ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कांग्रेस का ‘रैला’, राठौड़ बोले- रैली के लिए सरकार नहीं कर रही गाइडलाइन जारी

बख्श दो जयपुर को! राजधानी में ओमिक्रॉन संक्रमितों की संख्या हुई 9, आज भी नए 15 कोरोना केस आए सामने, राजनीतिक रैलियों पर सियासत तेज, बढ़ते खतरे के बीच कांग्रेस अड़ी महारैली पर, राठौड़ बोले- घोर लापरवाही से पहले भी बिगड़े थे हालात, इधर सियासी चर्चा, पंडित जी बैंगन खाकर लोगों से कह रहे परहेज करें, राजनीति पार्टियों को लोगों की जान से ज्यादा राजनीतिक रोटियां सेंकने की चिंता

ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कांग्रेस का 'रैला'
ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कांग्रेस का 'रैला'

Politalks.News/Rajasthan. जयपुर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के 9 मरीज मिलने के बाद आमजन में हड़कंप मचा हुआ है. बावजूद इसके कांग्रेस (Congress) 12 दिसंबर को महारैली की तैयारियों में जोर शोर से लगी है. शहर में राजनीतिक रैलियों से आगे खतरा और बढ़ सकता है. लेकिन आमजन की फिक्र किसे है? कल बीजेपी (BJP) ने इनडोर में हजारों कार्यकर्ताओं को बुलाकर जनप्रतिनिधि सम्मेलन किया. अब कांग्रेस कहां पीछे रहने वाली है. खतरा सामने होने के बावजूद दोनों पार्टियों की प्राथमिकता में सियासत पहले दिख रही है. हालांकि की कांग्रेस की महारैली को लेकर पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) ने कहा है कि, ‘रैली में कोरोना (corona) गाइडलाइन और सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जाएगा़’.

इधर अब इस पर सियासत भी तेज हो गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ (Rajendra Rathore) ने कांग्रेस की रैली पर निशाना साधते हुए कहा है कि, ‘अपने राजनीतिक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए गहलोत सरकार कोरोना गाइडलाइन जारी नहीं कर रही है’. लेकिन सियासी गलियारों में इस बात को लेकर चर्चा ये है कि पंडित जी खुद को बैंगन खा चुके अब लोगों को परहेज करने की सलाह दे रहे हैं. बात की जाए जयपुरराइट्स की तो उनका तो कहना है कि कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए राजनीतिक रैलियों पर तुरंत रोक लगनी चाहिए.

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जयपुर में दिनों दिन बढ़ते ओमिक्रॉन के मामले, 19 जिलों में फैल चुका कोरोना
सबसे पहले बात खतरे की कर जाए. राजधानी जयपुर में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के 9 मामले सामने आ चुके हैं. अब तक कोरोना बढ़ने में भीड़भाड़ का सबसे बड़ा रोल रहा है. मेले और पर्वों में मिली छूट के बाद कोरोना का आंकड़ा लगातार बढ़ा है. राजस्थान सतर्कता और सावधानी से कोरोना फ्री होने की तरफ बढ़ रहा था, आज हालत उलट बदल रहे हैं. प्रदेश के 19 जिलों में 221 एक्टिव केस सामने आ चुके हैं और लगातार ये आंकड़ा बढ़ ही रहा है.

महारैली में हम कोरोना गाइडलाइन का करेंगे पालन करेंगे- डोटासरा
ओमिक्रॉन के खतरे के बीच कांग्रेस ने महारैली में भीड़ जुटाने में पूरी ताकत झौंक रखी है. कोरोना के खतरे के सवाल पर कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि, ‘यह सब हमारे संज्ञान में है. हम रैली में कोरोना गाइडलाइन की पूरी पालना करेंगे. रैली में मास्क, सैनिटाइजर सहित कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह ध्यान रखा जाएगा’. कांग्रेस की रैली जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में होने वाली है. इस महारैली में पार्टी ने 2 लाख से ज्यादा की भीड़ जुटाने का दावा है. पड़ोसी राज्यों के अलावा देश भर से इस रैली में नेता और कार्यकर्ता आएंगे. इतनी बड़ी रैली में सोशल डिस्टेंसिंग रख पाना लगभग नामु​मकिन है और दावों का फैल होना तय है.

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सरकार जुटी है रैली को सफल बनाने में, क्यों नहीं की गाइड लाइन जारी- राठौड़
इधर जयपुर में ओमिक्रॉन के 9 मामले सामने आने के बाद राजस्थान की सियासत तेज हो गई है. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक बयान जारी कर गहलोत सरकार पर अपने राजनीतिक कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए कोरोना की नई गाइडलाइन जारी नहीं करने का आरोप लगाया है. राजेंद्र राठौड़ ने सोमवार को एक ट्वीट में लिखा कि, ‘अगर राज्य सरकार ओमिक्रोन के संबंध में पूर्व में ही गाइडलाइन जारी कर देती तो निश्चित रूप से सार्वजनिक, राजनीतिक और अन्य कार्यक्रमों जिनमें भीड़ जुटाने की संभावना है उसके लिए आवश्यक विचार किया जाता. लेकिन राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया क्योंकि कांग्रेस की आगामी राजनीतिक रैली को सफल बनाने में पार्टी जुटी हुई थी’.

‘कुप्रबंधन और घोर लापरवाही से बिगड़े थे पहले भी हालात’
भाजपाई दिग्गज राठौड़ ने कहा कि, ‘राजस्थान में सबसे पहले मार्च 2020 में इटली के यात्री में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी. उस समय भी राज्य सरकार के कुप्रबंधन और घोर लापरवाही के कारण चिकित्सा व्यवस्था की स्थिति बदहाल थी. मार्च 2020 में कोरोना के पहले केस से बढ़कर राजस्थान में वर्तमान में कोरोना संक्रमित केसों की संख्या 9 लाख 54 हजार 891 हो गई है और अब तक 8 हजार 955 मौतें हो चुकी है’.

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‘ट्रेसिंग-टेस्टिंग और वैक्सीनेशन अभियान में लाएं तेजी’
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि, ‘राज्य सरकार को चाहिए कि कोरोना की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए पूर्व की भांति लापरवाही न बरतें और तत्काल प्रभाव से ट्रेसिंग-टेस्टिंग व वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाएं. साथ ही चिकित्सकीय संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित करें’. इधर सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि, कांग्रेस की महारैली पर सवाल उठाने वाले भाजपा के ये वो ही नेता हैं जिन्होंने एक दिन पहले ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के कार्यक्रम में हजारों लोगों की भीड़ जुटाई थी. बीजेपी के रविवार को हुए जनप्रतिनिधि सम्मेलन में भी नेता बिना मास्क के थे.

जयपुरराइट्स का कहना- राजनीतिक रैलियों पर लगे रोक
इधर जयपुर की जनता का कहना है कि, कोरोना के बढ़ते खतरे को देखते हुए राजनीतिक रैलियों पर रोक लगनी ही चाहिए. कांग्रेस-बीजेपी के नेताओं को बढ़ते कोरोना की परवाह नहीं है. इनका जोर तो रैलियों से भीड़ जुटाने पर ज्यादा है. इनको लोगों की जान की परवाह नहीं है.

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