ghanshyam tiwari in dausa
ghanshyam tiwari in dausa

Demand for Separate Reservation for Brahmins: विधानसभा चुनाव से पहले राजस्थान में समाजों की सियासत तेज हो गई है. पिछले सप्ताह जाटों के महासम्मेलन के बाद अब ब्राह्मणों ने भी हुंकार भरते हुए अलग से आरक्षण की मांग की है. दौसा के मेहंदीपुर बालाजी में विप्र फाउंडेशन की ओर से किए गए विप्र महाकुंभ आयोजन में बीजेपी ओर कांग्रेस सहित अलग-अलग पार्टियों से जुड़े ब्राह्मण नेता एक मंच पर नजर आए. यहां राज्यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी अपने पुराने रंग में दिखाई दिए. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि हमें स्पेशल बैकवर्ड क्लास (SBC) से मतलब नहीं है. हमें तो हमारा आरक्षण अलग से चाहिए. तिवाड़ी ने नाम लिए बगैर कहा कि यदि किसी के लिए वक्फ बोर्ड अलग से हो सकता है, तो हिंदू रिलिजियस एक्ट भी बनना चाहिए और सारे देवस्थान हिंदू समाज के कब्जे में रहने चाहिए.

दिग्गज ब्राह्मण नेता घनश्याम तिवाड़ी ने मंच से संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने समाज के सभी वर्गों को आरक्षण दे रखा है. हमारी जमीन चली गई, जजमानी चली गई. मंदिर माफी की हमारी जमीन भी चली गई. इसके बावजूद लोग हम पर आरोप लगाते हैं, लोग वर्ण व्यवस्था की आलोचना करते हैं. ऐसे में ब्राह्मण समाज के लिए भी अलग से आरक्षण की व्यवस्था की जानी चाहिए. हम किसी अन्य समाज के आरक्षण के खिलाफ नहीं है. हमको तो हमारे हक का आरक्षण अलग से चाहिए.

हम अगड़े लेकिन आर्थिक रूप से तगड़े नहीं
राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि ब्राह्मण समाज पर जन्मजात दो जिम्मेदारियां हैं, पहली जिम्मेदारी अपने परिवार और समाज को आगे बढ़ाने की. दूसरी जिम्मेदारी हमारे पूर्वजों की ओर से दी गई विश्व की सबसे सर्वश्रेष्ठ संस्कृति, जो हमने पैदा की है, उसका संरक्षण करना. तिवाड़ी ने आगे कहा कि समाज में अभी भी 4 वर्ग बने हुए हैं- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और हम अगड़े. लेकिन हम आर्थिक रूप से तगड़े नहीं है. इसके लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण जरूरी है.

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घनश्याम तिवाड़ी ने आगे कहा कि इसी मांग के तहत संविधान संशोधन होने के बाद इकोनॉमिक वीकर सेक्शन (EWS) का 10 प्रतिशत आरक्षण मिला है. वह भी हमने अकेले नहीं लिया, उसमें राजपूत, वैश्य, कायस्थ और वंचित मुसलमान भी शामिल है. इस आरक्षण के साथ तो वह सभी सुविधाएं जो अन्य समाजों को सरकार द्वारा दी जाती है, वह सभी सुविधाएं आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग को भी मिलनी चाहिए. संविधान संशोधन करके आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को आरक्षण देने के लिए तिवाड़ी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया है.

राज्य सरकार को नहीं है मंदिर अधिग्रहण का अधिकार
बीजेपी के वरिष्ठ नेता घनश्याम तिवाड़ी ने मंदिर अधिग्रहण पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को मंदिरों का अधिग्रहण करने का कोई अधिकार नहीं है. पुजारी केवल ब्राह्मण ही नहीं, बल्कि गुर्जर और राजपूत समेत अन्य समाजों के भी लोग हैं. उन्होंने कहा कि हमारी यह मांग केवल ब्राह्मण पुजारियों के लिए नहीं है. पूरे हिंदू समाज के लिए है. यदि किसी के लिए वक्फ बोर्ड अलग से हो सकता है, तो हिंदू रिलिजियस एक्ट भी बनना चाहिए. उन्होंने सभी देवस्थान हिंदू समाज के कब्जे में रहने का समर्थन किया है.

मैं विप्र समाज का सदस्य बनकर आया हूं, स्टेट का एजेंट नहीं
वहीं विप्र सम्मेलन में पधारे पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक रघु शर्मा ने कहा कि मैं विप्र समाज का सदस्य बनकर आया हूं, स्टेट का एजेंट नहीं. हम कैसे सशक्त हों इस पर विचार किया है. हमने विचार किया कि कैसे समाज एकजुट हो, समाज प्रगति करें. आर्थिक सामाजिक राजनीतिक रूप से हम एकजुट हों. उन्होंने कहा कि ये सम्मेलन चुनाव के लिए नहीं है. समाज का सदस्य होने के नाते मैं कहना चाहता हूं कि हमारे बच्चों में टैलेंट की कोई कमी नहीं है. उन्हें अवसर मिलने चाहिए. इसके लिए मेरी अपील है कि आप सभी 200 विधानसभा क्षेत्रों में सवर्ण समाज के बच्चों के लिए छात्रावास बनवाएं, शैक्षणिक संस्थाएं बनवाएं.

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रघु शर्मा ने कहा कि समाज के लिए मैं हमेशा तैयार रहूंगा और मंच पर बैठे सभी नेता भी इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि वे कौन सी पार्टी से है, समाज के लिए सभी तैयार रहते हैं. राजनीतिक विचारधारा को एक तरफ रखकर समाज के सभी लोगों ने ईडब्ल्यूएस के लिए माहौल बनाया.

हमें ताकत के साथ जिम्मेदारी निभानी है – जोशी
गहलोत सरकार में जलदाय मंत्री महेश जोशी ने भी सम्मेलन को संबोधित किया. जोशी ने कहा कि विप्र महाकुंभ में आना मेरी जिम्मेदारी थी. मुझे खुशी है कि मैं इसमें शामिल हुआ और अपनी बात रखी. हमें अधिक ताकत के साथ देश और समाज के प्रति जिम्मेदारी निभानी होगी. ऐसा करके हम समाज का नाम ऊंचा करेंगे.

ये नेता रहे मौजूद
विप्र महाकुंभ में विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुशील ओझा, जलदाय मंत्री महेश जोशी, समाज कल्याण बोर्ड अध्यक्ष अर्चना शर्मा, केकड़ी विधायक रघु शर्मा, विधायक अभिनेष महर्षि, मावली विधायक धर्मनारायण जोशी, कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ, महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष ममता शर्मा, पूर्व विधायक शंकर शर्मा एवं सपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष पंडित रामकिशन सहित कई अन्य नेताओं ने मंच को संबोधित किया.

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