गुजरात के मोरबी आपदा में अवसर तलाश रही भाजपा, आघात पर प्रतिघात कर रही है कांग्रेस

सीटिंग विधायक का पत्ता काट पिछले विस चुनाव के हारे हुए प्रत्याशी को टिकट थमाकर बीजेपी ने रखा एक उन्नत उदाहरण, कांग्रेस-आप का हर वार इस पर पड़ रहा उल्टा, सहानुभूति के साथ बहादुरी के दम पर बीजेपी मजबूत

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GujaratAssemblyElections. गुजरात में बीती 30 अक्टूबर की शाम मोरबी पुल हादसे में करीब 135 लोगों की जान चली गई. मोरबी की मच्छू नदी पर बना ब्रिज टूट जाने के दौरान 177 लोगों को रेस्क्यू किया गया था. गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले हुए इस आपदा में भी अब बीजेपी अवसर तलाश रही है. जबकि विधानसभा में विपक्ष में बैठी कांग्रेस इस मुद्दे पर सत्ताधारी पार्टी पर वार और प्रतिघात कर रही है. कुछ ही दिन पहले बीजेपी के गढ़ राजकोट में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तंज कसते हुए कहा कि मोरबी हादसे के असली गुनहागार बीजेपी से जुड़े हैं. प्राय: ये भी देखा जा रहा है कि राहुल गांधी अपनी जनसभा से पहले मोरबी ब्रिज हादसे में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए दो मिनट का मौन रखवा रहे हैं, जो सीधे सीधे बीजेपी पर प्रहार है. वहीं इसी आपदा में अवसर तलाशती बीजेपी अलग तरीके से इस मुद्दे को भुनाने का प्रयास कर रही है.

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी सहित अन्य कांग्रेसी नेता भी मोरबी पुल हादसे पर बीजेपी की घेराबंदी कर रहे हैं. राहुल गांधी भी बार बार मोरबी का मुद्दा उठाते हुए बीजेपी पर जमकर निशाना साध रहे हैं. उनके अनुसार, ‘बीजेपी ने अपने लोगों को बचाने की कोशिश की है. जो जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ कुछ भी कार्रवाई नहीं की गई है. उन्हें कुछ नहीं होगा, क्योंकि उनके बीजेपी के साथ अच्छे संबंध हैं. उन्होंने चौकीदारों को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया, लेकिन असली गुनहगारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई.’

राहुल गांधी अपनी पदयात्रा को भी जनता की जनता के लिए की जाने वाली पद यात्रा बताकर गुजरात में भारत जोड़ो यात्रा का फायदा उठाने की कोशिश भी कर रहे हैं. गुजरात में की जाने वाली हर जनसभा में राहुल गांधी कह रहे हैं कि हम इतिहास बचाने के लिए पदयात्रा कर रहे हैं. पैरों में छाले पड़ जाएं तो भी हम पदयात्रा करते रहेंगे.

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इधर, बीजेपी इस हादसे को अवसर में बदलने के अवसर तलाश रही है. यही वजह है कि बीजेपी ने मोरबी के सीटिंग विधायक बृजेश मेरजा का टिकट काटकर कांतिलाल अमृतिया को टिकट थमाया है. कांतिलाल वही व्यक्ति है जिसने मोरबी पुल हादसे के दौरान जान की परवाह किए बिना नदी में छलांग लगा दी थी. इन्होंने कई लोगों की जान बचाई थी. हादसे की रात करीब 9 बजे कांतिलाल ने ही दर्जनों लोगों की मौत का दावा भी किया था. इस दौरान PM नरेंद्र मोदी ने उन्हें फोन कर हादसे की पूरी जानकारी भी ली थी. हादसे के दूसरे दिन जब PM मोरबी पहुंचे तो कांतिलाल उनके साथ नजर आए थे.

हालांकि कांतिलाल 2017 में बीजेपी के हारे हुए प्रत्याशी हैं. 2017 के विधानसभा चुनाव में कांतिलाल अमृतिया ने बीजेपी के टिकट पर मोरबी विस से चुनाव लड़ा था, लेकिन कांग्रेस के उम्मीदवार बृजेश मेरजा ने उन्हें हरा दिया था. चुनाव जीतने के बाद बृजेश मेरजा बीजेपी में शामिल हो गए, जिसका पुरस्कार देते हुए उन्हें मंत्री बनाया गया. पटेल समुदाय से आने वाले कांतिलाल 1995 से 2012 तक मोरबी से विधायक रह चुके हैं. यहां बीजेपी ने कांतिलाल अमृतिया को चुनावी मैदान में उतारकर सहानुभूति के साथ उनके द्वारा दिखाई गई बहादुरी को भुनाने का काम किया है.

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इस सीट पर कांतिलाल अमृतिया को चुनाव लड़ाने के पीछे एक और कारण भी है. यहां पूर्व विधायक कांतिलाल के बहादुरी के चर्चे दूर दूर तक फैले हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसके लिए खुद कांतिलाल की पीठ थपथपाई है. ऐसे में कांग्रेस हो या फिर आप आदमी पार्टी, बीजेपी उम्मीदवार पर तो कोई आक्षेप नहीं लगा सकती. अगर ऐसा होता है तो उनका ये दांव उन पर ही उल्टा पड़ सकता है. ऐसे में यहां कांतिलाल का पक्ष वैसे ही काफी मजबूत हो चुका है. लोगों की सहानुभूति में कांतिलाल के साहस का तड़का मोरबी की जनता के दर्द पर मरहम का काम कर रहा है. ऐसे में तो यही कहा जा सकता है कि आपदा में अवसर ढूंढने की कला बीजेपी से बेहतर कोई नहीं जानता और न ही इस कला में बीजेपी से बेहतर कोई हो सकता है, न ही आप और न ही कांग्रेस.

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