अग्निपथ योजना देश के युवाओं के साथ अन्याय, न तो रेंक मिलेगी न प्रमोशन और न मिलेगी पेंशन- बेनीवाल

लोकसभा में एक बार फिर देश के युवाओं की आवाज बने नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, नियम 377 के तहत लोकसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए केंद्र सरकार से पुरानी तर्ज पर सेना भर्ती रैलियों का आयोजन दो वर्ष की छूट आयु में देते हुए प्रारंभ करने की उठाई मांग साथ ही भारतीय सेना के साथ नेवी और वायुसेना की सभी लंबित भर्तीयों को भी पूरा करने का दिया प्रस्ताव

सदन में युवाओं की आवाज बने बेनीवाल
सदन में युवाओं की आवाज बने बेनीवाल

Politalks.News/Agnipath/HanumanBeniwal. केंद्र सरकार द्वारा सेना भर्ती को लेकर लाई गई अग्निपथ योजना का हिंसक घटनाओं को छोड़कर देशभर में विरोध अभी भी जारी है. केंद्र की इस योजना का सभी विपक्षी दल सड़क से लेकर संसद तक विरोध कर रहे हैं लेकिन केंद्र सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है. इसी कड़ी में गुरूवार को लोकसभा में नियम 377 के तहत चर्चा में भाग लेते हुए नागौर सांसद एवं RLP मुखिया हनुमान बेनीवाल ने एक बार फिर अग्निपथ योजना को वापस लेने की संसद में मांग उठाई. इसके साथ ही सांसद बेनीवाल ने सरकार को पुराने तर्ज पर सेना भर्ती रैलियों का आयोजन आयु में दो वर्ष की छूट देते हुए प्रारंभ करने की अपील की. साथ ही भारतीय सेना के साथ नेवी और वायुसेना की सभी लंबित भर्तीयों को पूरा करने की मांग भी उठाई. बता दें, इससे पहले सांसद हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना के खिलाफ जोधपुर में विशाल रैली कर केंद्र सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ये योजना वापस नहीं लेती है तो इसे लेकर देश में बड़ा आंदोलन होगा.

गुरूवार को संसद के मानसून सत्र के दौरान लोकसभा की कार्रवाई में भाग लेते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक व नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल ने नियम 377 के तहत अग्निपथ योजना के माध्यम से सेना में ली जाने वाली संविदा भर्ती के निर्णय को वापिस लेने की मांग उठाई. इस दौरान नागौर सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘अग्निपथ योजना के माध्यम से सेना जैसे संस्थान मे संविदा भर्ती का निर्णय किस भी दृष्टि से सही नहीं है. यह निर्णय न तो सेना में जाने के इच्छुक युवाओं के हित में है और न ही सेना के लिए सही है.’ सांसद बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘केंद्र सरकार के इस फ़ैसले के विरुद्ध मे राजस्थान सहित देश भर मे युवा आंदोलित है ऐसे में सरकार को युवा वर्ग की भावना को ध्यान में रखने की भी ज़रूरत है. क्योंकि अग्निपथ के माध्यम से ली जाने वाली भर्ती मे सेवा के चार वर्षो के बाद युवाओं के भविष्य पर भी सवालिया निशान है.’

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सांसद हनुमान बेनीवाल ने आगे कहा कि, ‘अग्निपथ योजना के तहत भर्ती होने वालो को न तो कोई रेंक मिलेगी और न ही कोई प्रमोशन मिलेगा और न ही कोई पेंशन मिलेगी. चार वर्षो के बाद किसी को रिटायर करके सरकार भेजेगी तो उसका आगे का भविष्य कैसे सुनिश्चित होगा यह चिंता का विषय है. सरकार ने इस योजना को आनन- फ़ानन में लागू करके देश के युवाओं के हितों के साथ अन्याय किया है.’ वहीं इस योजना को लेकर सरकार के दावे के संबंध में सांसद बेनीवाल ने कहा कि, ‘आज सरकार अग्निवीरों को रिटायरमेंट के बाद सार्वजनिक उपक्रमों में नौकरी देने की बात करती है लेकिन पूर्व सैनिको के लिए ग्रुप सी और ग्रुप डी में क्रमश 10 और 20 प्रतिशत आरक्षित होने के बावजूद हक़ीकत में 1.29 प्रतिशत और 1.66 प्रतिशत नौकरी ही दी जा सकी है.

केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि, ‘केंद्रीय सुरक्षा बलों में भी पूर्व सैनिको को 10 प्रतिशत नौकरी देने की बात कही गई लेकिन हक़ीकत यह है की 1 प्रतिशत से भी कम पूर्व सैनिको को नौकरी मिल पाई है. इसलिए सरकार को पुराने तर्ज पर सेना भर्ती रैलियों का आयोजन दो वर्ष की छूट आयु मे देते हुए प्रारंभ करने चाहिए.’ इसके साथ ही भारतीय सेना के साथ नेवी और वायुसेना की सभी लंबित भर्तीयों को भी पूरा करना चाहिए.’ वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग से जुड़े सांसद हनुमान बेनीवाल के कई सवालों का जवाब केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री ने दिया है.

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दरअसल, सांसद हनुमान बेनीवाल ने राज्य में केंद्र द्वारा 4772 किलोमीटर सड़को को राष्ट्रीय राजमार्ग में बदलने की घोषणा तथा फलौदी-नागौर- तरनाऊ-खाटू-नारायणपुरा-भाटीपुरा-दूदू खंड को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में घोषित करने तथा इस मार्ग की डीपीआर को लेकर हुई प्रगति से जुड़े सवाल पूछे थे. इसे लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने लिखित में जवाब देते हुए कहा कि, ‘बजटीय संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए यातायात, आर्थिक महत्व तथा अन्य सामाजिक आर्थिक विवेचना के आधार पर राज्य की सड़को को राष्ट्रीय राजमार्गों में अधिसूचित किया जाता है. इस समय नीति पर विचार विमर्श चल रहा है तथा इसे अंतिम रूप दिए जाने पर लागू किया जाएगा.’

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