TMC से रिश्तों में आई कड़वाहट के बीच पीके व नीतीश की दोस्ती एक बार फिर परवान चढ़ती आ रही नजर!

नीतीश कुमार की जदयू के साथ सक्रिय राजनीति में आए थे पीके, दोनों के रिश्तों में आई खटास के बाद नीतीश ने 2020 में प्रशांत किशोर को कर दिया था बर्खास्त, हालांकि पीके खुद वापस नीतीश के साथ जुड़ना चाह रहे थे, शुक्रवार शाम को दिल्ली में पीके ने नीतीश कुमार से न केवल लम्बी मुलाकात की बल्कि उनके साथ भोजन भी किया

पीके व नीतीश की दोस्ती एक बार फिर.....
पीके व नीतीश की दोस्ती एक बार फिर.....

Politalks.News/Bihar-Delhi. देश के पांच राज्यों में जारी विधानसभा चुनाव के सियासी घमासान के बीच देश बाकी राज्यों में भी सियासत लगातार करवटें बदल रही हैं. एक तरफ जहां राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर (Prashant Kishore) और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सम्बन्धों के बीच कड़वाहट की खबरें आ रही हैं तो वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के साथ पीके की दोस्ती एक बार फिर परवान चढ़ती नजर आ रही है. देश के सबसे बड़े प्रोफेशनल रणनीतिकार माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने शुक्रवार शाम को सीएम नीतीश कुमार से न केवल लम्बी मुलाकात की बल्कि उनके साथ भोजन भी किया.

आपको बता दें, प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) के साथ सक्रिय राजनीति में कदम रखा था. लेकिन कुछ महीनों के भीतर ही दोनों के रिश्तों में खटास आ गई और नीतीश कुमार ने 2020 में प्रशांत किशोर को जनता दल यूनाइटेड से बर्खास्त कर दिया था. इसी के साथ पीके का राजनीतिक सफर जेडीयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के रूप में उनकी बर्खास्तगी के साथ समाप्त हो गया था. लेकिन हाल के साक्षात्कारों में, पीके ने नीतीश के साथ अपने सौहार्दपूर्ण संबंधों के बारे में कई बार बात की और कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री उन कुछ लोगों में से एक हैं जिनके साथ वह फिर से जुड़ना चाहेंगे. इसके बाद शुक्रवार को पहली बार दिल्ली स्थित बिहार के मुख्यमंत्री के आधिकारिक आवास पर पीके और नीतीश के बीच करीब दो घंटे की लंबी मुलाकात चली.

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इस मुलाकात को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि प्रशांत किशोर के साथ उनके पुराने संबंध हैं और उन दोनों की मुलाकात को लेकर ज्यादा कुछ नहीं लिखा-पढ़ा जाना चाहिए. वहीं, प्रशांत किशोर ने इस बातचीत को सिर्फ एक शिष्टाचार भेंट बताया है. प्रशांत किशोर ने कहा कि जब नीतीश कुमार ओमिक्रॉन से संक्रमित हुए थे, तो मैंने उनके स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए उन्हें फोन किया था. तब नीतीश कुमार ने मुझसे मिलने की इच्छा व्यक्त की थी और कल हम दोनों मिले. प्रशांत किशोर ने नीतीश के साथ अपनी मुलाकात को किसी और परिप्रेक्ष्य में देखने से इनकार किया और जोर देकर कहा कि राजनीतिक रूप से वे दोनों अलग-अलग हैं.

आपको बता दें, प्रशांत किशोर आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी पार्टियों को भाजपा के खिलाफ एकजुट करने के लिए बेहद सक्रिय हैं. वहीं दूसरी तरफ नीतीश कुमार की जेडीयू बिहार में भाजपा के सहयोग से सरकार चला रही है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का हिस्सा है. लेकिन बिहार में कई भाजपा नेता अलग अलग मुद्दों को लेकर खुले तौर पर नीतीश कुमार की आलोचना कर चुके हैं. दरअसल, जेडीयू ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा से काफी कम सीटें जीती थीं. उसके बाद से ही नीतीश कुमार भाजपा पर ‘अंकुश’ रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

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गौरतलब है कि वर्तमान में प्रशांत किशोर की कंपनी I-PAC, जो पिछले साल बंगाल चुनाव के बाद से तृणमूल कांग्रेस के साथ काम कर रही है, ममता बनर्जी और उनके बेहद महत्वाकांक्षी भतीजे अभिषेक बनर्जी के बीच बढ़े मनमुटाव में फंस गई है. ऐसे में नीतीश कुमार की पीके से साथ यह मुलाकात एक गहरे उद्देश्य की पूर्ति करती है. वहीं सीएम नीतीश के करीबी सूत्रों का कहना है कि उन्होंने भाजपा को संदेश देने के लिए प्रशांत किशोर के साथ अपनी बैठक को सार्वजनिक किया.

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