ICAI से संबंधित संशोधन विधेयक का बेनीवाल ने सदन में किया विरोध, बैंक घोटालों का भी किया जिक्र

नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने आज लोकसभा में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, लागत एवं संकर्म लेखपाल और कम्पनी सचिव (संशोधन) विधेयक 2021 का किया विरोध, साथ ही रिजर्व बैंक के बैंक ब्रांच ऑडिट से सम्बंधित 2 सर्कुलरो की तरफ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का किया ध्यान आकर्षित, तो बैंक घोटालों का भी किया जिक्र

लोकसभा में बोले बेनीवाल
लोकसभा में बोले बेनीवाल

Politalks.News/HanumanBeniwal. नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने आज लोकसभा में चार्टर्ड एकाउंटेंट्स, लागत एवं संकर्म लेखपाल और कम्पनी सचिव (संशोधन) विधेयक, 2021 की चर्चा में भाग लिया. सांसद बेनीवाल ने सदन में विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि, ‘सरकार आनन-फानन में एक के बाद एक लगातार बिल लाए जा रहे है लेकिन इस बिल का असली स्वरूप धरातल पर क्रियानवयन के बाद ही सामने आएगा.’ वहीं सांसद बेनीवाल ने अनुशासन बोर्ड में राजनैतिक जन प्रतिनिधि या सांसदो को सदस्य के रूप सम्मिलित करने का सुझाव दिया. तो वहीं बेनीवाल ने देश के कई बैंक घोटालों का जिक्र भी सदन में किया.

लोकसभा में आज चार्टर्ड अकाउंटेंट लागत और संकर्म लेखापाल और कम्पनी सचिव (संशोधन) विधेयक 2021 पर चर्चा हुई. इस चर्चा में भाग लेते हुए नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने इस विधेयक का जमकर विरोध किया. सांसद बेनीवाल ने सदन में चर्चा के दौरान कहा कि, ‘सरकार आनन-फानन में एक के बाद एक लगातार अलग अलग बिल लाए जा रही है. लेकिन इस बिल का असली स्वरूप धरातल पर क्रियानवयन के बाद ही सामने आएगा. सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘ICAI के केन्द्रीय परिषद के सदस्य का वर्तमान में तीन वर्ष का कार्यकाल होता है और इस बिल के माध्यम से इसे बढ़ाकर चार वर्ष किया जा रहा है. चुंकि कोई भी सीए इसके लिए अधिकतम तीन वर्षो तक के लिए चुना जा सकता है ऐसे में वर्तमान में कोई सीए इसका सदस्य है तो उसके वर्तमान कार्यकाल को भी इसमें सम्मिलित माना जाए ताकि लोकतंत्रिक व्यवस्था के अनुसार नए लोगों को मौका मिल सके.

यह भी पढ़े: जौहरी लाल के बाद मलिंगा ने बढ़ाई गहलोत सरकार की मुश्किलें, बेहरमी से मारपीट कर AEN के तोड़े पैर!

वही सांसद हनुमान बेनीवाल ने सदन में चर्चा के दौरान अनुशासन बोर्ड में राजनैतिक जन प्रतिनिधि या सांसदो को सदस्य के रूप सम्मिलित करने का सुझाव दिया. सदन में चर्चा के दौरान सांसद बेनीवाल ने देश के कई बैंक घोटालों का जिक्र भी किया. उन्होंने इस प्रोफेशन से जुड़े लोगो की समस्याओं का निस्तारण करने की मांग भी सदन में उठाई.

सांसद बेनीवाल ने रिजर्व बैंक के बैंक ब्रांच ऑडिट से सम्बंधित 2 सर्कुलरो की तरफ वित्त मंत्री ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि, ‘पुराने प्रावधानों के अनुसार राष्ट्रीयकृत बैंक अपनी 20 करोड़ से अधिक के एडवांसेस वाली शाखाओं की शत-प्रतिशत व 20 करोड़ से कम एडवांसेज वाली शाखाओं में 1/5th शाखाओं की ऑडिट रोटेशन के अनुसार चार्टर्ड एकाउंटेंटस द्वारा की करवाई जाती थी. परंतु 2020-21 की ऑडिट अलॉटमेन्ट के समय राष्ट्रीयकृत बैंकों ने भारतीय रिजर्व बैंक को कोरोना महामारी के हालातों के मद्देनज़र करवाई जाने वाली ऑडिट के पैरामीटर में बदलाव करने का आग्रह किया. जिसको आरबीआई ने मानते हुए अग्रिम आधार पर सिर्फ़ 90% अग्रिम की ऑडिट करने का प्रावधान कर दिया था. अब अग्रीम के 90% ऑडिट वाले प्रावधान को भी 17 मार्च 2022 के जारी सर्कुलर के अनुसार घटाकर 80% कर दिया गया है और इस नये प्रावधान से क़रीब 50% शाखाएँ ऑडिट के दायरे से बाहर हो गई है. जो न तो देश के बैंकिंग व न ही वित्तीय व्यवस्थाओं के अनुकूल है.’

यह भी पढ़े: यूपी विधानसभा का सुखद नजारा, निर्विरोध चुने गए महाना की तारीफ में योगी-अखिलेश ने पढ़े कसीदे

सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘यह देश के जमाकर्ताओं के हितों में भी नहीं है क्योंकि आज रोज़ बैंक घोटाले सामने आ रहे हैं, रोज़ बैंक लाइसेंस वित्तीय अनियमितताओं के कारण रद्द किये जा रहे है व जमाकर्ताओ की खुन पसीने की गाढ़ी कमाई व बुढ़ापे का सहारा बैंकों में डुब रहे हैं व डुबने के आसार बन रहे है.’ सांसद ने कोरोना महामारी से पूर्व के प्रावधानों के अनुसार ऑडिट सिस्टम को रिस्टोर करने की मांग की.

Leave a Reply