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महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी (MVA) के आम चुनावों में प्रदर्शन के बाद आगामी विधानसभा चुनाव एक साथ लड़ने के ऐलान के बाद सियासत में बेचैनी महसूस होने लगी है. सबसे बेचैन तो अजित पवार लग रहे हैं जिनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में केवल एक सीट हासिल कर पायी थी. मोदी 3.0 कैबिनेट में जगह न मिलने पर विधायकों में पहले से ही नाराजगी के सुर स्पष्ट सुनाई दे रहे हैं. इसी बीच भतीजे रोहित पवार के एक दावे ने चाचा अजित पवार के होड़ उड़ा दिए हैं. रोहित के इस दावे के बाद एनसीपी में ‘खेला’ होने की आशंकाओं ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है. अगर ऐसा होता है तो आगामी विधानसभा चुनावों में अजित पवार की दयनीय स्थिति स्पष्ट होते दिख रही है.

महाराष्ट्र में अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले अंतिम सत्र होना है. उसके बाद चुनाव होंगे. इससे पहले राकांपा (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार के पोते रोहित पवार के दावे ने अजित पवार को करारा झटका दिया है. राकांपा (शरदचंद्र पवार) नेता रोहित पवार ने दावा किया है कि महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ राकांपा (NCP) के 18 से 19 विधायक राज्य विधानसभा के आगामी मानसून सत्र के बाद उनके पाले में आ जाएंगे. रोहित ने ये भी कहा कि उन्हें (विधायकों को) विधानसभा सत्र में भाग लेना है और अपने निर्वाचन क्षेत्रों के लिए विकास निधि प्राप्त करनी है, इसलिए वे सत्र समाप्त होने तक प्रतीक्षा करेंगे. राकांपा के 18 से 19 विधायक हमारे और शरद पवार के संपर्क में हैं. वे मानसून सत्र के बाद उनके पक्ष में आ जाएंगे.

आम चुनाव में रोहित पर कसा था तंज

इससे पहले अजित पवार ने अपने भतीजे रोहित पवार पर तंज कसा था. अब लग रहा है कि अपने दावे से रोहित ने उसी का जवाब अपने चाचा को भेजा है. दरअसल बारामति सीट शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले को अजित की पत्नी सुनेत्रा टक्कर दे रही हैं. जब सुप्रिया सुले के समर्थन में एक सार्वजनिक रैली के दौरान मंच पर रोहित पवार भावुक हो गए थे. बाद में सुनेत्रा के पक्ष में प्रचार करते हुए अजित पवार ने रोहित के भावुक होने का मजाक उड़ाया. अजित ने तंज कसते हुए कहा कि अब आंसू काम नहीं करेंगे. जिसे मैंने राजनीति सिखाई वो आज मुझ पर ही हमला कर रहे हैं.

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इससे पहले, सुप्रिया सुले के समर्थन में एक सार्वजनिक रैली के दौरान रोहित पवार भावुक हो गए थे. उन्होंने कहा, ‘जब पार्टी विभाजित हो गई, तो मैं कुछ पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ (शरद) पवार से मिला और उन्होंने मुझसे कहा कि जब तक हमारी पार्टी के युवा नेतृत्व न ले लें, मैं अपनी आंखें बंद नहीं करूंगा. मैं ये सब सुनकर भावुक हो गया था.’

पार्टी तोड़ सरकार में चले गए अजित

2019 के महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राकांपा ने 54 विधानसभा सीटें जीती थीं. साल 2023 के जुलाई महीने में जब एनसीपी के एक गुट को लेकर अजीत पवार अलग हो गए थे तो उन्हें 40 विधायकों का समर्थन प्राप्त था. एनसीपी ने पार्टी के चिन्ह पर भी दावा कर दिया था. ऐसे में शरद पवार के पास केवल 14 विधायक रहे गए थे. शरद पवार ने फिर से पार्टी खड़ी की और आम चुनाव में 9 सीटें जीतकर अजित पवार को मुंह तोड़ जवाब दिया है. यहां ​त​क कि बारामति सीट पर भी अजित पवार को मुंह की खानी पड़ी है.

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अजित पवार सरकार में उप मुख्यमंत्री हैं लेकिन उन्हें भी अब पार्टी में टूट की आवाज सुनाई दे रही होगी. बता दें कि विधानमंडल का मानसून सत्र 27 जून से शुरू होगा और 12 जुलाई को समाप्त होगा. अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले यह आखिरी सत्र होगा. सियासी गलियारों में सुगबुगाहट है कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर से खेल होना निश्चित है. इसके कुछ छीटें सीएम एकनाथ शिंदे की शिवसेना पर भी पड़ना निश्चित जान पड़ता है.

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