पार्टियों की ‘अंतर्कलह’ के बीच विधानसभा सत्र का ‘फीका’ आगाज, सिपहसालारों में चले शब्दों के बाण

राजस्थान विधानसभा के सत्र का आगाज, सत्र के पहले दिन देखने को मिला अजीब सा तनाव, अंतर्कलह के बीच कन्नी काटते दिखे दोनों पार्टियों के विधायक, पहले जैसा नहीं था रामा-श्यामा का दौर, गहलोत-राजे और पायलट की गैर मौजूदगी ने सिपहसालारों ने संभाला मोर्चा, मेघवाल ने फिर चौंकाया, तो 'प्रोफेसर' बोले- भाजपा में कई बारूदी सुरंगे, राठौड़ का पलटवार- 'सब ठीक है अपना घर संभालें, मतभेद हो सकते हैं, लेकिन नहीं हैं मनभेद'

'अंतर्कलह' पर वार-पलटवार
'अंतर्कलह' पर वार-पलटवार

Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान विधानसभा का सत्र आज से शुरू तो हो गया लेकिन सत्र में पहले जैसी बात नहीं थी. अंतर्कलह से जूझ रहीं दोनों ही प्रमुख पार्टियों के विधायकों में अजीब का तनाव महसूस किया गया. विधानसभा सत्र की शुरुआत होने पर रामा-श्यामा का दौर भी पहले जैसा नहीं था. दरअसल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियां अंतर्कलह से जूझ रही हैं. रही सही कसर विधानसभा के मुख्य पोर्ट पर मीडिया को नहीं जाने देने ने पूरी कर दी. विधायक और मंत्रियों को मीडिया से बात करने के लिए विधानसभा के बाहर आना पड़ा. वहीं मरुधरा के तीनों ही दिग्गज मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तीनों ही विधानसभा नहीं पहुंच पाए.

बात करें भाजपा की तो पार्टी के विधायक कैलाश मेघवाल के ‘चिट्ठी बम’ से प्रताड़ित से नजर आए. भाजपा की विधायक दल की बैठक में ‘क्राइसिस मैनेजमेंट’ पर ही चर्चा हुई. पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे इस बैठक में नहीं पहुंच पाई. बैठक की अध्यक्ष प्रभारी अरुण सिंह ने की. कल कैलाश मेघवाल के एपिसोड को खत्म मान लिए जाने के बाद पार्टी के विधायक सतर्क नजर आए. उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि, ‘विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया के साथ हम सभी एकजुट हैं. पार्टी में कोई कलह नहीं है. मतभेद हो सकते हैं, लेकिन मनभेद नहीं हैं. कोई पार्टी में कोई गुटबाजी नहीं है’. राठौड़ ने कहा कि, ‘पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पारिवारिक कारणों के कारण विधानसभा में आज मौजूद नहीं रहीं’.

भाजपा विधायक दल की बैठक में ‘लैटर बम’ पर मंथन
राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायक दल की बैठक हुई. नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ समेत कई भाजपा के विधायक मौजूद रहे. इस बैठक में एक ओर विधायक कैलाश मेघवाल की ओर से गिराए गए लेटर बम को लेकर मंथन किया गया. लेकिन ‘लेटर बम’ गिराने वाले मेघवाल खुद इस बैठक से दूर रहे. बैठक में सदन में यह मुद्दा उठने पर किस तरह सत्ता पक्ष को जवाब देना है, इसकी रणनीति तैयार की गई. सरकार को दूसरे मुद्दों पर घेरकर इस मुद्दे से ध्यान हटाने पर भी चर्चा की गई. किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगार युवाओं को नौकरियां, बेरोजगारी भत्ता, प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति, बिजली संकट जैसे मुद्दों पर भी तैयारी की गई. लेकिन बैठक का पूरा फोकस ‘मेघवाल प्रकरण’ से कम से कम डैमेज हो इस पर ही रहा.

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उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कांग्रेस और गहलोत सरकार को जमकर घेरा. राठौड़ ने कहा कि, ‘महिलाओं पर अत्याचार बढ़ा है. कानून व्यवस्था जर्जर हो गई है थाने और चौकियों में दुष्कर्म हो रहे है. बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है. कोविड काल में आपदा का शिकार हुए लोगों के परिजनों को मदद नहीं पहुंची है. इन सभी मुद्दों पर सरकार को घेरा जाएगा’. राठौड़ ने कहा कि भाजपा सदन में जनता की आवाज बनेगी

कैलाश मेघवाल विधायक दल की बैठक में नहीं हुए शामिल
अब बात करते हैं ‘लेटर बम’ गिराने वाले विधायक कैलाश मेघवाल की. मेघवाल ने भाजपा विधायक दल की बैठक से दूरी बनाई. बुधवार शाम तक गुलाबचंद कटारिया के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने पर अड़े मेघवाल ने अरुण सिंह की समझाइश पर यू टर्न जरूर लिया, मगर कटारिया की अध्यक्षता में होने वाली बैठक का ‘बहिष्कार’ कर साफ बता दिया कि कटारिया का विधानसभा में नेतृत्व उन्हें मंजूर नहीं!. मेघवाल ने कहा कि ‘मैं बीमारी की वजह से सदन देरी से आता हूं’. जब मेघवाल विधानसभा पहुंचे, तब तक विधायक दल की बैठक खत्म हो चुकी थी. मेघवाल के पार्टी विधायक दल की बैठक से दूर रहने के कारण भाजपा नेतृत्व ने राहत की सांस ली.

मेघवाल ने एक तीर से लगाए दो निशाने!
सूत्रों की माने तो मेघवाल ने एक तीर से दो शिकार किए. पार्टी आलाकमान तक संदेश भी पहुंचा दिया कि प्रदेश भाजपा में सब कुछ ठीक नहीं है. आज बैठक से दूरी बनाकर ये भी साफ कर दिया कि कटारिया को वो कभी अपना नेता नहीं मानते, क्योंकि वरिष्ठता में वो न केवल कटारिया से ग्यारह साल बड़े हैं, बल्कि उनका राजनीतिक वजूद उनके मुकाबले इक्कीस है.

‘बीजेपी में बिछी हैं कई बारूदी सुरंगें, जहां पैर रखो विस्फोट की संभावना’- जोशी
बीजेपी की कलह पर सबसे पहले मुख्य सचेतक महेश जोशी ने जमकर निशाना साधा. जोशी ने बीजेपी पर बोला करारा हमला बोलते हुए कहा कि, ‘भाजपा प्रतिपक्ष की सकारात्मक भूमिका नहीं निभा पा रही है. बीजेपी में जगह-जगह बारूदी सुरंग बिछी हुई हैं जहां पैर रखो, वहीं विस्फोट होने की संभावना बनी हुई है’. प्रोफेसर साहब ने कहा कि, ‘वरिष्ठ विधायक
कैलाश मेघवाल ने जैसे लेटर बम फोड़ा है वैसे कई बम बीजेपी में फूटने वाले हैं’. जोशी ने उम्मीद जताते हुए कहा कि, ‘हमें उम्मीद है, भाजपा सकारात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी’.

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प्रताप सिंह खाचरियावास ने बीजेपी को घेरा
इधर बीजेपी की कलह पर गहलोत सरकार के परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास ने जमकर कटाक्ष किए. प्रताप सिंह ने कहा कि, ‘विपक्ष को अब तो झूठ बोलना बंद करना चाहिए’. खाचरियावास ने BJP की आंतरिक गुटबाजी को लेकर कड़े प्रहार किए. खाचरियावास ने कहा कि, ‘बीजेपी के वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल ने ही सवाल खड़े किए हैं. कैलाश मेघवाल ने जो सवाल उठाए वो बिल्कुल सही हैं’.

‘भाजपा के नेता श्रीराम और महाराणा प्रताप का नहीं करते सम्मान’
खाचरियावास ने कहा कि, ‘बीजेपी की आज की सोच को मेघवाल ने बताया. बीजेपी के नेता श्रीराम और महाराणा प्रताप का सम्मान नहीं करते है. जिला प्रमुख के चुनाव के दिन जो इनका चेहरा देखा, जोड़-तोड़ पर जिला प्रमुख बना कर खुश हो रहे है’. बीजेपी नेताओं को एक बार पंचायत चुनाव के वोटों की तरफ देखना चाहिए. बीजेपी वोटों में पूरी तरह से पीछे रही. जनता ने कांग्रेस सरकार के विकास पर मुहर लगाई. विपक्ष को अब तो झूठ बोलना बंद करना चाहिए’.

शोकाभिव्यक्ति के बाद सदन की कार्यवाही की गई स्थगित
15वीं विधानसभा के छठें सत्र का दूसरा चरण आज से शुरू हुआ, शोकाभिव्यक्ति के बाद सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई. आज वंदे मातरम के साथ सदन की कार्यवाही शुरू हुई. विधानसभा सचिव ने राज्यपाल से अनुमोदित संशोधित विधेयक की जानकारी दी. स्पीकर CP जोशी ने राज्यपाल के संदेश के बारे में जानकारी दी. वकीलों की सुरक्षा के बारे में राज्यपाल का संदेश सुनाया. वकीलों का प्रतिनिधि मंडल पिछले दिनों राज्यपाल से मिला था.

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18 सितंबर तक चलेगी विधानसभा की कार्यवाही
वहीं विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की अध्यक्षता में कार्य सलाहकार समिति की बैठक में आगे की कार्यवाही तय की गई. विधानसभा की कार्यवाही 18 सितंबर तक चलाने का तय किया गया. कल यानि शुक्रवार को गणेश चतुर्थी का अवकाश रहेगा. सोमवार से पूरे सप्ताह विधानसभा की कार्यवाही चलेगी, 16 सितंबर को बाबा रामदेव जयंती की छुट्टी रहेगी. बीएसी की बैठक में पांच दिन में पारित होने वाले विधेयकों को भी फाइनल किया गया, विधानसभा में गहलोत सरकार 5 दिन में 12 बिल पारित करवाने की तैयारी में है.

ये 8 पुराने बिल भी पारित होंगे
दंड विधियां (राजस्‍थान संशोधन) विधेयक, एम.बी.एम. विश्‍वविद्यालय, जोधपुर विधेयक, रजिस्‍ट्रीकरण (राजस्‍थान संशोधन) विधेयक, राजस्‍थान पंचायती राज (संशोधन) विधेयक,राजस्‍थान विवाहों का अनिवार्य रजिस्‍ट्रीकरण (संशोधन) विधेयक,राजस्‍थान पशु चिकित्‍सा और पशु विज्ञान विश्‍वविद्यालय (संशोधन) विधेयक 2020, स्‍वामी
केशवानंद राजस्‍थान कृषि विश्‍वविद्यालय, बीकानेर (संशोधन) विधेयक 2020 और राजस्‍थान कृषि विश्‍वविद्यालयों की विधियां (संशोधन) विधेयक बहस के बाद पारित करवाए जाएंगे.

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