निकाय चुनाव प्रणाली पर सरकार को घेरने का भाजपा ने बनाया मास्टरप्लान

कांग्रेस की ओर से लाए जा रहे हाईब्रिड फार्मूले को लेकर एक नवंबर को प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन, राजस्थान में गहलोत सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया है- गजेन्द्र सिंह शेखावत

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान प्रदेश भाजपा मुख्यालय पर बुधवार को प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के आहवान पर प्रदेश के भाजपा सांसदो और विधायकों की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में आगामी निकाय चुनाव व संगठनात्मक चुनावों पर चर्चा की गई. बैठक में प्रदेश के 13 सांसद, एक राज्यसभा सांसद व 53 विधायक मौजूद रहे. पार्टी मुख्यालय पर आयोजित हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में एक बार फिर से पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे गैर हाजिर रहीं.

प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित सांसदों और विधायकों की इस बैठक के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने बैठक की जानकारी पत्रकारों को देते हुए कहा कि प्रदेश में होने वाले निकाय चुनावों, सरकार के निकाय चुनाव में हाईब्रिड मॉडल सहित सांसद और विधायकों के बीच बेहतर संवाद स्थापित हो, इसके लिए इस बैठक का आयोजन किया गया. जिससे केंद्र सरकार की योजनाओं को विधायक बेहतर तरीके से समझ सकें. भाजपा की संगठनात्मक रचना में अच्छे लोगों का चयन हो इस पर भी इस बैठक में चर्चा की गई.

प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने निकाय चुनाव पर गहलोत सरकार द्वारा लिये जा रहे फैसले पर कहा कि राज्य सरकार निकाय चुनाव में हार के डर से घबराई हुई है और हाइब्रिड फॉर्मूले पर आपस में ही विभाजित है. पूनिया ने केंद्र सरकार की अनेकों योजनाओं में राज्य सरकार केे अडचन पैदा करने का भी आरोप लगाया. पूनिया ने कहा कि केंद्र की अनेक ऐसी योजनाएं हैं जिन योजनाओं में राज्य सरकार लगातार रुकावट व अड़चन पैदा करती रही है. वहीं सांसद निधी व विधायक निधी के तहत होने वाले कामों को भी इलीगल तरीके से रोकने का आरोप भी सरकार पर लगाया. पूनिया ने जानकारी देते हुए बताया कि आगामी 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के मौके पर पार्टी पूरे प्रदेश में रन फॉर यूनिटी का आयोजन करेगी.

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में एक मुद्दा रखा था जिसमें निकायों के चुनाव प्रत्यक्ष रूप से करवाने की बात कही थी जिसका विधानसभा में प्रस्ताव भी पारित करवा लिया गया था. उसके बाद सीमांकन के नाम पर वार्डों की संख्या बढ़ाई. कटारिया ने कहा कि हार के डर से गहलोत सरकार ने अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव करवाने का निर्णय लिया और उसके आगे बढ़ते हुए महापौर या सभापति बनने के लिए बिना पार्षद का चुनाव लडे सीधे सभापति बनाये जाने के हाईब्रिड फॉमूले का मतलब है पैसे के आधार पर ही कैंडिडेट उतारा जाएगा और पैसे वाले ही सभापति बनेंगे. कटारिया ने आगे बताया कि निकाय चुनाव के इस फैसले पर 31 अक्टूबर को हमारे सभी जनप्रतिनिधि सभी जिला मुख्यालयों पर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे और 1 नवंबर को धरना देकर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपेगें. कटारिया ने लोकतंत्र का गला घोंटकर मटिया मेट करने का आरोप भी गहलोत सरकार पर लगाया.

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वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत ने सरकार के हाईब्रिड फॉर्मूले पर कहा कि इस फॉर्मूले को हम स्वीकार नहीं करते राजस्थान में गहलोत सरकार ने लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास किया है इसको लेकर सड़क से लेकर संसद तक ओर निचली अदालत से लेकर सर्वोच्य न्यायालय तक सरकार को घेरेंगे. साथ ही गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जो घोषणा उन्होंने की थी निकाय चुनाव पर उस पर उन्होंने जानबूझकर यू टर्न लिया है, यह राजस्थान की जनता के साथ अन्याय है. वहीं राठौड ने सांसद निधि के कामों को गैरकानूनी तरीके से रोकने का आरोप भी सरकार पर लगाया.

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