आजाद के भतीजे मुबाशिर भाजपा में हुए शामिल, बोले- चाचा के साथ कांग्रेस नेतृत्व ने किया बुरा सलूक

जम्मू कश्मीर में कांग्रेस को झटका! कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के भतीजे बीजेपी में शामिल, मुबाशिर ने कहा- 'कांग्रेस आंतरिक कलह में फंसी', जबकि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी जमीनी स्तर पर कल्याणकारी कार्यों में है जुटी, सियासी गलियारों में चर्चा- 'क्या भतीजे के बाद चाचा भी जाएंगे भाजपा में? पिछले दिनों आजाद की कांग्रेस से बढ़ी है दूरी और भाजपा से नजदीकी', G-23 के अगुवा माने जाते हैं आजाद

आजाद के भतीजे मुबाशिर भाजपा में हुए शामिल
आजाद के भतीजे मुबाशिर भाजपा में हुए शामिल

Politalks.News/JammuKashmir. कांग्रेस को जम्‍मू-कश्‍मीर (Jammu-Kashmir) में झटका लगा है. पार्टी के सीनियर नेता और प्रदेश के सीएम रह चुके गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azad) के भतीजे मुबशर आजाद ने बीजेपी (Mubashar Azad joins BJP) का दामन थाम लिया है. पिछले कुछ समय में जैसे हालात हैं, उनसे साफ संकेत मिलता है कि गुलाम नबी आजाद की दूरी कांग्रेस (Ghulam Nabi Azad-Congress Relations) से बढ़ी है. वहीं, बीजेपी के वो करीब आए हैं. भतीजे के भगवा पार्टी में शामिल होने के बाद ऐसे में अटकलें लगने लगी हैं कि क्या चाचा भी कांग्रेस से छिटककर बीजेपी का रुख करेंगे? हाल में कांग्रेस के कई कद्दावर नेताओं ने पार्टी छोड़ बीजेपी (Congress leaders joining BJP) का दामन थामा है. मुबाशिर आजाद, गुलाम नबी आजाद के सबसे छोटे भाई लियाकत अली के बेटे हैं. मुबाशीर ने बीजेपी में शामिल होने के साथ आरोप लगाया कि उनके चाचा के साथ कांग्रेस नेतृत्व ने बुरा सलूक किया है, जिससे वो बहुत आहत हैं. इसी कारण से वो कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी के साथ जुड़ रहे हैं. मुबाशिर ने यह दावा किया है कि, ‘बीजेपी में शामिल होने को लेकर उन्होंने अपने चाचा और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद से कोई राय मशविरा नहीं किया था’.

चाचा के साथ कांग्रेस नेतृत्व ने किया बुरा सलूक- मुबाशिर
जम्मू-कश्मीर में रविवार को भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी में मुबाशिर ने भाजपा जॉइन की. इस दौरान मुबाशिर ने कहा कि, ‘कांग्रेस पार्टी आंतरिक कलह में फंस गई है, जबकि मोदी के नेतृत्व में बीजेपी जमीनी स्तर पर कल्याणकारी कार्यों में जुटी है. कांग्रेस ने पार्टी के करिश्माई नेता के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. जबकि खुद पीएम मोदी ने आजाद को उनकी देश सेवा के लिए सम्मानित किया है’. इस दौरान मुबाशिर ने आरोप लगाया कि, ‘उनके चाचा (गुलाम नबी आजाद) के साथ कांग्रेस नेतृत्व ने बुरा सलूक किया है, जिससे वो बहुत आहत हैं. इसी कारण से वो कांग्रेस से अलग होकर बीजेपी के साथ जुड़ रहे हैं’.

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रैना ने बताया- टर्निंग प्वाइंट
जम्मू-कश्मीर में रविवार को बीजेपी के अध्यक्ष रवींद्र रैना और अन्य वरिष्ठ पार्टी नेताओं ने आजाद के भतीजे मुबाशिर का पार्टी में स्वागत किया. इस मौके पर रैना ने कहा कि, ‘मुबाशिर आजाद का बीजेपी में शामिल होना एक टर्निंग प्वाइंट है और डोडा, किश्तवाड़, रामबन जिलों से बड़ी संख्या में युवक बीजेपी के साथ जुड़ रहे हैं. दूसरी पार्टी के बड़े नेताओं के शामिल होने से बीजेपी तेजी से बढ़ रही है. हिन्दू, मुस्लिम, गुर्जर, बकरवाल औऱ अन्य समुदायों के राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता भाजपा का दामन थाम रहे हैं’.

गुलाम नबी की कांग्रेस से बढ़ी है दूरी
मनमोहन सरकार में गुलाम नबी आजाद केंद्रीय स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री थे. वह कांग्रेस के उन असंतुष्ट नेताओं के समूह में शामिल थे, जिसने अगस्त 2020 में पार्टी प्रेसीडेंट सोनिया गांधी को पत्र लिख संगठनात्मक सुधारों की मांग की थी. राजनीतिक गलियारे में इस समूह को जी-23 कहा जाता है. कांग्रेस के 23 वरिष्‍ठ नेताओं के इस समूह ने चिट्ठी लिख पार्टी की कार्यशैली, संस्कृति और हाइकमान पर सवाल उठाए थे.

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बीजेपी से बढ़ी है नजदीकी
गुलाम नबी आजाद हाल में राज्‍यसभा से रिटायर हुए है. जहां एक ओर कांग्रेस से उनकी नाराजगी बढ़ी है, वहीं बीजेपी से नजदीकी भी. कश्‍मीरी नेता ने कुछ समय पहले एक समारोह में पीएम मोदी की जमकर तारीफ की थी. उन्‍हें जमीन से जुड़ा हुआ नेता बताया था. बचपन में पीएम मोदी के याच बेचने की घटना का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्‍होंने अपनी असलियत नहीं छुपाई, उनसे बहुत कुछ सीखा जा सकता है. राज्‍यसभा से गुलाम नबी आजाद की विदाई वाले दिन उनके बारे में बोलते हुए पीएम मोदी के आंसू आ गए थे. पीएम ने कांग्रेसी नेता की जमकर तारीफ की थी. इस साल मोदी सरकार ने उन्‍हें पद्म भूषण से सम्‍मानित किया. उन्‍हें पद्म सम्‍मान मिलने के बाद भी काफी राजनीति हुई थी. इसे लेकर पार्टी दो धड़ों में बंट गई थी। जहां एक ओर शशि थरूर और राज बब्‍बर जैसे नेताओं ने आजाद को इस प्रतिष्ठित सम्‍मान के लिए बधाई दी थी, तो दूसरी तरफ जयराम रमेश सरीखे कुछ नेताओं ने उन पर निशाना साधा था। कुल मिलाकर आजाद के लिए बीजेपी के दरवाजे खुले दिख रहे हैं.

सियासी गलियारों में चर्चा- मुबाशिर को इससे पहले कोई जानता था?
आपको बता दें सियासी गलियारों में गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस को अलविदा कहने की अफवाहें उड़ती रही है. बात इतनी बढ़ गई थी कि खुद आजाद को कहना पड़ा था वो सच्चे कांग्रेसी हैं और कहीं नहीं जा रहे हैं. अब बात की जाए मुबाशिर के भाजपा में जाने की तो इसको लेकर खुद मुबाशिर ने कहा है कि उन्होंने इसको लेकर चाचा से बात नहीं की है. हालांकि सियासी जानकारों का कहना है कि मुबाशिर को इससे पहले कोई जानता था क्या? तो इससे कांग्रेस को ज्यादा फर्क पड़ने वाला नहीं है.

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