Politalks.News/Rajasthan. राजस्थान कांग्रेस में नए मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जारी सियासी घमासान के बीच राजनीतिक बयानबाजी अब और तीखी हो चली है. बीते रविवार को हुए हाईवोल्टेज सियासी ड्रामे के लिए पर्यवेक्षक अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे ने जहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को तकनीकी तौर पर क्लीनचिट दे दी है तो वहीं सीएम गहलोत के करीबी नेताओं, संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल, मुख्य सचेतक महेश जोशी और RTDC चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. वहीं दूसरी तरफ गहलोत गुट के मंत्रियों और विधायकों ने सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों पर जुबानी हमला तेज कर दिया है. इसी बीच इस पुरे घटनाक्रम में पायलट गुट की तरफ से पहली बार प्रतिक्रिया देते हुए सरकार में मंत्री मुरारी लाल मीणा ने कहा कि, ‘हमारे लिए जिस तरह की भाषा का उपयोग किया जा रहा है कि हम गद्दार हैं- इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता. ऐसा कहने वालों को अपने भीतर झांकना चाहिए.’
आपको बता दें, कांग्रेस की राजस्थान इकाई में संकट को लेकर पार्टी के पर्यवेक्षकों ने मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक के समानांतर विधायकों की अलग बैठक बुलाया जाना ‘घोर अनुशासनहीनता’ है. इसके कुछ देर बाद ही पार्टी के तीन नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब तलब किया गया. लेकिन नोटिस मिलने के बाद RTDC चैयरमेन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ से रहा नहीं गया और पायलट गुट पर निशाना साधत हुए राठौड़ ने अजीबोगरीब उदाहरण देते हुए कहा कि, ‘एक बार कोई लड़की घर से भाग जाती है तो क्या समाज फिर उसकी बात पर यकीन करता है क्या? पहले भी जिन गद्दारों ने भाजपा से मिलकर ग़ांधी परिवार और कांग्रेस के खिलाफ षडयंत्र रचकर प्रदेश की कांग्रेस सरकार गिराने की कोशिश की थी, तब भी इन गद्दारों की साजिश को हमने नाकाम कर सरकार को बचाया था. उस समय इन्ही गद्दारों ने इनकम टेक्स की रेड करवा कर डराने की कोशिश की थी. अब भी वही गद्दार षडयंत्र रचकर सत्ता पर काबिज होना चाहते थे, इनका यह षडयंत्र भी फैल कर दिया. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी ओर राहुल गांधी जी के सच्चे सिपाही है हम. हमें उन पर पूरा भरोसा है. हमारे नेता राहुल गांधी जी कहते हैं “डरो मत.’
धर्मेंद्र राठौड़ के इस बयान पर अब पायलट कैंप के तरफ से पलटवार करते हुए मंत्री मुरारी लाल मीणा ने देर शाम एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए बड़ी सधी हुई भाषा मे जवाब देते हुए कहा कि, ‘हाईकमान ने राजस्थान में आब्जर्वर भेजे थे लेकिन इन लोगों को कैसे पता लग गया कि, ये किसी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए आए हैं. इन्हें पहले उनकी बात सुननी चाहिए. वे आलाकमान के निर्देश पर सारा सर्वे कर के सारे विधायकों के विचार जानकार आलाकमान के पास जाते और जो हाईकमान फैसला करते हैं वो सभी को मानना चाहिए था. इन्होंने पहले ही ड्रामा कर दिया, पता नहीं हो सकता है इनको कोई शगुन आता होगा.’
मुरारी लाल मीणा ने आगे कहा कि, ‘वो कहते हैं कि 102 विधायकों में से ही मुख्यमंत्री बनना चाहिए लेकिन ऐसा है तो फिर हम मंत्री कैसे बनें? हम कांग्रेस में ही नहीं हैं क्या? हमने काम नहीं किया? क्या हमारा जनाधार नहीं है? क्या सचिन पायलट ने राजस्थान 5 साल तक मेहनत नहीं की थी क्या? क्या सचिन पायलट का राजस्थान में कोई जनाधार नहीं है? यदि ये लोग वास्तव में कांग्रेस के हितैषी होते तो आलाकमान की बात को मानते. इन्हें हाईकमान के फैसले का इंतजार करना चाहिए. पता नहीं हाईकमान का फैसला हमारे पक्ष में आता या उनके पक्ष में आता. हाईकमान जो भी फैसला लेता वो हमें भी मंजूर होता. लेकिन ये तो पहले ही विरोध करने लगे. एक तरफ तो वो लोग कह रहे हैं कि हाईकमान जो कहेगा वो हमें मंजूर है और दूसरी तरफ कह रहे हैं कि हम गद्दार हैं. पता नहीं क्यों वो लोग दोहरी बात कर रहे हैं. हम पुरे एक महीने तक दिल्ली रहे लेकिन कभी कांग्रेस या हाईकमान के लिए एक शब्द भी गलत नहीं कहा.’
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वहीं धर्मेंद्र राठौड़ के गद्दार वाले बयान पर पलटवार करते हुए मुरारी मीणा ने कहा कि, ‘हमारे लिए जिस तरह की भाषा का उपयोग किया जा रहा है कि हम गद्दार हैं- इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता. ऐसा कहने वालों को अपने भीतर झांकना चाहिए.’ वहीं प्रदेश के चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने हाल ही में बड़ा बयान देते हुए कहा था कि, ‘जो बीजेपी की गोद में जा बैठे, अमित शाह के ऑफिस में जा बैठे, हरियाणा पुलिस ने जिनको सुरक्षा दी क्या उन्हें आप मुख्यमंत्री बना दोगे? उसके बाद क्या राजस्थान की जनता हमको छोड़ेगी, क्या हम जीत के आ जाएंगे दोबारा? कोई नहीं जीतेगा, यहां भी पंजाब जैसे हालात हो जाएंगे. ये तो एक तरह से अमित शाह के आदमी को मुख्यमंत्री बनाना हो गया. जिन्होंने प्रदेश की सरकार गिराने की कोशिश की उन्हें हम पसंद नहीं करते, अगर आज चुनाव हो जाएं तो अच्छा है हम इस्तीफा देकर एक साल बाद चुनाव लड़ते उसकी जगह आज लड़ लेंगे, उसके लिए भी हम तैयार हैं.’
ऐसे में मंत्री नपरसादी लाल मीणा के बयान पर पलटवार करते हुए मुरारीलाल मीणा ने कहा कि, ‘जब तक इनको मलाईदार पद मिलते रहते हैं तब तक ये आलाकमान की बात करते हैं लेकिन जैसे ही इनको झटका लगता है तो ऐसी बातें करने लगते हैं. परसादी लाल मीणा आज चुनाव करवाने की बात कह रहे हैं लेकिन मैं उनसे पूछता हूँ कि 2008 में निर्दलीय के तौर पर परसादी लाल मीणा ने चुनाव क्यों लड़ा था. एक तरफ तो ये कहते हैं कि हम आलाकमान को मानते हैं, दूसरी तरफ से 102 से सीएम बनने की बात कहते हैं. परसादी लाल मीणा ने गलत आरोप लगाए हैं कि हम भाजपा की गोद में बैठ गए. हम केवल आलाकमान तक अपनी बात रखने गए थे.’ वहीं परसादी के चुनाव वाली बात पर मुरारी लाल मीणा ने कहा कि कौन कितने पानी में है, ये पता चल जाएगा, चुनाव तो होने ही हैं. अगर मध्यवधि चुनाव करवा दें तो भी ठीक या एक साल बाद तो चुनाव होने ही हैं, इसमें पता लग जाएगा कौन कितने पानी में है.’