Politalks.News/Uttrapradesh. उत्तरप्रदेश चुनाव के नतीजे जहां राजनीतिक दलों के लिए कई तरह के संदेश लेकर आए वहीं अलग-अलग दलों के समर्थकों के बीच भी इसके अलग-अलग रंग देखने को मिले. गांव-गांव, शहर-शहर लोगों ने अपने-अपने समीकरणों के हिसाब से जीत-हार का अनुमान लगा रखा था. कई तो इतने आश्वस्त थे कि दूसरों से शर्त तक लगा ली थी। ऐसी ही एक शर्त लगी थी बांदा के अवधेश कुशवाहा (Awadhesh Kushwaha) और उनके दोस्त के बीच में. मटौंध थाना क्षेत्र के ग्राम बसहरी के रहने वाले बिलेटा सैनी और पड़ोसी अवधेश कुशवाहा के बीच छह फरवरी को बातों-बातों में चुनाव की जीत को लेकर शर्त लगा ली थी. सपा की जीत पर शर्त लगाने वाले अवधेश नतीजे आते ही अपनी बाइक हार गए (Lost the bike). अब सपा समर्थक की हार की खबर जब मीडिया में आई तो अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav, ) ने अवधेश को लखनऊ बुलाया और रिटर्न गिफ्ट के साथ नसीहत भी दे दी.
सपा की जीत होने पर बाइक-टेंपो को लेकर लगा था दांव
यूपी के चुनावी दंगल के बीच लोगों में शर्त भी खूब लगी. बदायूं में जहां सपा और भाजपा की जीत पर चार बीघा जमीन की जोत पर दांव लगा तो बांदा के रहने वाले सपा समर्थक अवधेश कुशवाहा ने अपने दोस्त से सपा की जीत पर बाइक को दांव पर लगा दिया था. अब सपा की हार होने पर अवधेश ने तुरंत अपनी बाइक दोस्त को दे दी थी.
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अखिलेश ने अवधेश को बुलाकर दिया चैक और नसीहत भी
अब जब ये खबर मीडिया में आई तो और इस बात की जानकारी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को हुई तो अखिलेश ने सपा समर्थक अवधेश को ना केवल लखनऊ बुलाया साथ ही उसे एक लाख दस हजार रुपए का चेक दे दिया. अखिलेश ने अवधेश को भविष्य में कभी ऐसी कोई शर्त न लगाने की हिदायत भी दी. अखिलेश यादव ने अवधेश को उसकी बाइक की कीमत से ज्यादा का चेक दिया है.इसके साथ ही ये भी कहा है कि आगे से ऐसा न करूं. अवधेश ने कहा कि, ‘अब मैं बाइक खरीदकर दोबारा से अपना काम शुरू करूंगा’.
स्टांप पेपर पर की थी शर्त की लिखा पढ़ी
बताया जा रहा है कि अवधेश और उनके दोस्त के बीच शर्त लगी थी कि अगर सपा जीती तो दोस्त अवधेश को अपना टैंपो दे देगा और भाजपा जीत गई तो अवधेश अपनी बाइक दे देंगे. इस शर्त को लेकर दोनों के बीच स्टांप पेपर पर बकायदा लिखा-पढ़ी भी हो गई. 10 मार्च को चुनाव नतीजे आए तो दोपहर होते-होते भाजपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनने का रास्ता साफ हो गया.
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बाइक से चलती थी रोजी-रोटी
सपा की हार के चलते अवधेश को शर्त हारनी पड़ी और उन्होंने तत्काल अपने दोस्त को बाइक दे भी दी. बाइक से गांव-गांव जाकर बिजली का सामान बेचने वाले अवधेश ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद बताया कि उसे शर्त में बाइक देनी पड़ी.