Politalks.News/Rajasthan. लगभग टूटने के कगार पर पहुंच चुका बीजेपी और आरएलपी के गठबंधन के बीच नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने बीजेपी नेताओं के खिलाफ़ बयानबाजी तेज कर दी है. हाल ही में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा हनुमान बेनीवाल को दी गई संयम में रहने की नसीहत पर पलटवार करते हुए सांसद बेनीवाल ने कहा कि अगर बीजेपी अपने दम पर सब कुछ करने में सक्षम होने का दावा करती है तो आरएलपी के सहयोग से जीती गई लोकसभा सीटों से सांसदों को इस्तीफ़ा दिलवाकर फिर से चुनाव मैदान में किस्मत आजमा लें.
आपको बता दें, कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हनुमान बबेनीवाल और बीजेपी के नेताओं में अब ज़ुबानी जंग खुलकर सामने आने लगी है. लगातार बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमन्त्री वसुंधरा राजे के खिलाफ़ बयान देने वाले आरएलपी संयोजक बेनीवाल को बीजेपी की तरफ़ से नसीहत दी जा रही है. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने बेनीवाल को बयान में संयम रखने की हिदायत देते हुए कहा कि लोकतंत्र में जनता को विचार करने के लिए मजबूर न होना पड़े, इसका भी ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि जनता ही बनाती है और जनता ही मिटाती है.
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गुलाब चंद कटारिया ने हनुमान बेनीवाल की आरएलपी को वन मैन पार्टी बताते हुए कहा कि उन्हें इस बात का ध्यान भी रखना चाहिए कि पंचायतीराज चुनाव में हाल ही में जनता ने आरएलपी और बेनीवाल को आइना दिखाया है. कटारिया ने बेनीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि आपको सफलता मिली है, बहुत अच्छी बात है लेकिन सफलता के कारण से इतना अधिक भाषा का संयम न खोयें और अभिमान में न रहें. नेता प्रतिपक्ष कटारिया ने कहा कि राजनीति में कई नेता बड़े बने और कई धराशाई भी हो गए.
गुलाब चंद कटारिया ने नसीहत देते हुए कहा कि बेनीवाल को गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए. इसके साथ ही नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि किसी को अपनी जीत की बदगुमानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह जीत अकेले हनुमान बेनीवाल के दम पर नहीं थी.
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वहीं गुलाब चंद कटारिया की नसीहत के बाद हनुमान बेनीवाल ने भी बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा कि अगर बीजेपी अपने दम पर सब कुछ करने में सक्षम होने का दावा करती है तो आरएलपी के सहयोग से जीती गई लोकसभा सीटों से सांसदों को इस्तीफ़ा दिलवाकर फिर से चुनाव मैदान में किस्मत आजमा लें. इसके साथ ही बेनवाल ने कटारिया को सच्चे मन का बताते हुए कहा कि वे कटारिया की बातों का बुरा नहीं मानते. बेनीवाल ने कहा कि कटारिया तो दिल से बात करते हैं और उनके बयान खुद उनके नहीं हैं बल्कि उनसे दिलवाए जा रहे हैं.
गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ़ लगातार बयान देने वाले हनुमान बेनीवाल ने अब संसद की तीन समितियों से इस्तीफा देने के साथ ही 26 दिसम्बर को दिल्ली घेराव के लिए कूच का ऐलान भी कर दिया है, लेकिन फिर भी वे एनडीए के गठबंधन में हैं. ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर यह रिश्ता क्या कहलाता है?