‘हनुमानजी थे पहले अंतरिक्ष यात्री..’ अनुराग ठाकुर ने दिया बड़ा बयान तो डीएमके ने ली चुटकी

वेद और विज्ञान पर बहस: राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर एक बयान देकर बुरे फंसे पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, विपक्ष ने लगाया बच्चों को गुमराह करने का आरोप

anurag thakur
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राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर द्वारा बच्चों को दिया भारी ज्ञान अब उन्हीं पर भारी पड़ रहा है. ऊना में एक राजकीय विद्यालय में सांसद ठाकुर ने बच्चों को बताया कि अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति ‘हनुमानजी’ थे. यह बात उन्होंने विद्यालय के समस्त छात्रों एवं शिक्षकों के समक्ष कही. साथ ही उन्होंने शिक्षकों को नसीयत देते हुए कहा कि अगर कॉपी में बच्चे ये उत्तर लिखें तो उनके नंबर न काटे जाएं. इस पर डीएमके सांसद ने चुटकी लेते हुए बीजेपी नेता पर बच्चों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

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डीएमके सांसद कनिमोझी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘एक सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री द्वारा स्कूली बच्चों से यह पूछना कि चांद पर सबसे पहले किसने कदम रखा और इस पर जोर देना कि नील आर्मस्ट्रांग नहीं बल्कि हनुमान ने कदम रखा था, बेहद परेशान करने वाला है.’ उन्होंने आगे कहा कि विज्ञान कोई पौराणिक कथा नहीं है. कक्षाओं में युवाओं को गुमराह करना ज्ञान, तर्क और हमारे संविधान में निहित वैज्ञानिक सोच की भावना का अपमान है.

क्या है पूरा वाक्या

दरअसल पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सांसद अनुराग ठाकुर ने पेखूबेला में एक विद्यालय में ​बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की थी. यहां उन्होंने मंच से संबोधित करते हुए बच्चों को पूछा की पहला अंतरिक्ष यात्री कौन था? इस पर सभागार में बैठे काफी छात्रों ने जबाव दिया कि नील आर्मस्ट्रांग. इस पर अनुराग ठाकुर ने कहा कि मुझे तो लगता है कि अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले पहले व्यक्ति हनुमानजी थे. अध्यापकों को देखना पड़ेगा कि परीक्षा में बच्चें हनुमान जी न लिख दें और लिख दें तो नंबर न काटेंगे.

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ठाकुर ने ये भी ​कहा कि ज्ञान परंपराओं का विस्तार अंग्रेजों द्वारा हमें दी गई पाठ्यपुस्कों से आगे आना चाहिए. उन्होंने इस दौरान शिक्षकों से अनुरोध किया बच्चों को हमारे वेदों, हमारी पाठ्यपुस्तकों और हमारे ज्ञान की ओर भी ले जाने की कोशिश करें. इससे बच्चों को बहुत कुछ देखने को मौका मिलेगा.

बीजेपी नेता का ये बयान सनातन धर्म और वेदों को अंगीकृत करने को लेकर दिया गया था, जबकि ये बयान देकर वे विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं. विपक्षी नेताओं ने उनके बयान को स्कूलों छात्रों को भ्रमित करने वाला बताया और सियासी जामा पहनाने का काम किया. अब देखना है कि अनुराग ठाकुर का ये बयान कितनी सियासी गलियों से होकर गुजरता है.

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