पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दूसरे चरण में गुरूवार को राज्यपाल के अभिभाषण पर चल रही चर्चा का समापन हुआ. इस दौरान पहले नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया फिर सीएम अशोक गहलोत ने राज्यपाल द्वारा दिए गये अभिभाषण पर चर्चा की. कटारिया ने प्रदेश में बढ रहे अपराधों सहित अन्य मुददों पर सीएम गहलोत को जमकर घेरा. इसके जवाब में मुख्यमंत्री गहलोत ने कटारिया से कहा कि पिछली सरकार में आप गृहमंत्री रहे लेकिन आपके गृहमंत्री रहने का मुझे संदेह है. जो गृहमंत्री एडिशनल एसपी तक का ट्रांसफर नहीं कर सकता, वह कैसा गृहमन्त्री.
इससे पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने विभिन्न मुददों पर गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. कटारिया ने कहा कि अभिभाषण को मैंने जो समझा है उसके अनुसार किसान कर्जमाफी, बेरोजगारी भत्ते, संविदा कर्मियों के नियमितीकरण, रोजगार जैसे मुददों पर विफल रही है. हालही में बढ़ाई गई बिजली की दरों पर कटारिया ने कहा कि इस वृ़द्धि से बिजली चोरी बढ़ेगी. गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर इसका भार पडेगा जिससे बिजली चोरी की वारदातें बढ़ेंगी. बिजली के दाम बढाकर सरकार ने प्रदेश की जनता को लूटने का काम किया है. इसके साथ ही कटारिया ने पायलट पर निशाना साधते हुए पंचायतों के पुर्नगठन और पुर्नसीमांकन पर भी सवाल उठाये.
सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए कटारिया ने कहा कि प्रदेश में अपराध बढ़ रहे हैं. अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए मैंने गृहमंत्री रहते हुए पीएचक्यू में बैठकर हर महीने समीझा बैठके ली. प्रदेश के सभी जिलों में जाकर सभी प्रतिनिधियों के साथ बैठकर हर थाने की समीक्षा बैठके ली तब जाकर अपराध कम हुए. वहीं सीएम गहलोत द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने को कंपल्सरी करने पर कहा कि एसपी को एफआईआर दर्ज करने का अधिकार पहले से ही था इसमें नया क्या किया. सीएम के आदेश के बाद प्रदेश में एसपी ने कितनी एफआईआर दर्ज की इसका जवाब सदन में दे. थानागाजी रेप केस का जिक्र करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के चलते थानागाजी में रेप जैसे गंभीर अपराध में एफआईआर दर्ज करने में देरी की और लोकसभा चुनाव निकल जाने के बाद मुकदमा दर्ज किया.
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा पर पक्ष विपक्ष के सभी सदस्यों का आभार जताते हुए कहा कि मुझे दुख है, राज्यपाल के अभिभाषण के समय विपक्ष ने सदन का बायकॉट किया. राज्यपाल के अभिभाषण पर बायकॉट का कोई तुक नहीं था. स्पीकर सीपी जोशी ने राज्यपाल के अभिभाषण की परंपरा को मजबूत किया है. इससे पहले अभिभाषण को राज्यपाल द्वारा एक लाइन में पढकर पूरा पढा हुआ मान लिया जाता था. विपक्ष को यह नवाचार पसंद नहीं आया शायद इसलिए अभिभाषण का बायकॉट किया. किस तरह की प्लानिंग से सदन का बायकॉट किया यह समझ से परे है.
सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इस समय देश में सिर्फ दो लोग राज कर रहे हैं. समय बताएगा की देश किस राह पर जा रहा है. देश बर्बाद हो रहा है और अर्थव्यवस्था खराब हो रही है. इसका खामियाजा राजस्थान को भुगतना पड रहा है. केंद्र सरकार ने हमारे हक का पैसा रोका हुआ है. देश में नौकरी मिलने के बजाय नौकरियां खत्म हो रही हैं. देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में जा रही है. महंगाई बढ़ जा रही है और बेरोजगारी बढ़ रही है. मनरेगा योजना में पीएम मोदी लगातार बजट कम कर रहे हैं. देश में रोजगार मिल नहीं रहे हैं नौकरियां जा रही है, हमारा प्रयास है कि राजस्थान में नौकरी मिले. प्रदेश में हमने सरकार बनने के बाद 117900 नौकरियां अब तक दी है.
बड़ी खबर: पूनियां ने गहलोत-पायलट पर साधा निशाना, सीएए के खिलाफ संकल्प पत्र को बताया थूंक कर चाटने वाला कदम
सीएम गहलोत ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया पर निशाना साधते हुए कहा कि जब आप गृह मंत्री थे तब आपके पास गृह मंत्री का काम था इस पर मुझे संदेह है, आप बार-बार बैठकें लेने के लिए पुलिस मुख्यालय जाते थे. आप बैठकें लेने नहीं अधिकारियों को डिस्टर्ब करने जाते थे. आगे सीएम गहलोत ने कहा कि जो गृहमंत्री एडिशनल एसपी का ट्रांसफर नहीं कर सकता वो कैसा गृह मंत्री होगा. थानों में जिस तरह का माहौल होता है, उससे थाने में जाने से आम आदमी डरता है. बहुत सारे लोग बिना एफआईआर लिखवाये लौट जाते थे. इसलिए हमने एफआईआर दर्ज करना अनिवार्य किया और आदेश निकाला कि थानेदार एफआईआर दर्ज नहीं करेगा तो एसपी दर्ज करेगा. हमने पहले भी कहा था इससे अपराधों के आंकडे बढेंगे लेकिन शिकायत दर्ज होगी. आंकड़े बढ़ने की हमें परवाह नहीं है.
सीएम गहलोत ने प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में हुए टिड्डियों के हमले पर कहा कि दुनिया के कई देशों में टिड्डियों के दल का प्रकोप है. आपदा नियंत्रण का यह विभाग राज्य सरकार नहीं बल्कि केंद्र सरकार के अंतर्गत आता है. टिड्डियों के नियंत्रण को लेकर राज्य सरकार के पास पैसे की कमी नहीं है. बीमा कंपनियों को 500 करोड रुपए ट्रांसफर किए गए हैं. किसानों के हुए नुकसान की बीमा कंपनियां भरपाई करेंगी. राजस्थान सरकार ने टिड्डियों के हमले से बचने के लिए केंद्र सरकार को सहयोग किया है. कृषि राज्य मंत्री ने लोकसभा में माना है कि राजस्थान सरकार ने अच्छा सहयोग किया है.
वहीं किसान कर्जमाफी पर बोलते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने बताया कि हमने प्रदेश के 20 लाख किसानों का कर्ज माफ किया है. हमने घोषणा पत्र में वादे के अनुसार सरकार बनते ही तीन दिन में किसानों का कर्ज माफ किया. किसानों ऋण माफी का काम अभी रुका नहीं है. प्रदेश में 8 लाख नए किसानों को फसली ऋण योजना ने जोड़ा गया है. किसान कर्जमाफी के तहत प्रदेश में 9 लाख किसानों के 2 लाख से ज्यादा के ऋण माफ किये है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि निरोगी राजस्थान योजना को विपक्ष ने भी सराहा है. इसको हम सभी मिलकर कामयाब कर सकते है. कहावत भी है कि पहला सुख निरोगी काया है.