Politalks.News/Uttarakhand. देशभर में महिलाओं और खासकर बेटियों के साथ अन्याय और दर्दनाक घटनाओं की संख्या में बढ़ोतरी जारी है. कभी उत्तर प्रदेश तो कभी झारखंड कभी मध्यप्रदेश तो कभी कोई और प्रदेश लेकिन इस बार देवभूमि उत्तराखंड शर्मसार हो गई. देवभूमि की बेटी अंकिता की गलती सिर्फ इतनी सी थी कि उसने वेश्यावृत्ति के दलदल में जाने से इंकार कर दिया जो कि वहां के पूर्व मंत्री और बीजेपी नेता के पुत्र को रास नहीं आया और उसने अपने साथियों के साथ मिलकर उसकी हत्या कर दी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार पानी में डूबने से अंकिता की मौत की पुष्टि हुई है. साथ ही शरीर पर 4 से 5 चोट के निशान भी सामने आए हैं. हालांकि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया है लेकिन सबसे बड़ा सवाल अब भी यही है कि आखिर वो VIP कौन था जिसके लिए अंकिता को मौत का मुहं देखना पड़ा. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने प्रदेश की धामी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि, ‘सबूतों को नष्ट करने की नीयत से प्रशसन ने रिजॉर्ट को बुलडोजर से तोड़ दिया लेकिन यह चिंता का विषय है कि किस वीआईपी या सफेदपोश को बचाने की सरकार कोशिश कर रही है.’
अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले में उत्तराखंड की सियासत गरमाई हुई है. दरअसल, शुक्रवार को लक्ष्मण झूला थाने में एडीशनल एसपी शेखर सुयाल ने बताया कि किस तरह वनन्तरा रिजॉर्ट मालिक एवं पूर्व राज्यमंत्री एवं भाजपा नेता विनोद आर्य के बेटे पुलकित आर्य, मैनेजर सौरभ भास्कर और अंकित ने मिलकर अंकिता भंडारी की हत्या कर उसकी बॉडी को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया था. हालांकि पुलिस ने पुलकित आर्या समेत तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है. लेकिन पुलिस की कार्यवाही अब सवालों के घेरों में आती दिख रही है जो लाजमी भी है. पुलिस ने आखिर पुरे मामले की पूरी जांच के बिना ही क्योंकि उस होटल पर बुलडोजर चला दिया जहां से और भी कई सबूत मिल सकते थे. इसके साथ ही पुलिस ने अब तक उसी VIP गेस्ट की भी कोई जानकारी साझा नहीं की है. वहीं अंकिता की मां का तो ये भी आरोप है कि, ‘सरकार ने जबरन अंकिता का अंतिम संस्कार कर दिया.’
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वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने बीजेपी पर जमकर निशाना साधा. माहरा ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए कहा कि, ‘देवभूमि में जो कुछ भी हुआ वो बहुत ही ज्यादा शर्मनाक है. इस घटना से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा की महिला नेता और पुरे भाजपा संगठन का चेहरा बेनकाब हो गया है. पूरे प्रदेश में जहां कांग्रेस तथा अन्य दल घटना का विरोध कर रहे हैं, वहीं भाजपा, उसके आनुषांगिक संगठन और महिला नेता पूरे परिदृश्य से गायब हैं.’ वहीं एसआईटी द्वारा की जा रही मामले की जांच को लेकर माहरा ने कहा, ‘एसआईटी तो पुलिस की है, जिसके अधिकारी लड़की की हत्या के आरोपी के पिता से हाथ मिला रहे हैं, उनसे बात कर रहे हों, तो उस एसआईटी पर कितना दबाव होगा, यह समझा जा सकता है. 18 सितंबर को अंकिता के गायब होने के बाद चार दिन तक उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट न लिखना तथा आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद पुलिस द्वारा उसे रिमांड पर न लेना भी पुलिस और प्रशासन पर संदेह पैदा करता है.’
पत्रकारों से बात करते हुए करन माहरा ने बड़ा दावा करते हुए कहा कि, ‘अंकिता ने जीवित रहते अपने मित्र को एक संदेश भेजकर कहा था कि एक बडे़ व्यक्ति के आने पर उसे वैश्यावृति के लिए मजबूर किया जा रहा है और वह गलत जगह फंस गयी है जहां उसे डर लग रहा है. इसके बाद लड़की की हत्या हो जाना प्रशासन के निकम्मेपन को साबित करता है. जानकारी में आ रहा है कि बडे़ रसूखदार लोग उस रिजॉर्ट में जाते थे, बिना पंजीकरण के रिजॉर्ट चल रहा था तथा किसी और मकसद के लिए आवंटित हुई जमीन पर रिजॉर्ट बना दिया गया लेकिन उसे भी सबूतों को नष्ट करने के लिए बुलडोजर से तोड़ दिया गया. यह चिंता का विषय है कि किस वीआईपी या सफेदपोश को बचाने की सरकार कोशिश कर रही है.’
बता दें कि पुलिस ने अब तक उस VIP गेस्ट का नाम अपनी जांच में कहीं नहीं लिखा है. यही नहीं सबसे बड़ा सवाल ये भी है कि जब अंकिता के विरोध में लोग होटल के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे तो कुछ ने होटल में आग लगा दी. इस दौरान भाजपा विधायक भी वहीं थी और सबसे पहले आग भी उसी कमरे में लगाई गई जिसमें VIP गेस्ट रुका था. हालांकि ये पुष्टि नहीं हुई है कि वो वहीं रुका था. ये कुछ सवाल हैं जो प्रदेश सरकार के साथ साथ पुलिस प्रशासन पर भी सवाल खड़े करते हैं.
अंकिता के पिता वीरेंदर भंडारी ने प्रदेश के सभी वकीलों से अपील करते हुए कहा कि, ‘मैं सभी वकीलों से अनुरोध करना चाहता हूं कि आरोपियों के पक्ष में केस न लड़ें.’ वहीं अंकिता के परिवार की सरकार से मांग है कि परिवार को 1 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए. अंकिता के नाम पर गांव मल्ली से बरमुंडी की सड़क का नामकरण किया जाए. अंकिता के नाम पर सार्वजनिक जगह पर एक स्मारक बनवाया जाए. परिवार के एक व्यक्ति को नौकरी दी जाए. अंकिता जिस रिजॉर्ट में काम करती थी, वहां उसके नाम पर आदर्श विद्यालय खोला जाए. ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ अभियान में अंकिता के नाम पर पुरस्कार हो. पुलकित आर्य के भाई और पिता को जांच पूरी होने तक कस्टडी में रखा जाए क्योंकि पुलकित के भाई और पिता जांच को प्रभावित कर सकते हैं. बेटी के गुनाहगारों को जल्द से जल्द फांसी की सजा दी जाए.’