Politalks.News/UttarPradeshPolitics. समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को विधान मंडल और विधायक दल का नेता (Leader of Opposition) चुन लिया गया है. विधानसभा चुनाव (Assembly Election) में मिली हार के बाद सपा ने आज शनिवार को विधायक दल की बैठक बुलाई. बैठक में सामाजिक सरोकार के मुद्दों पर योगी सरकार को सड़क से सदन तक घेरने की रणनीति पर चर्चा की गई. इसके साथ ही इस बैठक के जरिए समाजवादी पार्टी के यादव कुनबे में पुरानी चली का रही अंदरूनी लड़ाई एक बार फिर जगजाहिर हो गई है. आज हुई विधायक दल की बैठक में सपा विधायक और चाचा शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) को नहीं बुलाया गया. इस पर जहां शिवपाल यादव ने कड़ी नाराजगी जाहिर की तो वहीं अखिलेश यादव ने एक बार फिर चाचा शिवपाल यादव को बड़ा झटका देते हुए उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया.
दरअसल, विपक्ष में बैठने का जनादेश मिलने के बाद से ही अटकलें लगाई जा रही थीं कि इस बार शिवपाल यादव को विपक्ष का नेता भी बनाया जा सकता है. हालांकि, जब अखिलेश यादव ने सांसद पद से इस्तीफा देकर विधानसभा में रहने का फैसला किया तब ही यह स्पष्ट हो गया था कि अखिलेश खुद को ही विपक्ष का नेता बनाकर योगी आदित्यनाथ को सीधी चुनौती देंगे. लेकिन अखिलेश ने शिवपाल जो विधायक दल की बैठक में ही नहीं बुलाया, इस बात का अंदाजा तो खुद शिवपाल को भी नहीं था.
आपको बता दें, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का सपा में विलय करने के बाद प्रसपा के मुखिया शिवपाल यादव को सपा के चुनाव चिह्न पर ही जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़ाया गया था, जहां उन्होंने जीत भी दर्ज की है. ऐसे में शिवपाल यादव को पूरी उम्मीद थी कि विधायक दल की बैठक में उन्हें बुलाया जाएगा. इसी कारण दो दिन से उम्मीद लगाकर लखनऊ में डेरा डाले बैठे शिवपाल यादव ने विधायक दल की बैठक में नहीं बुलाए जाने पर नाराजगी भी जाहिर की है.
न्यूज एजेंसी से बातचीत में शिवपाल यादव ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि उन्हें जानकारी मिली की विधायक दल की बैठक होनी है तो वह लखनऊ में ही दो दिन से रुके हुए थे. शिवपाल ने कहा, ”मुझे पार्टी की बैठक में नहीं बुलाया गया है. मैं दो दिन से इंतजार कर रहा था, इस बैठक में शामिल होने के लिए मैंने अपने दूसरे सारे प्रोग्राम कैंसल कर दिए, लेकिन मुझे बुलाया नहीं गया. जबकि मैं सपा का विधायक हूं, फिर भी नहीं बुलाया गया. एक अन्य टीवी चैनल ने जब शिवपाल यादव से पूछा कि उनका अगला कदम क्या होगा तो उन्होंने अभी पत्ते खोलने से इनकार किया और कहा कि समर्थकों से विचार-विमर्श के बाद ही वह कोई फैसला करेंगे.
वहीं बैठक में अखिलेश यादव को विधायक दल का नेता बनाने का प्रस्ताव अवधेश प्रसाद ने रखा और विधान मंडल दल का नेता चुनने का प्रस्ताव लालजी वर्मा ने रखा. इसके बाद सभी विधायकों द्वारा अखिलेश यादव को सर्वसम्मति से विधायक दल और विधान मंडल का नेता चुना गया. इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा कि हम सदन में जनहित के मुद्दों को उठाएंगे और सरकार की ग़लत नीतियों का विरोध करेंगे. यादव ने कहा कि सरकार की ग़लतियों को उजागर किया जाएगा. वहीं शिवपाल यादव को बैठक में नहीं बुलाए जाने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि सहयोगी दलो की बैठक 28 मार्च को बुलाई गई है, जिसमें सभी सहयोगी दलों के विधायकों को बुलाया जाएगा.