Politalks.News/Bharat/Rahul/Gehlot. राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने आज गुरुवार को अपने 15वें दिन का पहला चरण पूरा कर कर लिया है. इधर नोटिफिकेशन जारी होने के बाद देशभर में कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर सियासी हलचलें बहुत तेज हो गईं हैं. वहीं आज सुबह की यात्रा के बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोच्चि में एक प्रेसवार्ता को सम्बोधित किया. इस दौरान राहुल गांधी ने पार्टी के अध्यक्ष पद के दावेदारों को न सिर्फ सलाह दी बल्कि स्पष्ट संकेत भी दे दिए हैं. सबसे बड़ा झटका राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के अध्यक्ष पद के साथ और मुख्यमंत्री पद पर बने रहने को लेकर लगा है, इस पर राहुल गांधी ने स्पष्ट सन्देश देते हुए कहा कि उदयपुर अधिवेशन में एक व्यक्ति-एक पद पर हमने जो फैसला किया था, वह कायम रहेगा.
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष पद के दावेदारों को अहम सलाह देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सिर्फ एक संगठनात्मक पद नहीं है, यह एक वैचारिक पद और एक विश्वास प्रणाली है. जो कोई भी कांग्रेस अध्यक्ष बनते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि वे एक ऐतिहासिक स्थान ले रहे हैं. एक ऐसा स्थान जो भारत के एक विशेष दृष्टिकोण को परिभाषित करती है. राहुल ने कहा कि कांग्रेस के होने वाले अध्यक्ष को विचारों के एक समूह, एक विश्वास प्रणाली और भारत के एक दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करना होगा. वहीं कोच्चि में राहुल गांधी से जब कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव में उनकी भूमिका पर सवाल किया गया तो राहुल ने एक बार फिर अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि मेरा जवाब वही है, जो पिछली प्रेस कॉन्फ्रेंस में था.
यह भी पढ़े: CM गहलोत ने एक व्यक्ति दो पदों का निकाला फॉर्मूला तो पायलट बोले- कांग्रेस में नहीं है ऐसा संभव
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर अधिसूचना जारी होने के साथ ही सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं. इसी बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी से मिलने केरल पहुंचे हैं. यहां सीएम गहलोत राहुल गांधी से मिलकर आखिरी बार उन्हें अध्यक्ष बनने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे. राहुल गांधी की हां-ना के बाद गहलोत खुद नामांकन करने के लिए आगे बढ़ेंगे. हालांकि आज की पीसी के बाद सीएम गहलोत की इस कोशिश का कोई महत्व नहीं रह जाता है, ऐसे में माना जा रहा है कि सीएम गहलोत राहुल से राजस्थान के भविष्य यानी अगले मुख्यमंत्री के नाम पर चर्चा करेंगे. क्योंकि राहुल के एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत पर पुनः ऐलान के पहले ही सीएम अशोक गहलोत को यह अहसास हो गया था कि दोनों पदों पर बने रहने वाली बात के लिए न तो आलाकमान परिवार राजी होगा और न अन्य नेता. यही कारण है कि सीएम गहलोत ने भी आज सुबह ही कह दिया था कि अध्यक्ष का पद एक व्यक्ति-एक पद के दायरे में नहीं आता, लेकिन इतिहास में कोई कांग्रेस अध्यक्ष मुख्यमंत्री नहीं रहा, इसलिए फैसला करना पड़ेगा.
वही एक राष्ट्रीय चैनल से बातचीत के दौरान सचिन पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जो हालत राजस्थान के अंदर हैं, हाईकमान उसकी स्टडी करेगा और देखेगा कि विधायकों की क्या भावना है. यह ध्यान रखना होगा कि हम अगला चुनाव जीतें क्योंकि अब कांग्रेस के पास बड़ा राज्य राजस्थान ही है. हमारे लिए यह फैसला बहुत नाजुक फैसला भी होगा और बहुत सोच समझकर लेना पडे़गा. वहीं खुद के अध्यक्ष के चुनाव का फॉर्म भरने के के सवाल पर सीएम गहलोत ने कहा, ‘राहुल गांधी नहीं माने तो फार्म भरना होगा. मेरे बारे में भावना बन गई है इसलिए उसका सम्मान करते हुए मैं फॉर्म भरूंगा.’
यह भी पढ़े: भड़काऊ बयानबाज़ी का प्लेटफार्म बन गए हैं न्यूज़ चैनल…, चुप क्यों है केंद्र…?- सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान
आपको बता दें कि, मंगलवार रात सीएम आवास पर हुई विधायक दल की बैठक में सीएम अशोक गहलोत ने अध्यक्ष एक साथ-साथ मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के स्पष्ट संकेत दिए थे. यही नहीं दिल्ली एयरपोर्ट पर पत्रकारों के सवाल पर भी उन्होंने दोनों पदों पर बने रहने का एक नया फॉर्मूला भी इजात कर दिया था, लेकिन सूत्रों की मानें तो इस बात को लेकर आलाकमान ने सीएम गहलोत से गहरी नाराजगी व्यक्त की है और यही कारण है कि गहलोत अब दोनों पदों पर बने रहने की बात से यूटूर्न ले चुके हैं. बता दें, मुख्यमंत्री गहलोत ने बुधवार को दिल्ली में सोनिया गांधी से करीब दो घंटे तक चर्चा की थी. वहीं सीएम गहलोत ने आज पीसीसी चीफ डोटासरा को साथ लेकर राहुल गांधी से चर्चा की (खबर लिखे जाने तक तीनों के बीच जारी है बैठक). अब सीएम गहलोत आज राहुल गांधी की यात्रा में एर्नाकुलम और त्रिसूर और चालकुडी तक जाएंगे और इसके बाद रात्रि में सीएम गहलोत और राहुल गांधी के बीच अहम मुलाकात होगी. इसके बाद वो चालकुडी में नाइट स्टे करेंगे और शुक्रवार वहां से शिरडी जाएंगे. साईं बाबा के दर्शन करने के बाद स्थानीय कार्यक्रमों में भाग लेंगे.