Politalks.News/Rajasthan. शनिवार को जयपुर में आयोजित उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक का सफल आयोजन हुआ. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 4 राज्यों के मुख्यमंत्री और 3 केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल भी शामिल हुए. इस दौरान राजस्थान सहित अन्य राज्यों से जुड़े मुद्दों पर सजग चर्चा हुई. वहीं जयपुर पहुंचे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का एयरपोर्ट पर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां, उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित अन्य कई भाजपा नेताओं ने स्वागत किया. इसके बाद बैठक के लिए होटल रामबाग पैलेस पहुंचे अमित शाह का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वागत किया. बैठक समाप्त होने के बाद अमित शाह ने प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंच पार्टी नेताओं से चर्चा भी की. इससे पहले उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक में सीएम गहलोत ने केंद्रीय गृहमंत्री शाह के सामने प्रदेश से जुड़े कई मुद्दे रखे. हालांकि एक बार फिर राजस्थान को भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड मैं सदस्य बनाने को लेकर सहमति नहीं बन पाई.
आपको बता दें कि जयपुर में 25 साल बाद उत्तर क्षेत्रीय परिषद की 30वीं बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के अलावा राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सहित तीन राज्यों के उपराज्यपाल इस बैठक में मौजूद रहे. बैठक में एजेंडे में शामिल कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई. इस दौरान भाखड़ा व्यास मैनेजमेंट बोर्ड में राजस्थान को शामिल किए जाने का मुद्दा भी उठाया गया लेकिन फिलहाल इस पर सहमति नहीं बन पाई है. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बने साइबर क्राइम और उग्रपंथी संगठनों की गतिविधियों पर कंट्रोल करने के लिए राज्यों को सजग और आपसी सहयोग से काम करने काे कहा है. शाह ने संगठित अपराधों पर कंट्रोल करने के लिए सभी राज्यों में आपसी तालमेल और बढ़ाने की आवश्यकता जताई.
यह भी पढ़े: जारौली की घमकी से डरी गहलोत सरकार! खुद का एक पूल बनता नहीं ERCP कैसे करेंगे पूरा?- बेनीवाल
उत्तर क्षेत्रीय परिषद की बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वागत उद्धबोधन में सर्वप्रथम जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि, ‘शिंजो आबे ने भारत और जापान के संबंधों को नया आयाम दिया है. भारत के एक अच्छे मित्र के दिवंगत होने पर यह एक निजी क्षति है.’ वहीं शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा में बादल फटने के कारण जान गंवाने वाले सभी श्रद्धालुओं को भी सीएम गहलोत ने श्रद्धांजलि अर्पित की एवं घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की. वहीं बैठक में सीएम गहलोत ने कई अहम मुद्दे भी रखे. सीएम गहलोत ने बैठक में कहा कि, ‘महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध/बलात्कार के मामलों की शीघ्र जांच अपराध नियंत्रण एवं परिवादी को न्याय दिलाने की दृष्टि से हमने पुलिस थानों में स्वागत कक्ष स्थापित करने सहित कई नवाचार किये हैं.
इसके साथ ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बैठक में कहा कि, ‘बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के मामलों के निस्तारण के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (FTSC) योजना से पूर्व ही 56 पॉक्सो कोर्ट क्रियाशील थे. राज्य ने पॉक्सो एक्ट प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए 60 विशेष न्यायालयों को क्रियाशील कर दिया है. इसके साथ ही भौगोलिक कारणों से बैंक शाखाओं से वंचित 2908 गांवों में बैंक शाखाएं अथवा डाकघर की ओर से बैंकिंग सुविधाएं प्रदान करने के लिए बैंक और डाक विभाग को आवश्यक निर्देश जारी किये जाएं. सीएम गहलोत ने बैठक कुछ और भी महत्वपूर्ण मांगे रखी जो कि निम्न प्रकार से है:-
यह भी पढ़े: राजनीतिक अपरिपक्वता की कमी के कारण सपा हो रही है कमजोर- शिवपाल के निशाने पर अखिलेश
- जल जीवन मिशन के वित्त पोषण पैटर्न में बदलाव एवं संचालन से सम्बंधित अन्य मुद्दे-
- राजस्थान में भौगोलिक चुनौतियों के कारण जल जीवन मिशन योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए वित्त पोषण पैटर्न को 90:10 किया जाना चाहिए.
- मिशन को पूरा करने की समय-सीमा को 31 मार्च, 2024 से बढ़ाकर 31 मार्च, 2026 की जाये.
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों की सीमा में वृद्धि –
- वर्ष 2021 की अनुमानित जनसंख्या के आधार पर सीलिंग पुनः निर्धारित करते हुए राज्य हेतु लाभार्थियों की वितरण सीमा 4.46 करोड़ से बढ़ाकर 524 करोड़ की जानी चाहिए.
- जीएसटी मुआवजा अवधि का 5 वर्ष के लिए विस्तार व देय मुआवजे की राशि जारी करना-
- जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून 2022 से पांच वर्ष बढ़ाकर जून 2027 तक की जाये.
- वर्ष 2017-18 से माह मई, 2022 तक राजस्थान को देय जीएसटी मुआवजे की लगभग 5 हजार करोड़ रू. की बकाया राशि भारत सरकार द्वारा एकमुश्त यथाशीघ्र जारी की जाये.
- धोखाधड़ी में लिप्त मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाईटीज के विरुद्ध कार्रवाई-
- निवेशकों के हित में BANNING OF UNREGULATED DEPOSIT SCHEMES ACT, 2019 (BUDS ACT) के प्रावधानों को और अधिक कठोर बनाया जावें एवं राज्य सरकारों को इन सोसायटियों पर और अधिक नियंत्रण करने हेतु मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव सोसाईटीज एक्ट के तहत और अधिक शक्तियाँ दी जावें.
- राज्य की तर्ज पर केन्द्र द्वारा भी मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटियों का पंजीयन निषेध किया जाए तथा निवेशकों की परिवेदनाओं हेतु पोर्टल विकसित किये जाने के साथ साथ इन समितियों की जब्त परिसंपत्तियों की नीलामी कर निवेशकों को यथाशीघ्र भुगतान दिलाया जाए.
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ERCP) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाना-
- पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना 37,247 करोड़ रुपये की राज्य की एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है.
- परियोजना से राज्य के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर लाभांवित होगें.
- माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जयपुर एवं अजमेर में 7 जुलाई, 2018 एवं 6 अक्टूबर, 2018 को आयोजित रैलियों में ERCP को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने पर सकारात्मक रुख रखने का वादा किया था.
- राज्य द्वारा इस मुद्दे को केन्द्र के स्तर पर निरन्तर उठाया गया है. मेरा आग्रह है कि केन्द्र सरकार द्वारा पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना को शीघ्रातिशीघ्र राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया जाये.