Politalks.News/BJPINRAJYASBHA. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में भाजपा ने एक और कीर्तिमान बनाया है. बीजेपी के इतिहास में पहली बार राज्यसभा में उसके सदस्यों का आंकड़ा 100 के पार निकल गया है. वहीं, 1990 के बाद पहली बार हुआ है जब किसी पार्टी के 100 से ज्यादा सदस्य उच्च सदन में हों. गुरुवार को हुए चुनावों के बाद राज्यसभा में यह तस्वीर बदली है. राज्यसभा (Rajya Sabha Election) चुनावों में असम, त्रिपुरा और नागलैंड की एक-एक सीटों पर जीत हासिल करने के बाद इतिहास में पहली बार संसद के उच्च सदन (Upper House of Parliament) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्यों (Rajya Sabha Members) का आंकड़ा 100 पर पहुंच गया है. 1990 के बाद से भाजपा का आंकड़ा जहां लगातार बढ़ा है वहीं कांग्रेस के प्रदर्शन में गिरावट दर्ज की गई है. कांग्रेस की हालत लगातार पतली ही हुई है. लेकिन 2014 के बाद मोदी सरकार के आने से भाजपा की बल्ले बल्ले हो गई है. दूसरी तरफ सियासी जानकारों का यह भी कहना है कि आने वाले चुनावों में भाजपा की इस रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है.
राज्यसभा की वेबसाइट पर नए सदस्यों संबंधी आंकड़े हालांकि अभी अपडेट नहीं हुए हैं, लेकिन यदि हाल में हुए चुनाव संबंधी आंकड़े यदि उसमें जोड़ दिए जाएं, तो बीजेपी के सदस्यों की संख्या 100 हो जाएगी. इसके बावजूद 245-सदस्यीय राज्यसभा में भाजपा अभी तक बहुमत से दूर है. वर्तमान में राज्यसभा में बीजेपी के 97 सदस्य हैं.लेकिन यह आंकड़े दर्शाते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद भाजपा का ग्राफ लगातार बढ़ता चला गया है.
यह भी पढ़ें- ‘150 में से एक सीट भी कम नहीं लानी, सबको लड़ना पड़ेगा एक साथ’- राहुल की कार्यकर्ताओं से अपील
हाल में 6 राज्यों की राज्यसभा की 13 सीटों पर हुए राज्यसभा के द्विवार्षिक चुनाव में भाजपा को पंजाब में एक सीट का नुकसान हुआ, लेकिन इन तीनों राज्यों और हिमाचल प्रदेश में उसे एक-एक सीटों का फायदा हुआ. इन राज्यों के सेवानिवृत्त राज्यसभा सदस्य विपक्षी दलों से थे. पंजाब की सभी पांच सीटों पर आम आदमी पार्टी के सदस्य निर्वाचित हुए हैं. इनमें दिल्ली के राजिंदर नगर से विधायक राघव चड्ढा, क्रिकेटर हरभजन सिंह, संदीप पाठक, संजीव अरोड़ा और अशोक मित्तल शामिल हैं.
आपको बता दें कि साल 2014 में उच्च सदन (राज्यसभा) में भाजपा के सदस्यों की संख्या 55 थी. उसके बाद कई राज्यों में चुनावी जीत दर्ज करने के बाद उसके आंकड़े बढ़ते रहे और अब वह 100 पर पहुंच गई है. यहां आपको यह भी बता दें कि इससे पहले 1990 में कांग्रेस के 108 सदस्य राज्यसभा में थे. इसके बाद े कांग्रेस के सदस्यों की संख्या लगातार घटती चली गई. एक-एक कर कई राज्यों में उसे अपनी सरकारें गंवानी पड़ी और इसका असर राज्यसभा में उसके सदस्यों की संख्या पर पड़ा.
हालांकि सियासी जानकारों की माने तो आने वाले दिनों (जुलाई) में भाजपा की इस बढ़त पर ब्रेक लग सकता है, क्योंकि आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और झारखंड में राज्यसभा के चुनाव होने हैं और इन राज्यों में विरोधी दलों की सरकारें हैं. वहीं उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बढ़त मिलने के आसार हैं. उत्तर प्रदेश में 11 सीटें खाली हुई हैं और इनमें से भाजपा कम से कम 9 सीटें जीत सकने की स्थिति में है. राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे 11 सदस्यों में 5 भाजपा के हैं. तो भाजपा को यहां 4 सीटों का फायदा होना तय माना जा रहा है. लेकिन यह फायदा बसपा के कमजोर होने के चलते हो रहा है.