पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजधानी जयपुर के मालवीय नगर इलाके में गुरुवार को पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष और भाजपा नैत्री सुमन शर्मा व उनके समर्थकों को बलपूर्वक खदेड़ने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. मामले में भाजपा नेता थानाप्रभारी अरुण पूनियां के निलंबन और एसीपी महेंद्र शर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर अड़ गए हैं. भाजपा ने शुक्रवार को इस मामले को लेकर विधानसभा में हंगामा करने के साथ मालवीय नगर थाने का घेराव भी किया. वहीं बीजेपी ने उक्त मांगों को लेकर अब सोमवार 17 फरवरी को सुबह 11 बजे कमिश्नरेट कार्यालय में धरना देने की घोषणा की है.
मालवीय नगर के सेक्टर तीन में एक कियोस्क जलाने के विरोध में धरने पर बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं को लाठीचार्ज कर खदेड़ने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. दरअसल, बुधवार देर रात को अज्ञात बदमाशों ने मालवीय नगर सेक्टर 3 में थड़ियों में आग लगा दी थी. इस पर थड़ी संचालकों को मुआवजा देने के लिए भाजपा नेता सुमन शर्मा मौके पर धरने पर बैठ गई और दोषियों की गिरफ्तारी की मांग करने लगीं. इसी दौरन वहां सुमन शर्मा की राजनीतिक शत्रु कांग्रेस नेता अर्चना शर्मा भी मौके पर जायजा लेने पहुंच गईं.
इसके बाद वो ही हुआ जिसका अंदाजा था, वहां दोनों के समर्थक आपस में भिड़ गए. तब मालवीय नगर थाना पुलिस ने बल प्रयोग कर वहां से लोगों को खदेड़ दिया. इसमें धरना दे रहे भाजपा कार्यकर्ता धर्मा चौधरी का सिर फट गया. इस पर सुमन शर्मा ने आरोप लगाया कि थानाप्रभारी अरुण पूनियां, एसीपी मालवीय नगर महेंद्र शर्मा ने अर्चना शर्मा के ईशारे पर धरने पर बैठे भाजपा कार्यकर्ताओं और सुमन शर्मा के साथ मारपीट की और डंडे बरसाए. जिसमें कई लोगों के चोट आईं हैं. इस पर पहले गुरुवार को दिनभर थानाप्रभारी को निलंबित करने की मांग को लेकर धरना चला और इसके बाद शुक्रवार को फिर सुबह से ही धरना प्रदर्शन चला. लेकिन भाजपा के कद्दावर नेताओं की मांग को पुलिस अधिकारियों ने सिरे से खारिज कर दिया.
इस मामले में शुक्रवार को भाजपा नेताओं ने पुलिस पर दबाव बनाने के लिए पूरी अपनी पूरी ताकत झोंक दी. थानाप्रभारी अरुण पूनियां के निलंबन और एसीपी महेंद्र शर्मा सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शहर भाजपा के नेताओं ने शुक्रवार सुबह करीब 10 बजे से ही मालवीय नगर थाने में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया. करीब डेढ़ बजे तक पुलिस और कांग्रेस सरकार के खिलाफ तानाशाही के संबंध में और गुरुवार को हुए घटनाक्रम के संबंध में भाषण का दौर चला.
इसी बीच एडिशनल पुलिस कमिश्नर अशोक कुमार गुप्ता व अजयपाल लांबा, डीसीपी पूर्व डॉ. राहुल जैन मौके पर पहुंचे. वहां भाजपा नेताओं के साथ करीब 20 मिनट का थानाप्रभारी के कमरे में बातचीत भी हुई. जिसमें जयपुर कमिश्नरेट के पुलिस उच्चाधिकारियों ने थानाप्रभारी को निलंबित करने की बात से साफ इंकार कर दिया. ऐसे में भाजपा नेता पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बाहर आए और अगला धरना कमिश्नरेट कार्यालय में 17 फरवरी को करने का एलान कर थाने में चल रहा धरना समाप्त कर दिया.
इस मामले पर पूर्व महिला आयोग की अध्यक्ष सुमन शर्मा का कहना है कि पुलिस ने हमारे ही खिलाफ राजकार्य में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है, जबकि हम लोग शांति से धरना दे रहे थे. सुमन शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा, अर्चना शर्मा के इशारे पर पुलिस ने हमारे ऊपर लाठीचार्ज कर दिया. पुलिस ने मेरे कपड़े खींचे और मेरे साथ बदसलूकी भी की.
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वहीं इस पर पलटवार करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता अर्चना शर्मा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बेवजह बदनाम करने और ओछी राजनीति करने का आरोप भाजपा नेताओं पर लगाया. अर्चना शर्मा ने कहा कि अपनी बौखलाहट मिटाने के लिए सुमन शर्मा झूठे आरोप लगा रही हैं, चुनाव तो कालीचरण सराफ ने लड़ा है सुमन शर्मा ने नहीं, कालीचरण प्रोक्सी के आधार पर राजनीति कर रहे हैं.