Politalks.news/Rajasthan. राजस्थान पुलिस अधिकारी के एक वायरल वीडियो ने तमाम पुलिस महकमे को शर्मसार कर दिया है. राजस्थान के ब्यावर डीएसपी हीरालाल सैनी का एक महिला कांस्टेबल के साथ अश्लील वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. DSP सैनी और महिला कांस्टेबल के इस वायरल वीडियो ने राजस्थान के पुलिस महकमे की ऐसी भद पीटी है कि पुलिस के अधिकारीयों से जवाब देते भी नहीं बन रहा है. इस पुरे मामले पर संज्ञान लेते हुए डीजीपी राजस्थान एमएल लाठर ने हीरालाल सैनी को सस्पेंड कर दिया है और वहीं महिला कांस्टेबल को भी जयपुर कमिश्नर ने सस्पेंड कर दिया है. अब इस पुरे मामले में नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
डीएसपी हीरालाल सैनी और महिला कांस्टेबल के दो वीडियो वायरल हो रहे है जिसमें वे अश्लील हरकत करते हुए दिखाई दे रहे हैं. बेशर्मी की सभी हदें तो तब पार हुई जब एक 2 मिनट 53 सेकण्ड के वीडियो में एक 6 साल का बच्चा भी पूल में नजर आया. सैनी और महिला कांस्टेबल उस मासूम बच्चे के सामने भी अश्लील हरकतें करते नजर आ रहे हैं, साथ ही बच्चे से भी ऐसा ही करवा रहे हैं. इस पुरे घटनाक्रम पर नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने सूबे की गहलोत सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए इस पुरे प्रकरण में उच्च अधिकारियों के तार सीएमओ से जुड़े होने की बात कही है.
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नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान पुलिस के वृताधिकारी का महिला पुलिस कार्मिक के साथ वायरल वीडियो के मामले में पुलिस का दोगला चरित्र सामने आया है. क्योंकि वीडियो वायरल होने के बाद महिला कार्मिक के पति द्वारा नागौर जिले के चितावा थाने में परिवाद दर्ज कराने व जयपुर पुलिस आयुक्तालय के पुलिस कमिश्नर सहित आईपीएस अधिकारी प्रदीप मोहन शर्मा व अनिल परिस देशमुख, अजमेर एसपी सहित कई अन्य आईपीएस अधिकारियों व नागौर पुलिस के मामला संज्ञान में होने के बावजूद इस पुरे मामले में न्यायोचित कार्यवाही करने के स्थान पर पुलिस के उच्च अधिकारियों ने मामले में लीपापोती की व बड़ी रकम लेकर राजीनामे के प्रयास किये.
सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सीएम के पास गृह मंत्रालय होने के बावजूद यह खेल विगत 2-3 माह से चल रहा है और सरकार ने जूनियर अफसरों पर निलंबन कर फोरी कार्यवाही करके इतिश्री करने का प्रयास किया है. जबकि पुलिस के बड़े चेहरों को बचाया जा रहा है क्योंकि उन अधिकारियों के तार सीधे सीएमओ से जुड़े है. बेनीवाल ने आगे कहा कि पुलिस अधिकारी हीरालाल सैनी के सीएमओ से जुड़े तार भी जगजाहिर है ऐसे में सरकार को पूरे मामले में उच्च स्तरीय न्यायायिक जांच अथवा एक विशेष टीम का गठन करना चाहिए. साथ ही मामले में संलिप्त पुलिस के सभी उच्च अधिकारियों को भी बर्खास्त किया जाए ताकि सरकार का एक संदेश समाज मे जाए. क्योंकी कोरोना काल में पुलिस की जो अच्छी छवि बनी वो इस वीडियो के आने के बाद तार-तार हो गई है. साथ ही सरकार के ऑनलाइन एफआईआर सिस्टम की धज्जियां भी उड़ चुकी है.
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हालांकि इस पुरे मामले पर संज्ञान लेते हुए डीजीपी राजस्थान एमएल लाठर ने अजमेर के ब्यावर डीएसपी हीरालाल सैनी को सस्पेंड कर दिया है तो वहीं जयपुर कमिश्नर ने महिला कांस्टेबल को भी सस्पेंड कर दिया है. अजमेर आईजी एस.सेंगाथिर ने बताया कि एक महीने से दोनों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही थी और जांच के बाद ही डीएसपी को सस्पेंड किया गया है. इनके खिलाफ एक महीने पहले नागौर, अजमेर व जयपुर में शिकायत की गई थी. वहीं वायरल वीडियो पर डीएसपी ने वीडियो के एडिट होने की बात कही.