अखिलेश के पैदल मार्च पर BJP ने उठाए सवाल, बताया फोटो सेशन, जनता ने उनको कर दिया पैदल- राजभर

जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित कर रही है महसूस, सत्ता जितनी कमज़ोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है- अखिलेश यादव

‘यात्रा के नाम पर फोटो सेशन कर रहे हैं अखिलेश’
‘यात्रा के नाम पर फोटो सेशन कर रहे हैं अखिलेश’

Politalks.News/Uttarpradesh. उत्तरप्रदेश में विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया. मानसून सत्र के पहले से ही प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी ने प्रदेश सरकार और भाजपा को घेरने की रणनीति बना ली थी. इसी रणनीति के तहत आज समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में सपा विधायकों ने पार्टी कार्यालय से विधानसभा तक पैदल मार्च निकालने की कोशिश की लेकिन लखनऊ पुलिस ने पैदल मार्चा को रास्ते में ही रोक दिया. पुलिस द्वारा रोके जाने पर अखिलेश यादव धरने पर बैठक गए. वहीं धरने पर बैठे अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘महंगाई, बेरोजगारी, बदहाल कानून-व्यवस्था जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है.‘ वहीं अखिलेश यादव पर बीजेपी ने जमकर निशाना साधा तो ओमप्रकाश राजभर ने भी अखिलेश को आड़े हाथ लिया.

उत्तरप्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के पहले दिन सोमवार को समाजवादी पार्टी ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में पार्टी कार्यालय से पैदल मार्च का आयोजन किया, लेकिन पुलिस ने इसे रास्ते में ही रोक दिया. पुलिस ने कहा कि, ‘सपा के इस मार्च के लिये प्रशासन ने एक मार्ग निर्धारित किया था, लेकिन वह लोग निर्धारित मार्ग पर न जाकर दूसरे मार्ग पर जा रहे थे, इसलिए उन्हें रोक दिया गया.’ वहीं पुलिस द्वारा पैदल मार्च रोके जाने के बाद अखिलेश यादव वहीं पार्टी विधायकों के साथ धरने पर बैठ गए. यही नहीं इस दौरान अखिलेश यादव ने हाथ में तख्ती लिए अपना विरोध दर्ज करवाया. अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत जैसे ग्रामीण देश में दूध, दही और घी पर वस्तु एवं सेवा कर लगेगा. खाद्य वस्तुएं महंगी हो रही हैं. युवाओं, गरीबों और दलितों की नौकरियां छीनी जा रही हैं. रेलवे और हवाई अड्डों को बेच दिया गया है.’

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अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, ‘सपा विधायक पहले इन मुद्दों को उठाना चाहते थे और विरोध करना चाहते थे, लेकिन सरकार ने हमें रोक दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी एक विरोध मार्च निकालना चाहती थी, लेकिन इसे भी रोक दिया गया. महंगाई, बेरोजगारी,बदहाल कानून-व्यवस्था और किसान, महिला व युवा उत्पीड़न जैसे जनहित के मुद्दों पर सपा के ‘पैदल मार्च’ के मार्ग में बाधा बनकर भाजपा सरकार साबित कर रही है कि वह जन आक्रोश से डरकर कितना असुरक्षित महसूस कर रही है. सत्ता जितनी कमज़ोर होती है, दमन उतना ही अधिक बढ़ता है.‘ वहीं पुलिस की समझाइश के बाद अखिलेश यादव पार्टी नेताओं के साथ वापस सपा मुख्यालय पहुंच गए. वहीं समाजवादी पार्टी के इस प्रदर्शन पर बीजेपी ने जमकर निशाना साधा.

सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि, ‘किसी भी दल और व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कहीं कोई बुराई नहीं है. अगर समाजवादी पार्टी अनुमति मांगी होगी तो जो भी सरल मार्ग होगा प्रशासन ने उनको उपलब्ध कराया होगा. मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह किसी नियम या किसी शिष्टाचार को माने, यह केवल एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है.’ वहीं सूबे के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि, ‘आजादी का अमृत काल गरीब कल्याण के लिए समर्पित है, जनता ने जिन्हें पैदल किया वह पद यात्रा नहीं पद यात्रा के नाम पर केवल फोटो सेशन कर रहे है. सपा के पास मुद्दा है तो सदन में चर्चा करो. किसी भी दल और व्यक्ति को लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात रखने में कहीं कोई बुराई नहीं है. अगर समाजवादी पार्टी अनुमति मांगी होगी तो जो भी सरल मार्ग होगा प्रशासन ने उनको उपलब्ध कराया होगा. मुझे लगता है कि समाजवादी पार्टी से यह उम्मीद करना कि वह किसी नियम या किसी शिष्टाचार को माने, यह केवल एक कपोल कल्पना ही कही जा सकती है.’

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वहीं समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन में रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने भी सपा पर निशाना साधा. राजभर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘ जब पांच साल सत्ता में थे तब कुछ किया नहीं और आज पैदल घूम रहे हैं. राजभर ने कहा कि अखिलेश यादव को जनता ने पैदल कर दिया है, तो अब क्‍या करेंगे. सत्ता में थे तो कश्यप, निषाद, बिंद, राजभर सबको भूल गये थे, पहचानते नहीं थे और अब नाटक कर रहे हैं. जनता ने विधानसभा में भेजा है, तो विधानसभा में मुद्दा उठाओ. अब अखिलेश यादव को तो पैदल ही रहना है.’

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