Politalks.News/Rajasthan/Sports. बीते रोज रविवार को हुए आईपीएल के फाइनल में राजस्थान रॉयल्स की हार से भले ही प्रदेश के खेल प्रेमियों को निराशा हाथ लगी हो, लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा खेलों के प्रोत्साहन को लेकर की गई घोषणाओं से इन खेल प्रेमियों को खुशी जरूर मिली होगी. सीएम गहलोत ने रविवार को एसएमएस इनडोर स्टेडियम में आयोजित लोकार्पण और खिलाड़ी सम्मान समारोह में एक तरफ जहां राजस्थान में राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान को फिर से शुरू करने की घोषणा की तो वहीं मंत्री अशोक चांदना की मांग पर खेल परिषद को विभाग बनाने की मांग को भी हरी झंडी दे दी. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने खेल परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया की मांग पर पे एंड प्ले स्किम को फ्री करने, महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड की राशि 1 लाख से 5 लाख रुपए करने की भी घोषणा की.
रविवार को एसएमएस इनडोर स्टेडियम में पहुंचे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि खेल परिषद को विभाग बनाने को लेकर मंत्री अशोक चांदना और परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया मिलकर विभाग स्वरूप को लेकर मंथन करें और अगले बजट में इसकी घोषणा कर दी जाएगी. इस दौरान सीएम गहलोत ने बैडमिन्टन हॉल, हॉकी एस्ट्रो टर्फ और हाई परफोरमेंस रिहैबिलिटेशन सेन्टर का वर्चुअल लोकार्पण भी किया. वहीं 29 अगस्त से शुरू होने वाले राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों की प्रज्ज्वलित मशाल सीएम गहलोत ने रजत चौहान और मंजूबाला को सौंपी.
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इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने आउट ऑफ टर्न पॉलिसी से नियुक्त खिलाड़ियों को सम्मानित किया. साथ ही उनसे संवाद भी किया. इस दौरान एसीएफ बने पैरा ओलंपिक सुंदर गुर्जर ने कोचों का मानदेय बढ़ाकर प्रोत्साहन देने की बात रखी. जिस पर सीएम गहलोत ने कोचों के लिए अलग पॉलिसी बनाने की बात कही. साथ ही डीवाईएसपी बने रजत चौहान से सीएम ने कॉन्स्टेबल और दूसरे साथियों पर भी सपोर्ट को लेकर ध्यान देने की अपेक्षा जताई.
वहीं अपने संबोधन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि में पहली बार किसी खिलाड़ी को स्पोर्ट्स काउंसिल का अध्यक्ष बनाया गया है. वो खुद कॉमनवेल्थ की विजेता हैं. इससे खिलाड़ियों की जरूरतों को लेकर अब कोई कमी नहीं आएगी. मंत्री अशोक चांदना खुद भी खिलाड़ी हैं और दोनों मिलकर राजस्थान के खिलाड़ियों और खेल के लिए क्या-क्या कर सकते हैं, इसे लेकर जो भी सुझाव दिए जाएंगे, उस पर खिलाड़ी निश्चिंत रहें. उन सुझावों को पूरी तवज्जो मिलेगी. प्रयास रहेगा कि खेलों के लिए कैसे सुविधा बढ़े. अधिक से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर बने. हर जिले हर ब्लॉक में खेल मैदान बने. सरकार इस पर प्रयास कर रही है. ध्यानचंद हॉकी स्टेडियम के नाम से हर ब्लॉक में स्टेडियम बने. ताकि ग्रामीण और स्थानीय युवाओं और बच्चों को आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण खेलों का आयोजन का फैसला राज्य सरकार ने किया है, राजस्थान पहला राज्य होगा जहां गांव-गांव में लोग खेल खेलेंगे. जब गांव में खेलों के प्रति माहौल बनेगा, तो नई प्रतिभाएं भी सामने आएंगी. वहीं सीएम गहलोत ने कहा कि हर व्यक्ति अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहता है. फिर चाहे खिलाड़ी हो या कोच. हाल ही में राज्य सरकार ने ओल्ड पेंशन योजना कर्मचारियों के लिए लागू की जिसका पूरे देश में स्वागत हुआ है. ऐसे में अब खिलाड़ी भी निश्चिंत रहें. सुझावों के आधार पर एक कैटेगरी बनाई जाएगी ताकि अच्छे खिलाड़ियों के लिए भी पेंशन योजना लाई जा सके.
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सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में 229 लोगों को आउट ऑफ टर्न नौकरी मिली है. खिलाड़ियों को नौकरियों में 2 प्रतिशत आरक्षण है और हाल ही में पैरा ओलंपिक खिलाड़ियों को भी ओलंपिक खिलाड़ियों की तरह ही इंदिरा गांधी नहर योजना में 25 बीघा जमीन देने की घोषणा भी की गई है. वहीं अब राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक में जो खिलाड़ी भाग लेंगे, उनमें जो जिला स्तर और राज्य स्तर पर विजेता खिलाड़ी होंगे उन्हें कांट्रेक्चुअल नियुक्ति पर प्राथमिकता देने का प्रयास किया जाएगा.
इस दौरान सीएम गहलोत ने खेल परिषद को विभाग बनाने को लेकर मंत्री अशोक चांदना की मांग पर अगले बजट में घोषणा करने की बात कही. साथ ही सीएम ने खेल परिषद अध्यक्ष कृष्णा पूनिया की मांग पर पे एंड प्ले स्किम को फ्री करने महाराणा प्रताप और गुरु वशिष्ठ अवार्ड की राशि 1 लाख से 5 लाख रुपए करने घोषणा की. वहीं अशोक गहलोत ने प्रदेश की पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि किसी भी योजना को बंद करने से समय बर्बाद होता है. जबकि जो योजना पूर्ववर्ती सरकार बनाती है, उसे वर्तमान सरकार को आगे बढ़ाना चाहिए. लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सोच को समझना और रिसर्च करना पड़ेगा कि उनके माइंड में क्या है. वो योजनाओं को बंद क्यों करती है.
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे कहा कि बीजेपी के रिफायनरी प्रोजेक्ट को बंद करने से 40 हजार करोड़ का प्रोजेक्ट 5 साल डिले हो गया और अब ये प्रोजेक्ट 70 हजार करोड़ का पड़ रहा है. वहीं केंद्र सरकार की ओर से राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान का नाम बदलने पर तंज कसते हुए सीएम ने कहा कि राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान को बंद करने का क्या तुक है, ये समझ से परे है. योजनाओं और अवार्ड का नाम बदलना अच्छी परंपरा नहीं. कम से कम खेल को बख्श दें, खेल में राजनीति नहीं होना चाहिए. इस दौरान उन्होंने प्रदेश में राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान शुरू करने की भी घोषणा की.