सिंहदेव को बनाकर ढाल भाजपा करेगी वार, बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी बीजेपी

एकबार फिर टीएस सिंहदेव के इर्द गिर्द घूमने लगी छत्तीसगढ़ की राजनीति, टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग से इस्तीफा देने के बाद विपक्ष को बैठे बिठाये मिला बड़ा मुद्दा, 20 जुलाई से शुरू होने वाले मानसून सत्र में विपक्ष भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कर रही है तैयारी, बोली बीजेपी- सिंहदेव लड़ाई लड़ना है तो "शान" से लड़िये... यह आधी लड़ाई... आपके "पितरों" का अपमान होगा...

सिंहदेव को बनाकर ढाल भाजपा करेगी वार
सिंहदेव को बनाकर ढाल भाजपा करेगी वार

Politalks.News/Chattisgarh. छत्तीसगढ़ में एक बार फिर सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में संग्राम शुरू हो चूका है. पहले तो कैसे जैसे कर के इस संग्राम को शांत करा लिया गया लेकिन अब ये शांति की जगह आक्रोश की तरफ बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है. छत्तीसगढ़ की राजनीति एक बार फिर टीएस सिंहदेव के इर्द गिर्द घूमने लगी है. भूपेश मंत्रिमंडल के वरिष्ठ मंत्री टीएस सिंहदेव के पंचायत विभाग से इस्तीफा देने के बाद विपक्ष को बैठे बिठाये एक बड़ा मुद्दा हाथ लग गया है. अब विपक्ष मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाकर भूपेश बघेल से इस्तीफा मांगने की तैयारी कर रहा है. वहीं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ में संवैधानिक संकट है. सीएम बघेल में अगर थोड़ी भी नैतिकता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.’ वहीं भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने TS सिंह देव को नसीहत देते हुए कहा कि, ‘लड़ाई लड़ना है तो “शान” से लड़िये… यह आधी लड़ाई… आपके “पितरों” का अपमान होगा….’

जिस तरह से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के दिग्गज नेता टीएस सिंहदेव ने अचानक पंचायत विभाग के मंत्री पद से इस्तीफा दिया है. देव के इस्तीफे के बाद से ही प्रदेश की सियासत में राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. मंत्री सिंहदेव को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 5 विभागों की जिम्मेदारी दी थी. हालांकि आपको बता दें कि टीएस सिंहदेव ने सिर्फ पंचायत विभाग से ही अपना इस्तीफा दिया है वे अन्य सभी विभागों के मंत्री बने हुए हैं. वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सिंहदेव के इस्तीफे को लेकर पत्रकारों से बात करते हुए इस्तीफे का लेटर नहीं मिलने की बात कही. ये पहला मौका नहीं है जब दोनों ही नेताओं के बीच की खींचतान सामने आई है. इससे पहले बघेल सरकार के ढाई साल का कार्यकाल पूरा होने पर भी दोनों नेताओं के बीच की खींचतान खुलकर सामने आई थी. वहीं सिंहदेव के इस्तीफे को लेकर बीजेपी अब बघेल सरकार पर हमलावर है.

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सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के बाद अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने सरकार पर हमला बोला है. साय ने कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ में संवैधानिक संकट है और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी कैबिनेट का विश्वास खो चुके हैं. जन घोषणापत्र के अनुकूल काम करने में प्रदेश सरकार असफल रही है. यहां के मुख्यमंत्री में अगर थोड़ी भी नैतिकता है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए.’ विष्णुदेव साय ने कहा कि, ‘जनता से किए वादे को सरकार ने पूरा नहीं किया और यह जनता के साथ धोखा है. कैबिनेट के साथ जनता के बीच भी सरकार अपना विश्वास खो रही है.’

सीएम बघेल पर निशाना साधते हुए विष्णुदेव साय ने आगे कहा कि, ‘छत्तीसगढ़ कांग्रेस की सरकार झूठी है, लबरी है और इस बात का आरोप हम लोग विपक्षी पार्टी के नाते लगाते रहे हैं. कांग्रेस ने 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान जन घोषणा पत्र में 36 वादे किए थे और साढ़े 3 साल का कार्यकाल पूरा हो गया है, लेकिन एक भी वादा पूरा नहीं हुआ है. यह बात सीएम के बाद दूसरे नंबर के मंत्री टीएस सिंहदेव ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर प्रमाणित कर दिया है.’ वहीं भाजपा के पूर्व मंत्री व विधायक अजय चंद्राकर ने अपने ट्विटर एकाउंट पर प्रदेश प्रभारी पीएल पूनियां को टैग करते हुए ट्वीट किया और लिखा कि, ‘पीएल पूनियां जी प्रभारी छत्तीसगढ़ (कांग्रेस शोषित), छ.ग. में “शतरंज ओलंपियाड” चल रहा है, पर असली ओलंपियाड तो कांग्रेस में शुरू हो गया है. टीएस सिंहदेव ने पहली चाल चली और यही कांग्रेस सरकार के मात की आखिरी चाल भी है.’

इसके साथ ही चंद्राकर ने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, ‘टीएस सिंहदेव, मंत्री छत्तीसगढ़ (कांग्रेस शोषित) आप 14 वीं पीढ़ी के राजा है. लड़ाई लड़ना है तो “शान” से लड़िये, यह आधी लड़ाई… आपके “पितरों” का अपमान होगा. यशस्वी माता-पिता की यशस्वी संतान बनिये.’ चंद्राकर ने एक अन्य ट्वीट करते हुए लिखा कि, ‘मंत्री छत्तीसगढ़ (कांग्रेस शोषित) मान. सिंहदेव जी “अंधेरा छटेगा सूरज उगेगा” लेकिन लड़ाई आधे मन से मत लड़िये…. या तो “जीत होगी या वीरगति होगी…. पीठ दिखाना राजाओं के शान, परंपरा के खिलाफ है… भारत का इतिहास गवाह है.’ चंद्राकर ने आगे लिखा कि, टीएस सिंहदेव जी, मंत्री (विभाग मालूम नहीं) छत्तीसगढ़ (कांग्रेस शोषित), देश में कई जगह अभी टारगेट किलिंग हुई है.. यदि आप वीरता से नहीं लड़े तो टारगेट किलिंग के शिकार हो सकते हैं. आप अपने स्वभाव से लड़ाई नहीं जीत सकते, शिकार छत्तीसगढ़ में कीजिए दक्षिण अफ्रीका (पलायन) मत जाइए.’

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इससे पहले सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री एवं बीजेपी के दिग्गज नेता रमन सिंह ने भी बघेल सरकार पर निशाना साधा. रमन सिंह ने सीधे तौर पर राज्य सरकार को घेरते हुए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच भारी मतभेद होना बता दिया है. रमन सिंह की मानें तो सभी मंत्रियों – विधायकों के मन भी भारी आक्रोश है, आने वाले समय में प्रदेश में बड़ा विस्फोट होने कि बात भी रमन कह रहे हैं. वहीं आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ विधानसभा का 20 जुलाई से मानसून सत्र शुरु हो रहा है. इस सत्र के दौरान भाजपा भूपेश सरकार को घेरने की तैयारी में है. यहां तक कि भाजपा ने सरकार को घेरने के लिए मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाने की भी बात कही है. नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि, ‘जब मंत्री को ही भूपेश सरकार पर भरोसा नहीं है तो ऐसे में जनता का विश्वास यह सरकार खो चुकी है इसलिए मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.’

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