Politalks.News/Rajasthan. पंजाब कांग्रेस में मचे सियासी घमासान के बाद अब हर किसी की निगाह राजस्थान पर टिक गई है. इसी बीच आलाकमान के प्रति नाराजगी जताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह को कोई गलत कदम नहीं उठाने देने की नसीहत देने पर प्रदेश भाजपा नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने फासिस्टराज की बात शायद सोनिया गांधी की सास के लिए कही होगी. इस देश में फासिस्टराज सोनिया की सास (इंदिरा गांधी) ने ही आपातकाल लागू करके शुरू किया था. वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि मंत्रिमंडल का पुनर्गठन नहीं करने की जिद पर अड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को देश और पार्टी की दुहाई देकर अंतरात्मा को सुनने की बात कहना हास्यास्पद है.
मुझे उम्मीद है कि अमरिंदर सिंह ऐसा कोई कदम नहीं उठाएंगे जिससे हो पार्टी को नुकसान– गहलोत
दरअसल, पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह द्वारा दिए गए बयान की अब विकल्प खुल गए हैं, इस पर अमरिंदर सिंह से अपील करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा कि, ‘मुझे उम्मीद है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जी ऐसा कोई कदम नहीं उठायेंगे जिससे कांग्रेस पार्टी को हो नुकसान, कैप्टन साहब ने स्वयं कहा कि पार्टी ने उन्हें साढे़ नौ साल तक मुख्यमंत्री बनाकर रखा है, उन्होंने अपनी सर्वोच्च क्षमता के अनुरूप कार्य कर पंजाब की जनता की सेवा की है, हाईकमान को कई बार विधायकों एवं आमजन से मिले फीडबैक के आधार पर पार्टी हित में करने पड़ते हैं निर्णय, मेरा व्यक्तिगत भी मानना है कि कांग्रेस अध्यक्ष कई नेता, जो मुख्यमंत्री बनने की दौड़ में होते हैं, उनकी नाराजगी मोल लेकर ही करते हैं मुख्यमंत्री का चयन, परन्तु वही मुख्यमंत्री को बदलते वक्त हाईकमान के फैसले को नाराज होकर गलत ठहराने लग जाते हैं, ऐसे क्षणों में अपनी अर्न्तरात्मा को सुनना चाहिए, मेरा मानना है कि देश फासिस्टी ताकतों के कारण किस दिशा में जा रहा है, यह हम सभी देशवासियों के लिए चिंता का विषय होना चाहिए, इसलिए ऐसे समय हम सभी कांग्रेसजनों की जिम्मेदारी देश हित में बढ़ जाती है, हमें अपने से ऊपर उठकर पार्टी व देश हित में सोचना होगा, कैप्टन साहब पार्टी के सम्मानित नेता हैं एवं मुझे उम्मीद है कि वो आगे भी पार्टी का हित आगे रखकर ही करते रहेंगे कार्य.’
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न गांधी परिवार में लोकतंत्र है, न कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र है- पूनियां
वहीं कांग्रेस से बगावत कर जयपुर जिला परिषद की नई जिला प्रमुख बनीं रमा देवी चोपड़ा के कार्यभार ग्रहण कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस की नीति फासीवादी, वंशवादी और परिवारवादी रही है, न गांधी परिवार में लोकतंत्र है, न कांग्रेस पार्टी में लोकतंत्र है. पूनियां ने कहा- अगर कांग्रेस के अन्दर लोकतंत्र होता, तो शायद कांग्रेस सत्ता से बाहर न होती. देश में 1885 की वह पार्टी जिसने 50 बरसों तक शासन किया, वह इतनी गैर वाजिब नीति और व्यवहार के कारण बर्बाद नहीं होती.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पंजाब के पुर्व सीएम कैप्टन अमरिन्दर सिंह को दी गई नसीहत पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने पूनियां ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ऐसी सलाह कोई डरा हुआ व्यक्ति ही दे सकता है, जिसके नीचे की जमीन खिसक रही हो और कुर्सी के पाये हिल रहे हों. जुम्मा-जुम्मा अमरिंदर सिंह के बाद ढाई प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार थी. अब यह तय हो गया है कि कांग्रेस से उनके बड़े नेताओं का भी मोहभंग हो रहा है. हमने पिछले दिनों भी इसकी चर्चा सुनी थी.
राजस्थान में मंत्रिमण्डल विस्तार की संभावनाओं को लेकर पूछे गए सवाल पर सतीश पूनियां ने कहा कि यह सवाल अमिताभ बच्चन के कौन बनेगा करोड़पति में पूछे जाने वाले सवाल जैसा हो गया है. यहां न तो सवाल का आधार है, न जवाब मिल पा रहा है और न ही इसमें लोगों को ईनाम मिल पाएगा. अभी तो ऐसा लगता है कि राजस्थान में बाकी समस्याओं के निपटारे से बड़ा काम मंत्रिमंडल का पुनर्गठन ही है. पूनियां ने कटाक्ष करते हुए कहा कि, ‘मुझे अब लगता है, कुछ नहीं हो पाएगा. कई लोगों के कोट सिले-सिलाए रह गए, कई के मुंगेरीलाल के हसीन सपने हो गए. अब पता नहीं कब राधा नाचेगी और कब नौ मन तेल होगा.
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कभी भी डूब सकता है कांग्रेस रूपी जहाज- राजेन्द्र राठौड़
उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा कि 14 महीने में 14 बार कांग्रेस आलाकमान के प्रतिनिधियों को बैरंग लौटाकर मंत्रिमंडल का पुनर्गठन नहीं करने की जिद पर अड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का अब पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को देश और पार्टी की दुहाई देकर अंतरात्मा को सुनने की बात कहना हास्यास्पद है. राठौड़ ने कहा कि सीएम गहलोत पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह को यह संदेश दे रहे हैं कि विधायकों एवं आमजन के अनुसार कई बार आलाकमान को नेतृत्व परिवर्तन करना पड़ता है, लेकिन राजस्थान में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेशाध्यक्ष एवं खुद की पार्टी के 20 से ज्यादा विधायकों की सलाह को पूरी तरह दरकिनार करके मंत्रिमंडल का पुनर्गठन एवं राजनीतिक नियुक्तियां भी नहीं करने पर अड़े हैं.
राजेन्द्र राठौड़ ने कटाक्ष करते हुए कहा कि राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और कुछ राजनीतिक नियुक्तियां लंबे समय से अटके रहना इस बात का स्पष्ट प्रमाण है कि कांग्रेस पार्टी में अंतर्कलह इस कदर बढ़ गई है कि कांग्रेस रूपी जहाज कभी भी डूब सकता है. राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस शासित राज्य पंजाब, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी के भीतर लावा लगातार उबल रहा है. पंजाब में तो कांग्रेस के भीतर का लावा ज्वालामुखी का रूप ले चुका है, अब बारी राजस्थान की है. राजेन्द्र राठौड़ ने नसीहत देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अंतर्कलह से जूझती कांग्रेस पार्टी के नुकसान की चिंता छोड़कर विगत 33 महीने से कांग्रेस सरकार में जारी अन्तर्द्वन्द के कारण राजस्थान की जनता को हो रहे नुकसान की चिंता करनी चाहिए.