Politalks.News/GoaAseembly Elction. चुनावी राज्य गोवा से भाजपा को ‘बड़ा झटका‘ देने वाली खबर आ रही है. भाजपा के दिग्गज और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर ने गुरुवार को पार्टी को चेतावनी देते हुए कहा कि,’यदि आगामी विधानसभा चुनाव में पणजी से उन्हें भारतीय जनता पार्टी ने टिकट नहीं दिया तो उन्हें ‘कठिन फैसला’ करना होगा‘. चेतावनी के बावजूद पर्रिकर ने यह भरोसा भी जताया कि बीजेपी उन्हें इस सीट से टिकट जरूर देगी. आपको बता दें, पूर्व रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने पणजी विधानसभा सीट से 25 साल से अधिक समय तक प्रतिनिधित्व किया. इधर सियासी सूत्रों से बड़ी खबर ये भी मिल रही है कि, उत्पल पर्रिकर भाजपा के कट्टर विरोधी और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने जा रहे हैं और कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले हैं. ऐसे में भाजपा के लिए पणजी सीट अब चुनौती बन गई है, एक तरफ है वफादार पर्रीकर के पुत्र तो दूसरी तरफ वर्तमान सरकार के पिलर! अब मुश्किल घड़ी में भाजपा के लिए फैसला लेना कठिन होगा.
मुझे विश्वास है पार्टी देगी टिकट- उत्पल
टिकट नहीं मिलने की खबरों के बीच जूनियर पर्रिकर उत्पल ने कहा कि, ‘मैंने पार्टी को पहले ही कह दिया है कि मैं पणजी से चुनाव लड़ना चाहता हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि पार्टी मुझे टिकट देगी‘. दरअसल पणजी सीट का प्रतिनिधित्व करने वाले कांग्रेस विधायक अतानासियो मोनसेरेट, 9 अन्य विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए, जिन्होंने कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव चुनाव जीता था.
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जीवन में नहीं मिलता कुछ भी आसानी से संघर्ष करेंगे- उत्पल
उत्पल पर्रिकर से जब यह पूछा गया कि,’बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर वह क्या करेंगे’ तो उन्होंने कहा कि, ‘इस बारे में बात करने का यह समय नहीं है’. उन्होंने कहा, ‘मुझे अभी उस पर बात करने की जरूरत नहीं है. मनोहर पर्रिकर को उनके जीवन में कुछ आसानी से नहीं मिला. इसी तरह मुझे भी काम करना होगा. मुझे कुछ कठिन फैसला करने पर भी मजबूर किया जा सकता है और मैं शक्ति देने के लिए प्रार्थना करता हूं, मुझे ये फैसले लेने हैं.’ उत्पल ने कहा, ‘जब फैसला लेने का समय आएगा, मैं लोगों की सुनूंगा. मैंने पार्टी से कह दिया है और मुझे विश्वास है कि पार्टी मुझे टिकट देगी’.
उत्पल संभालना चाहते हैं पैतृक सीट पणजी
गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर अपना पहला चुनाव पणजी विधानसभा सीट से लड़ना चाहते हैं. जिसका प्रतिनिधित्व उनके पिता मनोहर पर्रिकर ने 25 साल किया था. उत्पल ने पार्टी को पणजी से (चुनाव) लड़ने की अपनी इच्छा के बारे में बता दिया था.
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भाजपा के लिए इधर कुआं-उधर खाई!
गोवा बीजेपी नेतृत्व के लिए पणजी को लेकर फैसला लेना आसान नहीं होगा. कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल करने वाले वर्तमान पणजी विधायक मोनसेरेट ने जुलाई 2019 में पार्टी के नौ अन्य विधायकों के साथ-साथ अपनी पत्नी जेनिफर मोनसेरेट को लेकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसकी वजह से 40 सदस्यीय सदन में पार्टी की ताकत बढ़कर आराम से 27 के आंकड़े तक पहुंच गई थी. वहीं दलबदल ने भाजपा को कांग्रेस की ताकत कम करने में मदद की. दरअसल, 2017 चुनाव के बाद कांग्रेस 17 सीटों के साथ सदन में अकेली सबसे बड़ी पार्टी थी. लेकिन मोनसेरेट के दलबदल के बाद कांग्रेस की संख्या घटकर 5 रह गई थी. मोनसेरेट के दलबदल के पहले ही दो और विधायकों ने पार्टी बदल ली थी. इसी साल मार्च में भी मॉन्सरेट ने पणजी नगर निगम चुनाव में भाजपा को 30 में से 25 सीटें जीतने में मदद की थी. अब भाजपा के लिए एक तरफ कुआं एक तरफ खाई जैसी स्थिति बनी हुई है.