पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा अब आरलपी से गठबंधन नहीं करेगी. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने बताया कि प्रदेश में भाजपा का अपना वजूद और अपना जनाधार है, उसे राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सहयोग की आवश्यकता नहीं है. बता दें कि, बीते लोकसभा चुनाव में नागौर और विधानसभा उपचुनाव में खींवसर सीट के लिए बीजेपी और आरलपी ने गठबंधन किया था. ऐसा माना जा रहा है कि बीते दिनों सांसद हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) द्वारा पूर्व सीएम राजे और मंत्री यूनुस खान के खिलाफ की गई बयानबाजी के बाद बीजेपी आलाकमान ने यह निर्णय लिया है.
जानकारों की मानें तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व मंत्री युनूस खान के खिलाफ राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक हनुमान बेनीवाल द्वारा दिया गया बयान अब बेनीवाल को भारी पड़ गया है. इस बयानबाजी के चलते ही प्रदेश भाजपा ने आगामी निकाय चुनाव में हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) की पार्टी रालोपा के साथ गठबंधन के तहत चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है. इस संबंध में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने मंगलवार को मीडिया को बयान देते हुए कहा कि आने वाला निकाय चुनाव बीजेपी बिना रालोपा के गठबंधन के ही लडेगी.
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गौरतलब है कि हनुमान बेनीवाल ने हाल ही में हुए खींवसर विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व मंत्री युनूस खान पर कांग्रेस की मदद करने और नारायण बेनीवाल को हराने की पुरजोर कोशिश के गम्भीर आरोप लगाए थे. बेनीवाल (Hanuman Beniwal) ने एक टवीट करते हुए इस मामले की शिकायत भाजपा आलाकमान से भी की थी. बेनीवाल ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नडडा, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया को ट्वीट कर लिखा था कि खींवसर उपचुनाव में पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और पूर्व मंत्री यूनुस खान ने रालोपा व भाजपा के गठबंधन के बावजूद भी कांग्रेस प्रत्याशी की चुनाव में खुले आम मदद की. बेनीवाल ने दोनों नेताओं पर उचित कार्यवाही करने की मांग भी भाजपा आलाकमान से की.
बता दें, आरएलपी चीफ बेनीवाल के इस ट्वीट का जवाब देते हुए प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा था कि बेनीवाल गठबंधन की मर्यादा का पालन करें. गठबंधन में दूसरी पार्टी पर इस तरह आरोप नहीं लगाने चाहिए. पूनिया ने बेनीवाल को नसीहत देते हुए कहा कि बेनीवाल (Hanuman Beniwal) को पहले भी समझाया गया था कि वे अपनी पार्टी चलाने में ध्यान दें तो बेहतर होगा. बेनीवाल हमारी पार्टी के नेताओं पर बयानबाजी करना बंद करे. उन्हें एक बार और समझाया जाएगा.
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राजस्थान में आगामी 16 नवंबर को 49 निकायों के लिए चुनाव होगा. इसके चलते मंगलवार को प्रदेश भाजपा मुख्यालय में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया के नेतृत्व में निकाय चुनावों को लेकर एक बैठक आयोजित हुई. बैठक में निकाय चुनाव की रणनीति पर चर्चा की गई. बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि 49 निकायों पर होने वाले इस चुनाव को पार्टी बगैर रालोपा गठबंधन के चुनाव लडेगी.
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याद दिला दें, भाजपा व रालोपा का गठबंधन लोकसभा चुनाव के समय हुआ था. लोकसभा चुनाव में भाजपा ने गठबंधन के तहत नागौर सीट रालोपा को दी थी जिस पर चुनाव जीत हनुमान बेनीवाल लोकसभा पहुंचे. जिसके बाद उनकी खींवसर विधानसभा सीट खाली हो गई थी. हाल ही में हुए खींवसर उप चुनाव में गठबंधन के तहत भाजपा ने रालोपा के लिए खींवसर और बेनीवाल ने मंडावा सीट भाजपा के लिए छोड़ दी थी. खींवसर सीट पर हनुमान बेनीवाल (Hanuman Beniwal) के भाई नारायण बेनीवाल जीत दर्ज की लेकिन जीत का अंतर बहुत कम रहा था जिसके लिए बेनीवाल ने भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को जिम्मेदार बताया था.