग्निमित्रा पाल, मनोज टिग्गा और अशोक लाहिरी के साथ विधानसभा स्थित उनके कक्ष में गये. बताया जा रहा है कि इस दौरान ममता व सुवेंदु के बीच लगभग पांच मिनट तक बातचीत हुई. बैठक के बाद बाहर निकलने पर पत्रकारों के सवाल पर सुवेंदु ने कहा कि, ‘यह शिष्टाचार मुलाकात थी.’ वहीं ममता बनर्जी और सुवेंदु की शिष्टाचार मुलाकात के बाद विधानसभा में ममता का भाषण भी हैरान कर देने वाला रहा.
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विधानसभा सत्र में ममता ने सुवेंदु अधिकारी को ‘भाई’ कहकर संबोधित किया. ममता बनर्जी ने कहा कि, ‘मैं उसे भाई की तरह प्यार करती थी, वह लोकतंत्र की बात करता है. वो तो पार्टी के गठन के समय नहीं था. पहले वो कांग्रेस में थे उसके बाद TMC में आये. लेकिन उनके पिता शिशिर दा हमारे खिलाफ उम्मीदवार बने थे. मैं उनका बहुत सम्मान करती हूं.’ ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी के इस बदले बदले रूप के कई मायने निकाले जा रहे हैं लेकिन कहते हैं न कि राजनीति में जो होता है वो दीखता नहीं और जो दीखता है वो होता नहीं है. इसी की तर्ज पर चलते हुए कल तक ममता बनर्जी के साथ बैठकर चाय पी रहे सुवेंदु अधिकारी के सुर 24 घंटे में ही बदल गए.
शनिवार को ठाकुरनगर में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा कि, ‘जैसे उन्होंने नंदीग्राम में ममता को हराया था, वैसे ही आगे भी हराएंगे. बंगाल में ममता बनर्जी का समय खत्म हो गया है. वह जल्द ही पश्चिम बंगाल की पूर्व मुख्यमंत्री होंगी.’ सुवेंदु अधिकारी के इस बयान ने ममता बनर्जी से कल हुई चाय पर मुलाकात के बाद उठ रही अटकलों पर विराम सा लगा दिया है. इससे पहले सियासी गलियारों में चर्चा थी कि, सुवेंदु अधिकारी का बीजेपी में मन नहीं लग रहा है और वे जल्द ही TMC में अन्य बीजेपी नेताओं के साथ शामिल हो सकते हैं. लेकिन उनके आज के बयान ने सभी अटकलों पर विराम लगा दिया है.
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वहीं दोनों दिग्गजों के बीच हुई इस मुलाकात को लेकर टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा, ‘मैंने सुना है कि अधिकारी मुख्यमंत्री के कक्ष में गए थे. मुख्यमंत्री ने उनसे संपर्क नहीं किया. वह उनसे मिलने गए. मैंने हमेशा कहा है कि शुभेंदु बाघ नहीं हैं, बल्कि बाघ के कपड़ों में एक बिल्ली हैं.’ बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा, ‘किसी के दूसरे शख्स से निजी संबंध हो सकते हैं. यहां शिष्टाचार का स्थान है. संवैधानिक परंपराओं को बनाए रखना होगा. सब बैठकर बातें करते हैं. मुझे नहीं लगा कि कुछ गलत था. मैं खुद उनके प्रति विनम्र रहा हूं. उनका पुराना रिश्ता है. कालीघाट में कई लोग दर्शन करने आते हैं. उन्होंने वहीं किया. यह कोई सार्वजनिक मामला नहीं है, यह एक निजी मामला है.’
बयानबाजी के इत्तर इंडियन एक्सप्रेस में छपे एक लेख के अनुसार ममता बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी के बीच हुई मुलाकात को लेकर टीएमसी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, ‘ममता बनर्जी अब राज्य के लिए पैसे की सख्त मांग कर रही हैं. अन्यथा, वह राज्य के भयानक वित्त का प्रबंधन नहीं कर पाएंगी. 5 दिसंबर को वे दिल्ली जाएंगी और वहां इसी वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहती हैं. इससे पहले उन्होंने कूटनीतिक तौर पर शुभेंदु के साथ संबंध ठीक किए, ताकि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को एक सकारात्मक संदेश जाए.’ वहीं बीजेपी नेताओं ने भी संकेत दिए हैं कि ममता बनर्जी और शुभेंदु अधिकारी के बीच इस शिष्टाचार भेंट के पीछे की असल वजह धन फैक्टर है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि, ‘ममता बनर्जी अब गंभीर संकट में हैं. सरकारी कर्मचारी सड़क पर हैं. स्कूल-नौकरी घोटाले ने सरकार की छवि खराब की है. ममता बनर्जी के पास शुभेंदु की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाने के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. अच्छा है कि ममता बनर्जी सीख रही हैं.’