संभल में कांवड़ यात्रियों को ‘गुड़ा’ और ‘माफिया’ कहना यूपी के पूर्व मंत्री एवं राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य को अब भारी पड़ता दिख रहा है. मौर्य और संभल के सपा विधायक इकबाल महमूद द्वारा शिवभक्तों पर अमर्यादित टिप्पणी करने पर न्यायालय अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में वाद दायर करने के लिए हिंदू शक्ति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं हिंदूवादी नेता सिमरन गुप्ता की ओर से बीएनएसएस की धारा 173 (4) के तहत अलग-अलग प्रार्थना पत्र दिए गए हैं. कोर्ट द्वारा सुनवाई के लिए 28 अगस्त की तारीख तय की गयी है.
सिमरन गुप्ता की ओर से दाखिल प्रार्थना पत्रों में कहा गया है, ‘बीती 21 जुलाई को टीवी चैनल व इंटरनेट मीडिया पर पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान चल रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांवड़ यात्रा में गुंडे मवाली व माफिया जैसे लोग जाते हैं और गुंडई करते हैं. ज्यादातर कांवड़ यात्री नहीं बल्कि गुंडे हैं.’ प्रार्थना पत्र में आरोप लगाया गया है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने आपत्तिजनक टिप्पणी कर हिंदू धर्म को मानने वालों को उकसाकर दंगा भड़काने की कोशिश की गई.
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इसी तरह विधायक इकबाल महमूद के खिलाफ कोर्ट में दिए प्रार्थना पत्र में कहा गया है, ‘कांवड़ यात्रा के दौरान विधायक की ओर से समाचार पत्रों में बयान दिया गया था कि कांवड़ यात्रा में शिवभक्त कम गुंडे मवाली ज्यादा हैं. इस तरह आपत्तिजनक टिप्पणी करके धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई और हिंदुओं को भड़काकर दंगा कराने की कोशिश की गई.’ गुप्ता ने ये भी कहा कि बहजोई थाने में उक्त दोनों मामलों की तहरीर दी गई, लेकिन पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई.
कांवड़ियों पर दिया था विवादित बयान
गौरतलब है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछले महीने कांवड़ यात्रा पर विवादित टिप्पणी करते हुए कहा था, ‘ये कांवड़िए नहीं हैं. ये सरकार के स्तर से संरक्षित गुंडे, माफिया और अपराधी हैं. कांवड़ियों की आड़ में ये अपराध और अत्याचार करके पूरे प्रदेश में भय और आतंक का माहौल बना रहे हैं. सरकार को इस पर रोक लगानी चाहिए. ऐसा नहीं होने पर सरकार को भी जवाबदेह होना पड़ेगा.’
पूर्व मंत्री यहीं नहीं रूके. उन्होंने आगे कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिनका मन पहले से गंदा है, वो क्या दूसरों को शुद्ध करेंगें. भगवान शिव को भोले बाबा कहा जाता है और दूसरी तरफ कांवड़िए तोड़फोड़ कर रहे हैं. उपद्रव, हंगामा, अद्धसैनिकबल पर हमला करने वाले और लोगों को परेशान करने वाले कांवड़िए नहीं हो सकते हैं. शुद्धिकरण की बात करने वालों का मन खुद ही गंदा है. साथ ही इनको साफ करते-करते गंगा जी खुद गंदी होती जा रही हैं. उनके इस बयान की तीखी आचोलना की गयी थी. अब सभी की नजरें अदालत 28 अगस्त पर टिकी हैं. देखना होगा कि कोर्ट इस संबंध में क्या फैसला सुनाती है.



























