अडाणी के इशारे पर राहुल की यात्रा में बाधा पहुंचाने की बजाए गहलोत को दे देना चाहिए इस्तीफा- आचार्य

अशोक गहलोत को अपना बड़ा दिल रखते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए- प्रमोद कृष्णम, राजस्थान के मौजूदा संग्राम को लेकर अब कांग्रेस कार्यकर्ता का मनोबल टूटने लगा है- नरेंद्र बुडानिया

आचार्य प्रमोद कृष्णम के निशाने पर सीएम गहलोत
आचार्य प्रमोद कृष्णम के निशाने पर सीएम गहलोत

Rajasthan Politics. राजस्थान में नेतृत्व परिवर्तन की लगातार चल रही अटकलों के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बयान से प्रदेश की सियासत में उबाल आ गया है. सीएम गहलोत द्वारा सचिन पायलट को गद्दार कहना अब पायलट समर्थक नेताओं को रास नहीं आ रहा है. यही कारण है कि खुद सचिन पायलट की सीएम गहलोत के बयान पर प्रतिक्रिया सामने आने के बाद से उनके समर्थकों ने सीएम गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. राजेंद्र गुढ़ा के बाद अब सचिन पायलट के समर्थन में अक्सर खुलकर बयान देने वाले कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम की प्रतिक्रिया सामने आई है. आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सीएम गहलोत पर निशाना साधते हुए बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘अशोक गहलोत को अडानी के इशारे पर राहुल गांधी की यात्रा में बाधा पैदा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. सीएम गहलोत को कांग्रेस के भविष्य के लिए मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए.’

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तरफ से सीधा सचिन पायलट पर निशाना साधने के बाद अब प्रतिक्रियाओं का दौर तेज हो चुका है. सचिन पायलट समर्थकों की तरफ से अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. पायलट समर्थक कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, ‘अशोक गहलोत की तरफ से दिया गया ताजा बयान कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ समझा जा रहा है. अशोक गहलोत कहते हैं कि उनका त्यागपत्र सोनिया गांधी के पास रखा हुआ है, तो अब उन्हें अपनी बात पर कायम रहते हुए कांग्रेस के भविष्य के लिए मुख्यमंत्री पद से त्यागपत्र दे देना चाहिए.’ प्रमोद कृष्णम ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि, ‘अशोक गहलोत को अडानी के इशारे पर राहुल गांधी की यात्रा में बाधा पैदा करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए. उन्हें अपना बड़ा दिल रखते हुए कांग्रेस को मजबूत बनाने के लिए काम करना चाहिए.’

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मीडिया में बयान देते हुए प्रमोद कृष्णम ने कहा कि, ‘अब मेरा मानना है कि अगले मुख्यमंत्री को लेकर पार्टी आलाकमान और राजस्थान के विधायकों को फैसला करने की छूट अशोक गहलोत की तरफ से दी जानी चाहिए.’ वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं तारानगर विधायक नरेंद्र बुडानिया की भी इस मामले पर प्रतिक्रिया सामने आई है. बुडानिया ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘राजस्थान के मौजूदा संग्राम को लेकर अब कांग्रेस कार्यकर्ता का मनोबल टूटने लगा है. गांव-गांव ढाणी-ढाणी में इस संघर्ष की चर्चा हो रही है. कांग्रेस आलाकमान द्वारा अब प्रदेश में नेतृत्व को लेकर जल्द से जल्द फैसला लिया जाना चाहिए और कांग्रेस के विधायक इसे सहर्ष स्वीकार करेंगे. भारत जोड़ो यात्रा से पहले राजस्थान कांग्रेस में इस तरह की स्थिति ठीक नहीं है और इसे जल्द से जल्द पार्टी के हित को देखते हुए दुरुस्त किया जाना चाहिए.’

दरअसल पाली जिले के दौरे के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने NDTV को दिए अपने इंटरव्यू में 2 साल पहले आये सियासी संकट का जिक्र करते हुए सचिन पायलट पर जमकर निशाना साधा था. यही नहीं सीएम गहलोत ने सचिन पायलट मुख्यमंत्री ना बनाये जाने को लेकर बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, ‘एक गद्दार प्रदेश का मुख्यमंत्री नहीं बन सकता और हाईकमान सचिन पायलट को CM नहीं बना सकता. एक ऐसा शख्स, जिसके पास 10 विधायक भी नहीं हैं… ऐसा शख्स, जिसने विद्रोह किया… पार्टी को धोखा दिया, वह गद्दार हैं.’

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वहीं सीएम गहलोत के इस बयान पर सचिन पायलट ने भी पलटवार करते हुए उनपर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया. साथ ही सचिन पायलट ने बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, ‘गहलोत जैसे वरिष्ठ नेता इस प्रकार के बयान दें, यह उनको शोभा नहीं देता है.मैं नहीं जानता कि उन्हें कौन एडवाइज देता है, इससे पहले भी उन्होंने कई बातें कही हैं. इस प्रकार के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की जरूरत नहीं है. आज जरूरत है तो पार्टी के साथ खड़े होने की.’

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