Politalks.News/KirodiLalMeena/Udaipur. उदयपुर में होने जा रहे कांग्रेस के चिंतन शिविर से ठीक एक दिन पहले दिग्गज बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के उदयपुर पहुंचने पर गुरुवार को बवाल मच गया. सांसद मीणा जिस होटल में ठहरे थे, पुलिस ने वहां पहरे लगा दिए. यहीं नहीं पुलिस सीधे डॉ किरोड़ी लाल मीणा के कमरे तक पहुंच गई. इस दौरान किरोड़ी और पुलिस के बीच जमकर बहसबाजी भी हुई. वहीं इसके बाद पुलिस ने सांसद किरोड़ी लाल मीणा को उदयपुर पुलिस की गाड़ी में बिठा कर जयपुर के लिए रवाना कर दिया. अब इस पुरे मामले को लेकर प्रदेश की सियासत गरमा गई है. प्रदेश भाजपा के दिग्गज नेताओं ने अब गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी नेताओं का कहना है कि, ‘किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस ने ऐसे घेरा जैसे वो सांसद नहीं आतंकवादी हो, गहलोत जी उदयपुर कांग्रेस की जागीर हो गया है क्या’? खबर लिखे जाने तक डॉ किरोड़ी मीणा अजमेर पहुंच गए हैं और यहां से सुबह पुष्कर जाने का कार्यक्रम बता रहे हैं.
दरअसल, उदयपुर में होने वाले कांग्रेस के चिंतन शिविर से पहले अपने निजी कार्यक्रम और अपने दोस्त के आवास पर तीये की बैठक में शिरकत करने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा उदयपुर पहुंचे थे. लेकिन जैसे ही पुलिस को सांसद मीणा के उदयपुर पहुंचने की सूचना मिली तो प्रशासन में जैसे हड़कंप मच गया और पुलिस ने डॉ मीणा को होटल में ही घेर लिया. पुलिस सीधे सांसद किरोड़ी लाल मीणा के कमरे तक जा पहुंची. इसे देख सांसद मीणा झल्ला उठे और उन्होंने पुलिस पर जमकर जुबानी प्रहार किये. थोड़ी देर तक चली नोकझोक के बाद पुलिस सांसद मीणा को होटल से निकाल पुलिस की जीप मैं बैठकर जयपुर के लिए रवाना कर दिया. इसे पुरे घटनाक्रम को लेकर अब प्रदेश की सियासत गरमा गई है.
सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने एक वीडियो बयान जारी करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. सांसद मीणा ने कहा कि, ‘उदयपुर में कांग्रेस चिंतन शिविर कर रही है इससे मुझे कोई आपत्ति नहीं है परंतु मैं निजी कार्यक्रम में शरीक होने के लिए उदयपुर आया था. यहां मेरे द्वारा प्रेस कांफ्रेंस की जानी थी पर कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने मुझे प्रेस कांफ्रेंस नहीं करने दी. मैं प्रेस वार्ता में यहाँ उदयपुर संभाग में भुखमरी, देह व्यापार, धर्मांतरण, मानव तस्करी और रोज़गार जैसे मुद्दे उठाना चाह रहा था. मैं कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व को कहना चाहता हूं कि वह चिंतन शिविर के साथ-साथ यहां की मुख्य समस्याओं पर चिंतन करे. मेवाड़ के लोगों ने वोट देकर कांग्रेस की सरकार बनाई है, इस नाते कांग्रेस को उनकी समस्याओं पर गौर करना चाहिए. दुर्भाग्य है कि अशोक गहलोत की तानाशाही सरकार की तानाशाही पुलिस गिरफ्तार कर मेरे लोकतांत्रिक अधिकारों का दमन किया है.’
सांसद मीणा के साथ पुलिस द्वारा किये गए इस बर्ताव को लेकर बीजेपी ने गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ सतीश पूनियां ने कहा कि, ‘किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस ने ऐसे घेरा जैसे वो सांसद नहीं आतंकवादी हो. सरकार के पास ऐसा कोई प्रमाण नहीं था कि किरोड़ी के उदयपुर में होने से उनके कामकाज में कोई बाधा होती. मैं इस पूरे घटनाक्रम की निंदा करता हूं. इस घटनाक्रम के विरोध में शुक्रवार को भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा सभी जिला व मंडल मुख्यालयों पर ज्ञापन सौंपकर पुलिस की कार्यशैली पर विरोध जताएगा.’ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि, ‘राजस्थान के मुख्यमंत्री के इशारे पर राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा को पुलिस द्वारा दबाव बना के उदयपुर से बाहर भेजना लोकतंत्र की मर्यादा का अपमान है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूँ.’
जोधपुर सांसद एवं केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, ‘गहलोत जी उदयपुर कांग्रेस की जागीर हो गया है क्या? आपकी पार्टी के चिंतन शिविर के लिए आपने फाइव स्टार होटल बुक किया है कि पूरा उदयपुर कब्जे में कर लिया है. राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा जी को पुलिस से घिरवा कर बाहर जाने को कहना और ऐसा कोई लिखित आदेश भी नहीं दिखाना, इससे राहुल गांधी के लोकतांत्रिक पाखंड से भरे बयानों की कलई खुलती है. गांधी परिवार और उसके चाटुकारों की तानाशाही का पता चलता है. दंगाइयों और अपराधियों पर तो गहलोतजी के पर्सनल मैटर हैंडल कर रही पुलिस का जोर चलता नहीं, शोक में शामिल होने गए सांसद पर जोर आजमाकर किसको अकड़ दिखाई जा रही है? जनता द्वारा सब याद रखा जाएगा चुनाव ज्यादा दूर नहीं है.’
वहीं उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘तानाशाही गहलोत सरकार ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा जी को जबरन उदयपुर के होटल से बाहर करके उनके विशेषाधिकार का हनन किया है. इस मामले को भाजपा संसद में पुरजोर तरीके से उठाएगी. उदयपुर में पत्रकार वार्ता,आदिवासी क्षेत्र में मानव तस्करी, महिलाओं की खरीद फरोख्त, कुपोषण, नामांतरण, नाथद्वारा में दर्शन एवं कार्यकर्ता की मौत पर संवेदना प्रकट करने आये राज्यसभा सांसद को पुलिस के संरक्षण में होटल से जबरन बाहर ले जाने की घटना निंदनीय है. गहलोत सरकार इस कदर डरी हुई है कि उदयपुर में कांग्रेस के चिंतन शिविर संपन्न होने तक भाजपा नेता डॉ. किरोडी लाल मीणा जी को जनप्रतिनिधि होने के दायित्व का निर्वहन करने के लिए होटल में रुकने तक नहीं दिया. यह ना केवल चुने हुए राज्यसभा सदस्य वरन संविधान का भी घोर अपमान है.’