Politalks.News/UttarPradesh. सोमवार को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव जेल में बंद बाहुबली विधायक रमाकांत यादव से मिलने पहुंचे. इटौरा स्थित जेल के अंदर अखिलेश यादव ने करीब एक घंटे तक रमाकांत यादव से मुलाकात की. यही नहीं रमाकांत यादव को बैरक से बाहर निकालकर अखिलेश यादव से मिलवाया गया. वहीं अखिलेश यादव के आगमन को देखते हुए शहर से लेकर इटौरा जेल तक जगह जगह पुलिस फोर्स तैनात की गई थी. अब सियासी चर्चा इस बात की है कि, जिस अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के दौरान आजमगढ़ आने की जहमत नहीं उठाई वो एकदम से वहां कैसे पहुंच गए? इसके पीछे की रणनीति को समझें तो अखिलेश 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. वहीं रमाकांत यादव से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने सूबे की योगी सरकार पर जमकर हमला बोला. अखिलेश ने कहा कि, ‘बीजेपी जानबूझकर समाजवादी पार्टी व विपक्ष के लोगों के पर मुकदमे लादे जा रही है. 2024 में सूद सहित आजमगढ़ की इस सीट को वापस लिया जाएगा.’
आपको बता दें, हत्या के प्रयास और जहरीली शराब कांड सहित अन्य मामलों में जेल में बंद फुलपुर पवई से सपा विधायक रमाकांत यादव से मिलने सोमवार को समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव जिला कारागार पहुंचे. एमएलसी चुनाव और फिर लोकसभा उपचुनाव में मिली शिकस्त के बाद ये अखिलेश का आजमगढ़ का पहला दौरा है. दो चुनावों में सपा को अपने ही गढ़ में मिली हार के बाद अखिलेश के इस दौरे को सीधे तौर पर 2024 लोकसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है. वहीं रमाकांत यादव से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने रमाकांत यादव एवं विपक्ष के अन्य नेताओं पर हो रही सरकारी एजेंसियों की कार्रवाई को लेकर कहा कि, ‘बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव की तैयारियों के तहत ही समाजवादी पार्टी और विपक्ष के नेताओं पर फर्जी मुकदमे लाद रही है. 20 वर्ष पुराने मामले में सरकार के इशारे पर विधायक रमाकांत यादव को जेल में बंद किया गया.’
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अखिलेश यादव ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, ‘रमाकांत यादव पर योगी सरकार लगातार झूठे मुकदमे लाद रही है और सरकार चाहती है कि वह जेल में रहें. महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों से बचने के लिए भाजपा ऐसे काम कर रही है. जानबूझकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश की जा रही है. साथ ही विपक्ष के नेता केंद्र सरकार के खिलाफ आवाज ना उठा सके इसके लिए ये लोग चिन्हित कर, झूठे मुकदमे लगाकर उन्हें जेल भेज रहे हैं.’
वहीं आजमगढ़ लोकसभा चुनाव में न आने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘इसकी समीक्षा हो गई है लेकिन आजमगढ़ की जनता पर समाजवादी पार्टी पर पूरा भरोसा है और वर्ष 2024 में सूद सहित इस सीट को वापस लिया जाएगा.’ ओमप्रकाश राजभर एवं कभी सहयोगी रहे दलों द्वारा अखिलेश यादव एवं उनकी पार्टी को लेकर बोलने पर कहा कि, ‘कोई क्या बोल रहा है, इस पर हमें कुछ भी नहीं कहना है. लेकिन समाजवादी पार्टी का सदस्यता अभियान समाप्त होने के बाद पार्टी बड़ा फैसला लेकर सरकार के खिलाफ खड़ी दिखाई देगी.’
वहीं दिल्ली की सियासत से जुड़े सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘न्यूयॉर्क टाइम्स लिख रहा है कि दिल्ली के स्कूलो में शिक्षा व्यवस्था अच्छी हुई है लेकिन इसे भी भाजपा स्वीकार नहीं कर पा रही है. बस, मुकदमा दर्ज किया जा रहा है. ऐसे ही अग्निपथ योजना के तहत 1 लाख 13 हजार नौजवानों ने अग्निवीरों के लिए आवेदन किया है लेकिन सरकार यह बताए कि कितने नौजवानों को नौकरी मिलेगी? मैं ये दावे के साथ कह सकता हूं कि, इनमें से दस हजार नौजवान घर वापस लौट लौट आएंगे.’ वहीं OBC जनगणना कराने के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि, ‘प्रदेश सरकार को ओबीसी और बहुजन समाज की चिंता नहीं है. बहुजन समाज की चिंता होती तो आउट सोर्स क्यों किया जाता, फौज का निजीकरण नहीं होता, जो लोग निजीकरण को बढ़ावा दे रहें तो यह बात समझ लिजिए कि बहुजन समाज के लोगों को हक व सम्मान नहीं मिलेगा.’
जब पत्रकारों ने अखिलेश यादव से नए गठबंधन के सवाल पर कहा कि, ‘बीजेपी ने इतना बड़ा गठबंधन कर लिया है कि किसी पार्टी को छोड़ेगी तब तो गठबंधन होगा.’ यहां अखिलेश यादव का सीधा इशारा सरकारी एजेंसियों के इस्तेमाल से जुड़ा है. क्योंकि देश के कई राज्यों में भाजपा सरकारी एजेंसियों के बदौलत विपक्षी दलों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. इसके लिए अखिलेश ने पश्चिम बंगाल एवं दिल्ली का उदाहरण भी दिया. वहीं सैफई मेडिकल कालेज में दिव्यांग छात्र की मौत पर सपा प्रमुख अखिलेश ने कहा कि, ‘अगर कोई जिम्मेदार है तो सबसे पहले वहां के वाइसचांसलर को हटाया जाना चाहिए. क्या वाइस चांसलर या सरकार ही उसकी जांच करेगी? वाइस चांसलर को हटाए बिना निष्पक्ष जांच नहीं हो सकती.’